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omkar kasera anubhav
जवां दिल है मगर मुस्कुराने का मन नहीं, जल रही है दुनिया मेरी तरक्की को देखकर, अब और कमाने का मन नहीं। जल रही है दुनिया।
Kumar vishal rawat
#DelhiPollution दिल्ली वालों की अब दिल नही स्वासनली जल रही है। #Delhipollution स्वासनली जल रही है।
Kirti Goel
कहीं आज़ादी के नारे कहीं नफरत के अंगारे संप्रयादिक्ता के बीच मेरी दिल्ली जल रही है ।। फ़्री बिजली और पानी के चक्कर में मुफ्त में ज़ाने जा रही है हिन्दू मुस्लिम के चक्कर में मेरी दिल्ली जल रही है ।। कभी पत्थर कभी तेज़ाब जलते घर जलती दुकान जनता की रक्षा करते करते जाने कितने रतनलाल और अंकित मर मिटे है !! जामिया से शुरू हुआ जो दंगल शाहीन बाग़ में बड़ा हुआ जाफराबाद पहुंचते पहुंचते जाने कितनी ज़ाने लील गया । जिन सरदारों ने शाहीन बाग़ में लंगर खिलाया भूखों को उन्हीं के खून के प्यासो ने जलाकर टायर फैक्ट्री कैसा कर्ज चुकाया तुम खुद देखो। स्कूल हुए बंद, परीक्षाएं भी हो गई रद्द जलते पेट्रोल पंप के बीच दिल्ली कैसे जल रही है गन्दी पॉलिटिक्स के बीच दिल्ली देखो जल रही है। ये कोई नई बात नहीं है सियासत बरसो से ऐसी ही है पर कब तक मासूम चड़ेंगे बली बात बस इतनी सी है बीजेपी, कांग्रेस, आप के चक्कर में दिल्ली देखो जल पड़ी है!! जल रही है दिल्ली !!
Vikas sharma
शबनम गिर रही है छत है की जल रही है दिल का हाल क्या कहें हम हसरते कतरा कतरा पिघल रही है ©Vikas sharma छत जल रही है
Gian Gumnaam
ये जिंदगी ऐसे क्यूं ढल रही है कुछ तो कमी है जो खल रही है धीरे धीरे से हवा जो चल रही है महक में अलग सी आहट है कुछ यादें जल रही है ©Gian munkan wala यादें जल रही है
pramod malakar
जल रही है धरती 00000000000 जल रही है धरती,फैल रहा है आतंकी धर्म, आती नहीं है थोड़ा भी,अधर्मियों को शर्म। कौन किसको कैसे समझाएं, हिंसा नहीं अहिंसा है मानव धर्म। चक्की में पीस रहा है आतंक से भविष्य, धरती का बदल रहा है रक्तपात से दृश्य। अग्नि ज्वाला में जल रहा है मानवता का जीवन, काला धुंआ छा रहा है,जहर फैला रही है पवन। उजड़ रही है धरती से,इंसानों की बस्ती, मीट रही है धीरे-धीरे अब संस्कार की हस्ती। प्रफुल्लित हो रहा है हैवानो का करम, जल रही है धरती,फैल रहा है आतंकी धर्म।। ००००००००००००००००००००००००००००० प्रमोद मालाकार कि कलम से 22.10.2023 ©pramod malakar #जल रही है धरती।
TAHIR CHAUHAN
इक आग जल रही है वो उम्र ढल रही है जाने क्यूं अब। लगने लगा है ऐसा। वकत के हाथो से। जिंदगी फिसल रही है। इक आग जल रही है। वो उम्र ढल रही है। ताहिर।।। इक आग जल रही है।
Pratibha Tiwari(smile)🙂
इक आग जल रही है वो उम्र ढल रही है कहने को तो इंतेज़ार का एक पल भी शादियों के बराबर है, इक पल का भी प्यार मुझसे चूक ना जाए इस दुविधा में रातें अब कट रही हैं। एक आग जल रही है। #नोजोटो#