Nojoto: Largest Storytelling Platform

New फड़का कीट Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about फड़का कीट from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फड़का कीट.

Stories related to फड़का कीट

    LatestPopularVideo

Kuldeep Singh

कीट नाशक #शायरी

read more
खरपतवार जैसी बढ़ रही है, जिंदगी में ये मुसीबत। 
कोई कीट नाशक का छिड़काव तो करो यारों, 
अच्छी फसल सारी खराब हो रही है।।


                 कुलदीप सिंह कीट नाशक

Praveen Jain "पल्लव"

#lonelynight कीट पतंगे जैसे मरते मानव है #nojotohindi #कविता

read more

Anamika

#गणित #गणितज्ञ ठहरे तुम #तूलिका मैं बावरी #गुणा_भाग में अव्वल रहे #कीट-पतंगों के पीछे थी मैं भागती #पातीइश्क़ #Tulikapraveen #तूलिकाकेरंगं

read more
   मैं और गणित जैसे छत्तीस का आंकड़ा,
  बेहिसाब उसके प्यार का , नैन मुझसे लगा पड़ा..

        उफ़्फ बलम जी.....
 #गणित 
#गणितज्ञ ठहरे तुम
#तूलिका मैं बावरी
#गुणा_भाग में अव्वल रहे
#कीट-पतंगों के पीछे थी मैं भागती
#पातीइश्क़ 
#tulikapraveen 
#तूलिकाकेरंगं

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“26/3/2022”*📚 📘 *“शनिवार”*🌟 # “मकड़ी का जाल” #“कीट” #Thoughts #“मनुष्य” #“लालच” #“विवेक” #“आकर्षित” #“जुए #“विनाश”

read more
*✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️*“26/3/2022”*📚 
📘*“शनिवार”*🌟 

आपने देखा होगा कि एक “मकड़ी का जाल” “कीट” को अपनी ओर “उकसाने” के लिए “आकर्षित” करता है
अपनी “चमक” से,अपनी “बुनावट” से
वैसे ही “जुए” का ये “खेल” “मनुष्य” को
 अपनी और आकर्षित करता है,
अंत में “मनुष्य” भी फंस जाता है इस जुए के खेल में, 
अंतर बस इतना है कि “कीट”
 जब इस “जाल” में फंसता है 
वो अपने “प्राण” गवा देता है,
“मनुष्य” जो “जुए के खेल” के “उकसावे” में आता है
 तो मनुष्य अपना “मान” और
 “धन” सबकुछ गवा देता है,
और अपना “विवेक” खो देता है किंतु 
आप अपना “विवेक” कभी मत खोईएगा,
आपके मन में “लालच” आ जाए और 
यदि आप “जुए के खेल” में “प्रवेश” कर जाओ,
तो स्मरण रखना कि लौटकर 
वापस आना लगभग “असंभव” है,
तो इस “विवेक का साथ” कभी नहीं छोड़ना,
क्योंकि “विनाश” के आने का 
“पहला संकेत” ही “विवेक” का जाना है...
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️ *“26/3/2022”*📚 
📘 *“शनिवार”*🌟 

# “मकड़ी का जाल” 

#“कीट”

Geekenchemicals

मूंगफली के प्रमुख कीट एवं उनका नियंत्रण , जानिए GEEKEN CHEMICALS कैसे करेगा इसके रोग खत्म https://help-for-farmers.blogspot.com/2022/10/Ma #विचार

read more
 मूंगफली के प्रमुख कीट एवं उनका नियंत्रण , जानिए GEEKEN CHEMICALS कैसे करेगा इसके रोग खत्म  
https://help-for-farmers.blogspot.com/2022/10/Ma

Ravendra

आम की बौर में गुजिया व भुन्गा कीट का प्रकोप,दवा छिड़काव में लगे बागवान बाबागंज।आम के पेड़ों में बौर निकल आया है। बागवान बौर में इन दिनों गु #न्यूज़

read more

gio creation

जिस प्रकार अमेजन के जंगलो के जानवरों से लेकर वहाँ के कीट पतंगे भी खतरनाक है उसी प्रकार तुम भी खतरनाक हो 😂😂😂😂😂😂😂😂giocreation #lost

read more
मेरी ख्वाहिश 
बस इतनी सी है।
मुझे इश्क अमेजन कि
तितली से है।।

©gio creation जिस प्रकार अमेजन के जंगलो के जानवरों से लेकर वहाँ के कीट पतंगे भी खतरनाक है उसी प्रकार तुम भी खतरनाक हो 😂😂😂😂😂😂😂😂#giocreation 

#lost

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

शिव कभी संततियों में भेद नहीं रखते, उनके लिए देव, दानव, मनुज, चर, जलचर, भूमिचर, कीट इत्यादि सब एक समान हैं, कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏 #writer emot #Shiva #Emotions #yqbaba #yqdidi

read more
शिवत्व को जिसने समा लिया
फिर वही शिव सम हो जाता है
काल और महाकाल फिर क्या
वह स्वयं ही शिव बन जाता  है
🌹 शिव कभी संततियों में भेद नहीं रखते, उनके लिए देव, दानव, मनुज, चर, जलचर, भूमिचर, कीट इत्यादि सब एक समान हैं, कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏

#writer #emot

Bhuwnesh Joshi

दिन-प्रतिदिन खिलते-बिखरते ये मनमोही पुष्प कभी आश्रय तो कभी भोजन भी बनते हैं कीट-पतंगों के..... पर टूटते नहीं.... जब तक एक मनुष्य इन्हें स्वा #Life #Love #Hindi #Fact #poem #Shayari #कविता #nojotohindi #nojotowriters #yellowflower #bhuwnesh

read more
दिन-प्रतिदिन खिलते-बिखरते ये मनमोही पुष्प
कभी आश्रय तो कभी भोजन भी बनते हैं
कीट-पतंगों के.....
पर टूटते नहीं....
जब तक एक मनुष्य इन्हें स्वार्थ से
तोड़ता नहीं
-भुवनेश

©Bhuwnesh Joshi दिन-प्रतिदिन खिलते-बिखरते ये मनमोही पुष्प
कभी आश्रय तो कभी भोजन भी बनते हैं
कीट-पतंगों के.....
पर टूटते नहीं....
जब तक एक मनुष्य इन्हें स्वा

Divyanshu Pathak

आसमान में बादल बनकर याद तेरी अब छाई है बिजली गुल है खूब तड़प है कीट पतंगे मच्छर भँवरे सबने राग सुनाई है कित जाके जा बैठी बैरन क्या मुझसे भी र #komal

read more
जाने चंदा से रूठी है क्यों चांदनी 
नींद भी रूठ बैठी मेरी आँख से !
रूठी रूठी ये सारी फिजायें लगीं
रूठ बैठा भृमर भी कमल पाँख से !
क्या हुआ है तुम्हें या नज़र है लगी
दिल में उतरे हो अब बनके एहसास से !
 आसमान में बादल बनकर याद तेरी अब छाई है
बिजली गुल है खूब तड़प है कीट पतंगे मच्छर भँवरे
सबने राग सुनाई है
कित जाके जा बैठी बैरन क्या मुझसे भी र
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile