Find the Latest Status about टोले from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, टोले.
Shashi Bhushan Mishra
अपने-अपने टोले में ख़ुश, छोटा-बड़ा मझोले में ख़ुश, कुनबे का सरदार देख लो, थाली-पत्तल दोने में ख़ुश, अम्मा की रसोई में देखा, चम्मच-ग्लास भगोने में ख़ुश, चला गया घर-बार छोड़कर, बोझ स्वयं का ढोने में खुश, भाव बढ़ा इतराती सब्ज़ी, प्याज-टमाटर झोले में खुश, आइसक्रीम को कौन पूछता, बच्चा बर्फ़ के गोले में ख़ुश, गए राजसी ठाठ सभी के, 'गुंजन' भगवा चोले में खुश, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #अपने-अपने टोले में ख़ुश#
अनूप मल्होत्रा
हर घर राशन की दुकान है, आजकल हर घर में एक तराज़ू है। रिश्ते आजकल तराज़ू पर टोले जाते हैं। #hindi #life #zindagi #yqthoughts #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales
अनुज
मन की परतों को खोला जाए जो दिल में हो वो बोला जाए आस्तीन में छिपे हुए सब सांपों को टटोला जाए मन की परतों... विष को विष में घोला जाए मारा फिर एक संपोला जाए किसने डसा प्रेम में तुमको फेंका झूठा चोला जाए मन की परतों... इस टोले से उस टोला जाए घर में घर से हथगोला जाए जहां न तीर, कमान चले न आग लगाने शोला जाए मन की परतों... नफ़रत का जब झोला जाए मारा सबसे भोला जाए जब बिगड़ रहे हालात घरों के खुल के तब तो बोला जाए मन की परतों... ©अनुज मन की परतों को खोला जाए जो दिल में हो वो बोला जाए आस्तीन में छिपे हुए सब सांपों को टटोला जाए मन की परतों... विष को वि
yogesh atmaram ambawale
दूषित हवा वाढते प्रदूषण, नाकावर रुमाल बांधून जगतोय आम्ही जीवन. वाढतात वाहने नि टोलेजंग इमारती, रस्ता रुंदीकरणासाठी झाडे तोडत झाडे वाचवा च्या नुसत्याच गोष्टी. वाटले होते वाढते प्रदूषण ह्यावर ही लेख असावे, जनजागृती व्हावी त्यातून लोंकासही कळावे. वाचूनी नुसतेच लेख सुस्त न बसावे, वाढते प्रदूषण रोखण्यास आपणही पुढे यावे. शोधुनी कारणे जाणून त्यावर उपाय करावे, नुसतेच नाकावर रुमाल बांधून का बरे फिरावे. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा विषय आहे वाढते प्रदूषण.. वाढत चाललेला प्रदूषण ही एक मोठी समस्या आहे. चला तर मग आज यावर लिहुया. #वाढतेप्र
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ये वो दौंर है जहां कुछ । दूर्घटना पर अस्पताल से । पहले वीडियो वायरल करते है। मरने की हालत से देख सेल्फीं लिया करते है। बेखौंफ ख़्यालो में उस गरीब। से पूछों बस सुबह आंख खुलने । की प्रार्थना किए सो जाता है। ठिठुरती ठंड से बचने के लिए। ईटों को सर पर लाद । बच्चों को इज़्ज़त की रोटी । खिलाना चाहता है। एक कम्बलं की कमीं से । मौंत के घाट उतर जाता है। सड़क पर चलने वालों को । गाड़ी में बैठे गुरूंर में भरे मामूली इंसान समझते है। सब्रं कर बंदेया तेरी नज़रों में जो भी हो। प्रभु के दर सब एक की । कश्तीं में संवार होकर जाते है। तेरे करम तेरे सामने नज़र आते है। जो भी रहा तू फन्ने खां वहां जाकर । तेरे करम तराज़ू पर टोले जाने है। ये वो दौर है जिसमें... #दौर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ये वो द
Amar Anand
एक दिन के लिए ही सही चलो गाँव घूम आते हैं... पूरी कविता नीचे कैप्शन में... काशी से निज ग्राम प्रस्थान चलो चलें फिर से , वही गाम वही दलान जहाँ किये हमने आठों पहर गुणगान दिए हमने जहाँ सबसे कठिन इम्तिहान वही खेत वही खलिहान जहाँ नित भोर उठ.. बाग