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Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
White इश्क में नहीं रिस्क में समय बर्बाद करें क्योंकि इश्क में बर्बादी है और रिस्क में कामयाबी..!! ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #City #इश्क में नहीं रिस्क में समय बर्बाद करें क्योंकि इश्क में बर्बादी है और रिस्क में कामयाबी..!!
Devesh Dixit
दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात। खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।। मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार। जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।। अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार। एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।। कैसी ये दीवार है, होते सब आघात। बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।। कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल। अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दीवार #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही
INDIA CORE NEWS
Andy Mann
White दौर कागजी था.! पर देर तक खतों में,जज्बात महफूज रहते थे...!! अब मशीनी दौर है!उम्र भर की यादें,उंगली से ही डिलीट हो जाती हैं....!! ©Andy Mann #समय पथिक.. KhaultiSyahi Niaz (Harf) Sh@kila Niy@z 0 sana naaz poonam atrey Jack Sparrow Neel Sethi Ji Ak.writer_2.0 Ritu Tyagi Neelam Mo
Ankit Singh
वह समय आएगा जब मेरे जैसे लोग जानवरों की हत्या को वैसे ही देखेंगे जैसे वे अब मनुष्यों की हत्या को देखते हैं। ©Ankit Singh वह समय आएगा जब मेरे जैसे लोग जानवरों की हत्या को वैसे ही देखेंगे जैसे वे अब मनुष्यों की हत्या को देखते हैं #animals
Shivkumar
White { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस विचार को समझता हूं.. कम शब्दों में बहुत कुछ कहा जाता है ।। ∆ } मेँ भारत देश का रहने वाला हू हाथ में हर चीज़ आयताकार होनी चाहिए....!! ये बिजली कभी नहीं बचाएगी बील लेकिन माफ़ करें...!! मै कोई पेड़ नहीं लगाऊंगा बारिश लेकिन अच्छी...!! कभी शिकायत नहीं करूंगा लेकिन कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है....!! इन नेताओ का रिश्वत के बिना काम नहीं होगा लेकिन भ्रष्टाचार को ख़त्म होना ही चाहिए...!! मैं कचरा खिड़की से बाहर फेंक दूँगा लेकिन शहर में स्वच्छता की जरूरत है....!! मैं काम पर समय व्यतीत करूंगा लेकिन हर साल एक नये वेतन आयोग की जरूरत होती है....!! जाति के नाम पर रियायत मै लूंगा लेकिन यह मेरा देश धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए...!! मैं वोट देते समय जाऊंगा लेकिन ये जातिवाद बंद होना चाहिए...!! मैं इस टैक्स भरते समय उन कमियां ढूंढूंगा लेकिन ये विकास को पुरी मजबूती से ,होना या करना चाहिए....!! ©Shivkumar #VoteForIndia #Vote #चुनाव #मतदान #Politics { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस #विचार को
Ranjit Kumar
Santosh Jangam