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~anshul
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है, जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है!! @perceptions anshul #darkness पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है, जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है!! @perceptions anshul S
Anurag Upadhyay
#FourLinePoetry Vo chaand bhi chamke suraj se, jo raaton mai aksar dikhta hai... Mera haal hai vo mir taki sa ,tujhe haal na mera dikhta hai... Mai maangu khuda se tujhko, tu ek baar fir mujhko mil jaaye.... Par afsos hai mujhe takdeer par, mai jo maangu mujhe nhi milta hai.... ©Anurag Upadhyay I have spoken in these lines of Mir Taqi, who was a famous writer, I liked his two lines very much, so he is mentioned in the shayari. Those
Vaseem Akhthar
दिल-ए-मुज़्तर...! जाने कब ये तेरा वहम टूटेगा। पत्थर दिल है वो, भला पत्थर भी कभी पिघलेगा।। पगले..! क्यूं सींचता है आँसुओं से इस नहूसत को। तुख़्म-ए-ग़म से कभी बूटा-ए-ख़र्संद नही निकलेगा।। دلِ مضطر ! جانے کب یہ تیرا وہم ٹوٹے گا پتھر دل ہے وہ، بھلا پتھر بھی کبھی پگھلے گا پگلے ! کیوں سینچتا ہے آنسوؤں سے اِس نحوست کو تُخمِ غم سے کبھی بوٹہ اے خورسند نہی نکلے گا 💔😔🙏 दिल-ए-मुज़्तर= बेचैन दिल वहम= ग़लत फ़हमी, भ्रम सींचना= spraying of plants तुख़्म-ए-ग़म= ग़म का बीज बूटा-ए-ख़र्संद= ख़ुशी का पैदा #restl
Vaseem Akhthar
दिल-ए-मुज़्तर...! जाने कब ये तेरा वहम टूटेगा। पत्थर दिल है वो, भला पत्थर भी कभी पिघलेगा।। पगले..! क्यूं सींचता है आँसुओं से इस नहूसत को। तुख़्म-ए-ग़म से कभी बूटा-ए-ख़र्संद नही निकलेगा।। دلِ مضطر ! جانے کب یہ تیرا وہم ٹوٹے گا پتھر دل ہے وہ، بھلا پتھر بھی کبھی پگھلے گا پگلے ! کیوں سینچتا ہے آنسوؤں سے اِس نحوست کو تُخمِ غم سے کبھی بوٹہ اے خورسند نہی نکلے گا 💔😔🙏 दिल-ए-मुज़्तर= बेचैन दिल वहम= ग़लत फ़हमी, भ्रम सींचना= spraying of plants तुख़्म-ए-ग़म= ग़म का बीज बूटा-ए-ख़र्संद= ख़ुशी का पैदा #restl
Vandana
सुप्रभात🌺 सुबह सुबह का आलम मंत्रमुग्ध कर देने वाला ठंडी ठंडी पुरंवाई हौले हौले बहती जाती,,,,,, सूरज की चंचल किरणें नभ में फैलती जाती नीला आकाश स्वच्छ
Divyanshu Pathak
अण्ड-बण्ड कहना अब ट्रेंड हो गया है। मित्र बदल कर अब तो फ्रेंड हो गया है। फिसल जाती है ज़ुबान पर काबू नहीं! कहीं भेजाना था कहीं सेंड हो गया है। वह तो अब अफ़सर है कोई बाबू नहीं। दल बदलके फ़िर से अटेंड हो गया है। अब कहाँ मिलता है वो दौर ए सऊर ! बूटा-बूटा भी अब तो टेंड हो गया है। सुन कर मौज भी ख़ूब ली याद है ना! चुनावी रैलियों में म्युटेण्ड हो गया है। #मुहावरेवालीरचना_295 👉 अण्ड-बण्ड कहना मुहावरे का अर्थ ---- भला-बुरा कहना ------–------------------------------------------------------------
Hasanand Chhatwani
करके गुरु दीदार, दिवाली होती है पाके ये निराकार, दिवाली होती है (1) सतगुरु बूटा ने इक, दीया जलाया था जो गुरु अवतार बन के, जगमगाया था गुरुवचन
Dr Upama Singh
ख़ूबसूरत नुक़ूश उनका दिल में मेरे उतर गया उनकी पाकीज़गी मोहब्बत पाकर ख़ुद को खुशनसीब समझ बैठा ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "नुक़ूश" "nuquush" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है चेहरा मुहरा, बेल-बूटा, चित्र, रेखा
Vedantika
नज़रे जा टिकी नुक़ूश पर और मोहब्बत ख़ुद से हुई। आईने में आज फिर मेरी हसीं मुलाकात मुझसे हुई। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "नुक़ूश" "nuquush" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है चेहरा मुहरा, बेल-बूटा, चित्र, रेखा