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Rajesh Raana
सरसों फूली पिली पिली , गेहूं की बालियां सपनीली, पेंच दे रही ज़िन्दगी लेकिन , उड़ी अपनी पतंग रंगीली । (१) आओ मिलकर ख़ाब गिनाए, किसके ज्यादा किसके कम । उम्मीदों की डोर से बंधकर, उड़े अपनी पतंग हरदम । (२) हैं ज़िन्दगी गर पथरीली , तो पत्थरचट्टा क्यों न उगाये । सबकों ख्वाहिश है फूलों की , हम तुम काँटो को रिझाये । (३) है धुंआ अगर ज़िन्दगी तो , इसको छल्लों में उड़ाए । ज़िन्दगी है अगर पतंग तो , सातवे आसमा पर उड़ाए । (४) जीवन सुखदुख भरी टोकरी , अपनी पसंद की खुशियां छाँटे । जिस तक न पहुँची है अब तक , उस तक खुशियो के पल बांटे ।। ( ©Rajesh Raana #makarsakranti #life #Festival #Nojoto सरसों फूली पिली पिली , गेहूं की बालियां सपनीली, पेंच दे रही ज़िन्दगी लेकिन , उड़ी अपनी पतंग रंगीली ।
Meenakshi
जिसकी पहली छुअन अब तक हाथों से छूटी नहीं नहीं बर्फ़ हुए अब तक जिसके साथ बिताए सावन भी हाय कैसे भुला दूं उसको कहो यारों कैसे भुलाऊं भला ? जिसकी तस्वीरें फाड़ देने पर ख़ुद ब ख़ुद जुड़ जाया करती हैं रातों में जिसकी सासें अब तक महकती हैं तकिए पर हाय कैसे भुला दूं उसको यारों कहो कैसे भुलाऊं भला ? वो जो कहता था .. उसकी दी बालियां ही सजती हैं मुझपर वो बुलाता जब ' हूर ' मुझे तो रश्क होता था खु़द पर आज वो दूर जा बैठा है मेरी हस्ती भुला कर उफ़! क्या सितम है ये भी मैं सिंगारदान में आज भी बस उसी की बालियां सहेजे बैठी हूं ! ©Meenakshi #BanjaaranSoul ' उसकी दी बालियां '
Nisheeth pandey
शीर्षक - वो लड़की ➖➖➖➖➖➖➖ वो लड़की जिसकी हर बात बातूनी सी लगती इत्र सा एहसास फूलों सी मुस्कान खेतों सी हरियाली लगती जब भी भेजती प्रेम पत्र पढ़ने में कविताएं लगती मेरा एक एक खत वो भी सम्भाल कर रखती उसके हर ख़त में मिलता एक गुलाब उपहार में उसके कानों की बालियां उसके संग मानों झूमती उसके दिल के सारे राज़ मानों समझती वो कविता सी चहकती उसकी सादगी मन को भाती वो लड़की लहरों सी जो चंचल लगती मेरे संग जब बैठती उंगलियों से उंगलियां जोड़ दिल बनाती मानों अपने दिल से मेरे दिल जोड़ दो दिल बनाती अपनी आंखों से मेरी आंखें लड़ाती जितने पर आँख मार क्या खुंब शरमाती वो लड़की जिसकी रूह में कभी मैं बसता मेरे संग चांद को देख कर कहती देखो जरा मेरे चांद को जो इश्क के सिवा और कुछ ना चाहता वो लड़की जो महसूस करना जानती थी मेरे ठहराव को जो डूबना जानती थी अपनी प्रेम की गहराईयों में वो सरल थी पर एक रहस्यमय भी वो खौफ में रहती अकेलेपन की परछाइयों से वो लड़की जो संयम और सब्र का बांध बांधे बैठी उसे इंतज़ार रहता उसे मैं कहानी सुना कर सुलाऊ मैं मिलना चाहता हूं उस लड़की से फिर से किसी रोज़ एक मेज पर दो कप चाय के साथ देखना चाहता हूं उसके मेरे अधूरेपन का साथ..... वो लड़की जिसकी हर बात बातूनी सी लगती #निशीथ ©Nisheeth pandey #dodil वो लड़की जिसकी हर बात बातूनी सी लगती इत्र सा एहसास फूलों सी मुस्कान खेतों सी हरियाली लगती जब भी भेजती प्रेम पत्र पढ़ने में कविताएं
Sawan Sharma
Mohan Sardarshahari
पक्की गेहूं की बालियां खिलने लगा मेरा चेहरा कानों तेरे सजाऊं बालियां बन मधुमास तू मेरा।। ©Mohan Sardarshahari # बालियां
Qalb
लाया हूँ तेरे लिए चांदी की बालियां... अपने कानों में डाल के इसे सोना बनाइये... #बालियां