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Dr. Pradeep Kumar

अगर सिर के बाल झड़ते हैं तो यह जांच जरुर कराएं । #Knowledge

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Dr. Pradeep Kumar

अगर सिर के बाल झड़ते हैं तो यह जांच तुरंत कराएं । #Motivational

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Rishabh Gupta

....कैसे रोके खुद को ‽ #yqdidi #yqbaba shayari #onsidedlove #ektarfapyaar #adhurakhwab #unconditionallove #unsuccessfullove

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कि,..टूट जाएगा वो ख्वाब मेरा,
ये जानकर भी तेरा ख़याल हर रोज करते हैं..,
कि, दूर हो जाएगी एक दिन तू मुझसे,
फिरभी हर रोज तुझसे मिला करते हैं।  ....कैसे रोके खुद को ‽
#yqdidi #yqbaba #shayari #onsidedlove #ektarfapyaar #adhurakhwab #unconditionallove #unsuccessfullove

idea Pappu 19

हंसी रोके #कॉमेडी

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कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद

बाल बाल.....कीर्तिप्रद

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बाल बाल

ले आज डूबती कश्ती को दरीया से निकाल

आया    तूफाँ   ;   देखों    बनके   महाकाल

चल   चाल   की   दुश्मन   हो   जाये   पस्त

तभी   बचेगें   हम  सब  आज    बाल  बाल

कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद बाल बाल.....कीर्तिप्रद

vimal Mehta

बाल बाल बचे #Comedy

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Anjal Singh

झड़ते हुए बालो पर मेरी छोटी कविता

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"केश"
..................
ऐ बाल प्रिये, तु इतना क्यो झड़ता है?
क्या नाराज है मुझसे?
जो यु रोज बरसता है।
ऐ बाल प्रिये, तु इतना क्यो झड़ता है?
तु सौंदर्य है मेरा, तब क्यो मुरझा सा जाता है?
तु तो शरीर का महत्वपुर्ण अंग कहलाता है।
तब मेरे जड़ो को क्यो नही मजबूती से पकड़ता है?
बोल किसके आँखो मे तु गड़ता है?
ऐ बाल प्रिये, तु इतना क्यो झड़ता है?
~अँजलि सिँह झड़ते हुए बालो पर मेरी छोटी कविता

Amit Sir KUMAR

#Parchhai शाख से कुछ पत्ते झड़ते हैं... #कविता

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Neha Mohan

रोके न कोई # #शायरी #nojotophoto

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 रोके न कोई #

Kaushal Kumar

#सफेद बाल-काले बाल #कविता

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असली - नकली  का  भेद  प्रिये,  अब  मुझसे  ना  होने  वाला।
बोलो क्यों केश करूँ काला।।

असली  में  अब   मैं   तरुण  नही, और न तुम ही अब तरुणी हो।
फिर क्यों मिथ्या दिखलाने की, कोशिश में मुझ पर बिगड़ी हो।
पैंतिस    से    पंद्रह   दिखने   का,  श्रम   मुझसे   ना   होने   वाला।
बोलो क्यों केश करूँ काला।।

कोई   कह   दे   मैं  वृद्ध  हुआ, तो  कहने  से  कुछ  फर्क  नही।
जो   यही   देखते   फिरते   हैं,  उनसे    मैं    करता    तर्क   नही।
सौंदर्यबोध    कर    वृत्तिनाश,   अब    मुझसे   ना   होने वाला।
बोलो क्यों केश करूँ काला।।

हाँ   बात   तुम्हारी   दीगर   है,  सब   तुमको  क्रोध  दिलाते  हैं।
तुमको   कह   वृद्धे   की   गृहणी,  वृद्धा   का   बोध  कराते  हैं।
पर  फिर  भी   ऐसी  बातों  से,  सच   झूठ   नही   होने   वाला।
बोलो क्यों केश करूँ काला।।

जो  धवल  रंग  से  नही  मिले, यदि  वह  काले  से  मिल  जाए।
ऐसा   क्षणभंगुर   क्या  पाना,  जो  चंद  दिवस  में  हिल  जाए।
अंदर -  बाहर  से  अलग - अलग,  देखो  मैं  ना  दिखने  वाला।
बोलो क्यों केश करूँ काला।।

©Kaushal Kumar #सफेद बाल-काले बाल
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