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SURAJ आफताबी
अधरों से अधरो की संधि क्या अद्भुत संगम वेला होगी होगा शेष प्रतिकार अन्तर्मन का निष्पादित जब आलिंगन को तर करती तेरी स्मित रेखा होगी ! उर्मियाँ तेरे देह की इक समर अविजित नजरें ही मेरी कृपाण व शमशीरे होंगी नितान्त क्षणों पर आच्छादित होगा प्रतिमान तेरा-मेरा गूँज करती शान्त वातावरण में सिर्फ़ साँसों की लकीरे होंगी ! प्रतिकार-बदला निष्पादित- पूरा होना स्मित रेखा - मुस्कान समर- युद्ध नितान्त- अकेला, जहाँ कोई न हो आच्छादित- छाया हुआ प्रतिमान - परछाई #love #
प्रतिकार-बदला निष्पादित- पूरा होना स्मित रेखा - मुस्कान समर- युद्ध नितान्त- अकेला, जहाँ कोई न हो आच्छादित- छाया हुआ प्रतिमान - परछाई love # #Hindi #yqbaba #mohabbat #yqdidi #surajaaftabi
read moreRajan Patel
अगर तुम्हें हो बिहार को जानना जो तुम्हें हो बिहारी को पहचानना तो बस एक काम करना छठ पुजा आ गया है बस एक बार जरा बिहार पधारना ©Rajan Patel #proudtobeabihari #iambihari #iamfrombihar #bihariboy #biharkishan #biharkias #biharibabu #BIHARI
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read moreनितिन कुमार 'हरित'
धवल माह नव, धवल अरुण नव, धवल अखिल आच्छादित ये रव । धवल चंद्र नव, धवल हर्ष नव , शुभ शुभ अति शुभ, धवल वर्ष नव।। सनातन नव वर्ष २०७७ की अनंत शुभकामनाएं । - नितिन कुमार हरित धवल माह नव, धवल अरुण नव, धवल अखिल आच्छादित ये रव । धवल चंद्र नव, धवल हर्ष नव , शुभ शुभ अति शुभ, धवल वर्ष नव।। सनातन नव वर्ष २०७७ की अनंत श
Hum&Tum
ओ लड़की ! तुम स्वयंभू हो इस ब्रह्माण्ड का अमोघ तुम हँसों ! खूब हँसों ताकि गुदगुदा जाएँ ईश्वर की पसलियाँ तुम मसान की मिट्टी से बनी हो हर कण आच्छादित तुम रोओ ! खूब रोओ ताकि डूब जाए नौका नोह की ! ओ लड़की ! तुम स्वयंभू हो इस ब्रह्माण्ड का अमोघ तुम हँसों ! खूब हँसों ताकि गुदगुदा जाएँ ईश्वर की पसलियाँ तुम मसान की
ओ लड़की ! तुम स्वयंभू हो इस ब्रह्माण्ड का अमोघ तुम हँसों ! खूब हँसों ताकि गुदगुदा जाएँ ईश्वर की पसलियाँ तुम मसान की #विचार
read moreNitin Kr Harit
धवल माह नव, धवल अरुण नव, धवल अखिल आच्छादित ये रव । धवल चंद्र नव, धवल हर्ष नव , शुभ शुभ अति शुभ, धवल वर्ष नव।। सनातन नव वर्ष २०७७ की अनंत शुभकामनाएं । धवल माह नव, धवल अरुण नव, धवल अखिल आच्छादित ये रव । धवल चंद्र नव, धवल हर्ष नव , शुभ शुभ अति शुभ, धवल वर्ष नव।। सनातन नव वर्ष २०७७ की अनंत श
Shree
आच्छादित उद्वेलित जग.. भंवर से पार नव उद्गार होऊं, परिलक्षित प्रहरी बन यह तन छोड़, जग के पार होऊं, कछु कृपा करहुं त्रिपुरारी, सर्वबंधन बाधा मुक्त होऊं, ले लगत लागत है अपरिहार्य... लत-रत जग क्षण-क्षण बौराये! आच्छादित उद्वेलित जग.. भंवर से पार नव उद्गार होऊं, परिलक्षित प्रहरी बन यह तन छोड़, जग के पार होऊं, कछु कृपा करहुं त्रिपुरारी, सर्वबंधन बा
आच्छादित उद्वेलित जग.. भंवर से पार नव उद्गार होऊं, परिलक्षित प्रहरी बन यह तन छोड़, जग के पार होऊं, कछु कृपा करहुं त्रिपुरारी, सर्वबंधन बा #yqhindi #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #ajot_life
read moreSK pant
नूनं भवन्त: परिवीक्षितनेत्रसौख्या: चन्द्रं यथा कमलिनी नदीपूर्णवेगा: स्निग्धा लता भवतु तत्र नु,, मे प्रियायाम् एकस्थितं सकलनेत्रप्रियं विभाति || निश्चित रूप से आपने नेत्रों को प्रिय लगने वाली हर चीज देखीं हैं जैसे कि चांद, कमलिनी, नदी, और सुन्दर पुष्पों से आच्छादित लता आदि आदि... इन स
निश्चित रूप से आपने नेत्रों को प्रिय लगने वाली हर चीज देखीं हैं जैसे कि चांद, कमलिनी, नदी, और सुन्दर पुष्पों से आच्छादित लता आदि आदि... इन स
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
'लता' हूँ मैं काट दो तुम स्नेह जड़ें मेरी प्रेम-आच्छादित फ़िर भी रहूँगी बढूँगी कर स्पर्श तुम्हारा नई जड़ें में जमा ही लूँगी छायी रहूँगी प्रेम-घन सी आलिंगन में समेटे रहूँगी भूल जाओगे अपना पृथक अस्तित्व मैं यूँ तुम्हें नेह-रस सिंचित करूँगी..! 🌹 'लता' हूँ मैं काट दो तुम स्नेह जड़ें मेरी प्रेम-आच्छादित फ़िर भी रहूँगी बढूँगी कर स्पर्श तुम्हारा नई जड़ें में जमा ही लूँगी छायी रहूँगी प्रेम-घ
'लता' हूँ मैं काट दो तुम स्नेह जड़ें मेरी प्रेम-आच्छादित फ़िर भी रहूँगी बढूँगी कर स्पर्श तुम्हारा नई जड़ें में जमा ही लूँगी छायी रहूँगी प्रेम-घ #प्रेम_रचना #mनिर्झरा #योरकोट_हिंदी #योरकोटबेस्टकॉट्स #प्रेमलता
read moreKamaal Husain
देश मेरा बाकी देशों से लगता मुझे महान इसीलिए हम देश के खातिर दे सकते हैं जान Read in caption अखिल विश्व का अद्भुत गौरव, जन मानस की शान है। चतुर्पटल अवांछित करता, हिमगिरि का अभिमान है। दक्षिण हिन्द भी नतमस्तक हो, करता स्नेह प्रणाम
अखिल विश्व का अद्भुत गौरव, जन मानस की शान है। चतुर्पटल अवांछित करता, हिमगिरि का अभिमान है। दक्षिण हिन्द भी नतमस्तक हो, करता स्नेह प्रणाम
read morevinay vishwasi
कोयल ने छेड़ी मीठी तान। शुरू हुआ भ्रमरों का गान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। आम्रमंजरी से आच्छादित। हुए मनुज सब आह्लादित। गेहूँ की बाली को लखकर, प्रफुल्लित हो गये किसान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। 24/03/2020 नव पल्लव संग मलयानिल। किरणों से करती झिलमिल। -विश्वासी वायुमंडल भी हुआ सुरभित, झूम रहा करके गुणगान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। शीत की शीतलता जाने को। शनैः - शनैः ग्रीष्म आने को। है पूरित सकल आयोजन, वृक्षों का परिवर्तित परिधान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। #वसन्त_आगमन #विश्वासी कोयल ने छेड़ी मीठी तान। शुरू हुआ भ्रमरों का गान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। आम्रमंज
#वसन्त_आगमन #विश्वासी कोयल ने छेड़ी मीठी तान। शुरू हुआ भ्रमरों का गान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। आम्रमंज
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