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Rajan tiwari
fir vahin rehna h mujhe fir vahin rehna h mujhe ek sham nhi har sham bitana h unhi galiyon me har roj chalna h or bhtakna bhi h to unhi rasto par sona bhi usi chhat par h rona bhi usi kone me hai. khelna kudna usi mitti me h or simatna bhi usi mitti me h unhi hatho se khana h or dat bhi usi awaj me sunni h jhagadna bhi unhi se h or manana bhi unhi ko hasna bhi unhi ke vajah se h or hasana bhi unhi ko h fir vahin rehna h mujhe........ #poem #hindi
nita kumari
लिखने को तो तेरे ख्यालों को लिख लूंगा जमाना जवाब मांगेगा फिर मेरी हैसियत का,, ©nita kumari #poem #Hindi #Nojoto
nita kumari
इस जहाँ में सबको सब कुछ कहां नसीब होता है! जिसे बेइंतहा चाहो वो कहां करीब होता है! क़भी कुछ अधूरा सा रह जाता है जिंदगी में, जिसे सब कुछ मिले वही तो खुशनसीब होता है । ©nita kumari #poem #Hindi #Nojoto
Amol M. Bodke
शर्म से और भी लाल हो गया महक उसके बालों से ताजगी से भर गया। ©Amol M. Bodke #कविता #poem #Hindi
Sita Prasad
जब से तेरी सांस में घुल गई, समा महकती है कुछ अलग सी, गुलाब की खुशबू, मोगरा का खिलना, उपवन बन महकती हैं साँसें फूलों सी। ©Sita Prasad #love #poem #hindi
Vimal Kumar
hindi poetry ©Vimal kumar #poem #Hindi #hindi_poetry
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read moresrishti 🌎
बोलते सामने चार शब्द प्यार के पीठ पीछे बुराई करते , डरपोक , गीदड़ सारे है। रहते साथ पास ये, ना जाने क्यों , बनते रहते खास ये, करीबी, हमदर्द बन रिश्ते ये निभाते है, अगले ही पल असली रंग ये दिखते है। बाते अच्छी सच्ची करते दिल को ये छू जाते है, भोले - भाले प्यारे है, मुखौटा झूठ का लगाए ये सारे है। जो दिखते अच्छे न्यारे हैं , ये नकली चहरे सारे है। - सृष्टि जैन #InspireThroughWriting #poem #Hindi
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read morevani.voiceofheart
दिल और दिमाग की लड़ाई में, हमेशा दिल को ही हारना पड़ता है, इसलिए नहीं कि वो कमजोर है, बल्कि इसलिए क्योंकि उसे रिश्तों की कदर है। vani✍️✍️ #shayri#poem#hindi#
Shivaay Malviya
तुम वापस मत आना सुनो तुम अब गांव में ही बस जाना दो सुखी रोटी खाना पर वापस ना आना जानता हूं गांव की जमीन गिरवी रख आए थे । पर छुड़ाने को कुछ जोड़ नहीं पाए तुम दिन लगाना रात को घटाना पर वापस न आना । जानता हूं मां को वादा कर आए थे बहिन की शादी का खर्चा जोड़ने का मेहमान चार बुलाना मोहब्बत से थोड़ा ही खिलाना पर वापस ना आना हमने गंदी गालियां दी थी ना रहने को तुम्हे तुम्हारी खोली चुती थी न। किसी बड़ी बिल्डिंग के बाजू में स्कूल अलग थे न तुम्हारे बच्चो के तुम न जाने किस किस को हफ्ता चुकाते थे। ओर तुम्हे दिन हिन्न गरीब बेचारे कहते थे न खुद घरों में घुसकर तुम्हे सड़कों पर भूखा पैदल चलने के लिए मजबूर किया था न । बस !अब तुम वापस ना आना यकीन मानना यह सारे शब्द बदलेंगे बेचारा कों न। है अब शायद समझेंगे। #alone #poem #Hindi