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DR. SANJU TRIPATHI
तेरे प्यार को जीने का सहारा बनाया है हमने, और तूने ही अपने दिल से निकाला है हमें। जानता है तू हमारी चाहत की शिद्दत को, इसीलिए तो हरपल आजमाता रहता है हमें। #साहित्यिक सहायक
#साहित्यिक सहायक
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इश्क मेरा इश्क मेरा खुदा मेरी इबादत है, मेरे इश्क की जुदा हर एक आदत है। मेरा इश्क मेरे लिए खुदा की रहमत है, मेरा इश्क़ मेरे लिए बरकत ही बरकत है। खुदा ने जो पूरी की वो मेरी मन्नत है, मेरे इश्क से ही मेरी जिंदगी जन्नत है। मेरे इश्क से जीवन में मेरी खुशियां हैं, मेरे इश्क से ही मेरी सारी दुनियां है। इश्क का सजदा हम दिन रात करते हैं, इश्क खुदा ने जो बक्शी वो नैमत है। इश्क पर हम जान निसार करते हैं, ऐ मेरे इश्क़ हम तुझे बहुत प्यार करते हैं। इश्क की दुनियां के अब हम बादशाह हैं,इश्क की दुनियां के हम शहंशाह हैं। इश्क की खातिर ही तो हम यहां जिंदा हैं, इश्क़ से ही तो हम हमारी जिंदगी है। -"Ek Soch" # इश्क #साहित्य सहायक
# इश्क #साहित्य सहायक
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कर्म कर्मठ बनकर कर्म करो कर्म करने से तुम कभी ना डरो। श्रम करो अपनी किस्मत लिखो जीवन को यूं न व्यर्थ करो। बुद्धि, शक्ति,विवेक से अपना लक्ष्य को खुद निर्धारित करो। यह जीवन कर्म प्रधान है निरंतर भरसक बस प्रयास करो। अकर्मण्य बन किस्मत को न कोसो कर्मवीर बन भोग करो। सूर्य ऊर्जा,जल जीवन,धरा अन्न और पवन स्वांस को देखो। जग में सब कर्म कर रहे अपना उनका ही अनुसरण करो। तिनका तिनका जोड़े पंक्षी कुदरत भी अपना काम करे। जग है कर्मवीर से भरा अब तुम भी इसका भान करो। अच्छे कर्मों से धरा को स्वर्ग बनाओ निष्काम कर्म करो। कर्म से बनाओ बस मित्र, मित्र से ही सुख संसार भरो। दुनियां की छोड़ कर तुम नित्य ही बस अपने कर्म करो। -"Ek Soch" #कर्म #साहित्य सहायक
tarun shukla
Hindi shayari quotes कुछ ऐसा कर जाऊ किसी की रूह तक जाऊ इस मुकाम पर आऊ किसी के काम तो आऊ #NojotoQuote सहायक #रूह#motivation
सहायक #रूह#Motivation
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वतन वतन हमारा सबसे प्यारा और जगत में सबसे महान है। वतन हमारा हिंदुस्तान सारे जग की आन और शान है। सुभाष, भगत ने इसको अपना लहू देकर आबाद किया। हथियारों को हाथ लगाए बिना गांधी ने था संघर्ष किया। ईर्ष्या, द्वेष और नफरत का है यहां नहीं कोई भी स्थान। प्रेम, अहिंसा और विश्व बंधुत्व ही है बस इसकी पहचान। राम- कृष्ण की धरती है और ऋषि मुनियों की है खान यहां। कबीर, तुलसी और सूर के ज्ञान से मिलता है प्रकाश यहां। खेत और खलिहान भरे यहां पर, यहां आमों की अमराई है। गली-गली में गूंज महकते सरसों, मटर की फलियां गदराई हैं। -"Ek Soch" #वतन # साहित्य सहायक
#वतन # साहित्य सहायक
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मंजिल ***** साहस क्या हैं ???आज तुम्हें हम बताते हैं, इसके प्रत्यक्षदर्शियों से रूबरू तुम्हें कराते हैं, सूक्ष्म बीज के साहस को सलाम, चीर धरा का सीना तपता हैं , तूफ़ान झंझावत की मार भी सहता हैं, बन एक हरा भरा द्रुम सब को दे छाँव , नायाब साहस का पैगाम भी देता हैं, एक छोटी चींटी लेती हैं दाना उठा बार बार, गिरती हैं सम्भालती हैं कई बार, पर वह आत्मविश्वास से नही मानती हैं वो हार, जोड़ जोड़ वह दाना लगाती हैं अंबार, उसके इस नन्हें से साहस को सच मे नमस्कार, ऊसर भूमि में भी कई कमलरूपी कुटज लहलाते हैं, भीषण गर्मी में भी वो जाबाज लू भरी हवा से बाते करते हैं, पर कभी अपना धैर्य और मनोबल नही खोते हैं, साहस को अपना बरक़रार रखते है, एक छोटी सी चिड़िया अपनी नन्हीं सी चोंच से चुग चुग दाना ओर तिनका लाती हैं उन्मुक्त गगन से फिर भर भर चोंच से अपने चूजों को खिलाती हैं, जब इतनी नन्ही सी जान इतना जज्बा ओर साहस दिखाती हैं, तो आप अपने लक्ष्य को पाने से क्यो घबराते हैं, तो दोस्त हौसला करो बुलन्द ,साहस में अपनी भरो एक नई उमंग , उड़ने दे तू अपनी उम्मीद की पतंग,मिल जाएगी तुझें मंजिल-ए-जंग। #साहस #साहित्यिक सहायक
#साहस #साहित्यिक सहायक
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मंजिल अनजान थे तुम भी हमसे, अनजान थे हम भी तुमसे। चल रहे थे हम दोनों, अनजान सी ही एक डगर पर। मंजिल का न पाता था, ना दिखता था कोई किनारा। जो मिल गए तुम तो राह- ए -मुश्किल आसान हो गई। जब एक ही थी हमारी मंजिल तो चलते न साथ कैसे? मिलना लिखा था खुदा ने हमारा तो हम कैसे ना मिलते? अब जो मिल गए हैं तो संग ही चलेंगे संग में ही रहेंगे। राहों की हर मुश्किल को हम संग रहकर ही दूर करेंगे। अपने प्यार की राहों पर चलकर अपनी मंजिल को पाएंगे। अपनी मंजिल को पा कर हम उसे बहुत खूबसूरत बनाएंगे। प्यार से रहेंगे वहां और एक सुंदर सा आशियाना बनाएंगे। प्यार की राहों पर खुद ही चलेंगे वह दूसरों को भी सिखाएंगे। -"Ek Soch" #मंजिल #साहित्यिक सहायक
#मंजिल #साहित्यिक सहायक
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मोहब्बत- ए -यार ने हमको तोहफे में आंखो में अश्क, दिल में जख्म और बेवफाई की सौगात बेशुमार दी है। जानते थे हम की राह- ए -मोहब्बत में अजाब ही मिलती है, फिर भी न जाने क्यूं हमने तुमसे मोहब्बत बेहिसाब की है। #अजाब #साहित्य सहायक
DR. SANJU TRIPATHI
लेखक अपने दिल के जज्बातों को अपने अल्फाजों से जुबां देते हैं। हमारे अल्फाज सोए हुए दिलों में भी प्यार जगा देते हैं। हम चाहें तो अपने शब्दों से दुनियां की नींव हिला सकते हैं। हमारे अल्फाज वीरों के दिलों में देश प्रेम बढ़ा सकते हैं। कभी-कभी हमारे अल्फाज हमें खुद ही रुलाने लगते हैं। कभी-कभी अपने हालात कलम की जुबानी बताने लगते हैं। अपने मन की व्यथा, मन की खुशी शब्दों में जताने लगते हैं। दिल के अरमानों को हम लिखकर ही पूरा कराने लगते हैं। हां हम लेखक है अपने लेखन से कुछ भी संभव बना सकते हैं। रोतों को भी हंसा सकते हैं और सोतों को भी जगा सकते है। -"Ek Soch" #लेखक #साहित्य सहायक