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Shruti Rathi
कोढ़ जैसे रिश्ते को छोड़ देना ही बेहतर है ©Shruti Rathi #shrutirathi #Nojotooriginals #Shayari #शायरी #twoliner #कोढ़ #जैसे #रिश्ते #छोड़ #बेहतर
KP EDUCATION HD
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी । कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ ©KP STORY CREATOR #Shiv जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे
Pawan Singh Prajapati
हमारी ये ज़िंदगी, जिसे हम आला दर्जे की शानोशौकत से नवाजते है, जिसके लिए हम दुआए करते है आजादी की, तो कभी मौत से जिंदगी की दुहाई मांगते है, असल में ये बस एक सफर है, किसी दूर बशी अपनी मंजिल तक जाने का, जलाकर मांझी की हर एक हस्थी, खुद से खुद के मिल जाने का, असली मकसद को पाने का, यूं तो दुनिया रंगरीन है लेकिन, वो रंग जुड़ा ही रहता है, अलग-थलग पहचान है उसकी, हर दौलत से वो मैंगा है, कीमत है उसकी कोढ़ी जैसी, पर हीरों से भी मोल ना चुका पाओगे, मकसद जीने का वो रंग है, जब रंगै तो बस बेरंग नजर आओगे, यूं तो कहता आकाश है सबसे, पहचान वो ख्वाब जो दिलों के बस्ते है, हाथ थाम ले खुद से खुद का, काफिर ले साथी तो बस ये रास्ते है। ©Pawan Singh Prajapati हमारी ये ज़िंदगी, जिसे हम आला दर्जे की शानोशौकत से नवाजते है, जिसके लिए हम दुआए करते है आजादी की, तो कभी मौत से जिंदगी की दुहाई मांगते है,
RAVINANDAN Tiwari
#RIPPriyankaReddy भारी वेदना को क्या कुरेदना आदमी जानवर से बदतर बना वहशी झुंड का प्रचलन बनना क्या मर गई हमारी संवेदना दुःखद! #सामूहिक व्याभिचार समाजिक कोढ़।
RAVINANDAN Tiwari
#RIPPriyankaReddy न सुरक्षित कोई घर न सुरक्षित कोई डगर आखिर जायेंगी किधर श्रृष्टि संभव नहीं इनके वगैर नरपशुओं का ये कहर जगतजननी के उपर रोकने का प्रण ले सारा शहर ख़ुद से पूछो रे नर न होंगी ये अगर कहाँ से पाओगे माँ बहन और हमसफर नरपशुओं का वध से शायद हो डर थमना न सोंच बदले वगैर #सामूहिक व्याभिचार समाजिक कोढ़।
Parul Sharma
आतंकवाद का सिर्फ एक ही धर्म है बर्बरता, क्रूरता, विध्वशंता, अनैतिकता। आतंकवाद प्रकृति, विश्व व समाज सभी के लिये कोढ़ है। और आतंकवाद में लिप्त और भागीदार इंसान धरती पर सिर्फ और सिर्फ एक कलंक है। पारुल शर्मा पारुल प्रवचन जनहित में जारी #nojotohindi#nojoto#nojotoquotes#nojotoofficial#hindi#shayari#hindipoetry#poetry#sher#हिन्दीकविता#शेर#शायरी#क
Neena Jha
मोती कुछ तुम ले आना मेरी आँखों में, जिन्हें मैं खुशी कह दूँ, क्यों हर पल क़ीमती मोती झरें, जिन्हें सब कहते अश्रु, इस जहां में क्यों है ख़ुशी क़ीमती और आँसू हैं सस्ते, कोढ़ी के भाव बिकने लगे अब भाव सबके, प्यार, दोस्ती सिर्फ़ नामी बातें हुईं, क्यों ये मोती काग़ज़ों में बिकने लगे, रिश्तों के मोती हों या मोती के रिश्ते, मानो तो अमूल्य, न मानो तो महज़ किस्से। नीना झा #संजोगिनी ©Neena Jha #umeedein #Neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ शारदे 🙏 मोती कुछ तुम ले आना मेरी आँखों में, जिन्हें मैं खुशी
Neena Jha
मोती-से रिश्ते मोती कुछ तुम ले आना मेरी आँखों में, जिन्हें मैं खुशी कह दूँ, क्यों हर पल क़ीमती मोती झरें, जिन्हें सब कहते अश्रु! इस जहां में क्यों है ख़ुशी क़ीमती और आँसू हैं सस्ते? कोढ़ी के भाव बिकने लगे अब भाव सबके, प्यार, दोस्ती सिर्फ़ नामी बातें हुईं, क्यों ये मोती काग़ज़ों में बिकने लगे, रिश्तों के मोती हों या मोती के रिश्ते, मानो तो अमूल्य, न मानो तो महज़ किस्से। नीना झा #संजोगिनी ©Neena Jha #neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ शारदे 🙏 सादर प्रणाम मंच 🙏 विषय...मोती-से रिश्ते मोती कुछ तुम ले आना
S. Bhaskar
आव ना हमरे दूवरियां ममता के बढ़ाव अचरिया, ऐ मईया आव ना हमरे दूवरियां। नौ रूप के नया रंग भरल बा, देखी देखी ला भक्ति भवर के, बीच मझधार में मनवा चलल बा, तनी राह में कर अंजोरिया, ऐ मईया आव ना हमरे दूवरियां। दुर्गा हऊ काली हऊ हऊ माता रानी, तहरे के पूजे त्रिलोक के स्वामी, मनवा में बसल बाटे पाप के कोढ़वा, तनी हर ल ना हमरो बीमारियां, ऐ मईया आव ना हमरे दूवरियां। अबकी बरस देवी भोज कराईब, नौ देवी के अपना घरे ले आईब, लागल बाटे असरा कबसे तोहरे ए माई, आऊ ना सुनके पुकरिया, ऐ मईया आव ना हमरे दूवरियां। आव ना हमरे दूवरियां ममता के बढ़ाव अचरिया, ऐ मईया आव ना हमरे दूवरियां। नौ रूप के नया रंग भरल बा, देखी देखी ला भक्ति भवर के, बीच मझधार में म
Vedantika
उगले तो अंधा, खाए तो कोढ़ी है उलझ गई कितनी रिश्तों की डोरी है संभाले किसी एक को तो दूसरा रूठ जाता है कभी बेटे से कभी पति से रिश्ता बिगड़ जाता है कौन सही और कौन गलत ऐसे कैसे बताएं वो अपने घर की शांति को कैसे आग लगाए वो औरत की ज़िम्मेदारी निभाना इतना आसान नहीं फैसला किसी एक के हक में ऐसे कैसे सुनाए वो सभी की निगाहें है उस पर टिकी करती है सवाल क्या जवाब दे वो किसी को बन गया खुद सवाल ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_304 👉 उगले तो अन्धा, खाए तो कोढ़ी लोकोक्ति का अर्थ ---- दुविधा में पड़ना। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना