Find the Latest Status about पल्लवन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पल्लवन.
Alok Vishwakarma "आर्ष"
जिनके तन तनय बने जीवन, जिन तरु की हम पर छाया है । जिन वरद हस्त आशीष धरें, जननी की असीमित काया है ।। भव भावन दर्पण छवि छजे, सारांश काव्यरस तरते हैं । शब्दाक्षर जिन बह धार भजे, वृन्दार्ष समर्पण करते हैं ।। मेरी माँ, मेरी जननी,मेरी प्रीत,मेरा अनुराग, मेरा स्नेह,मेरा विश्वास और मेरा सौभाग । हृदयंग पल्लवन ममता का, विषमता में शिखर सुगमता का ।। माँ
मेरी माँ, मेरी जननी,मेरी प्रीत,मेरा अनुराग, मेरा स्नेह,मेरा विश्वास और मेरा सौभाग । हृदयंग पल्लवन ममता का, विषमता में शिखर सुगमता का ।। माँ #dedicated #yqbaba #yqdidi #14april #3Jan #yqmotherslove #vrindasays #alokstates
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा। ©HINDI SAHITYA SAGAR #Sukha सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत्
#Sukha सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत् #कविता #hindisahityasagar #poetshailendra
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
सूखकर डाली से अपनी होता विलग पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आता है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा। ©HINDI SAHITYA SAGAR #BehtiHawaa सूखकर डाली से अपनी होता विलग पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आता है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में
#BehtiHawaa सूखकर डाली से अपनी होता विलग पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आता है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में #कविता
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा। ©HINDI SAHITYA SAGAR #Childhood सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में
#Childhood सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में #Hindi #कविता #hindi_poetry #hindi_shayari #hindisahityasagar
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा। ©HINDI SAHITYA SAGAR #WorldEnvironmentDay सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा।
#WorldEnvironmentDay सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। #Hindi #tree #कविता #hindi_poetry #hindisahityasagar
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा। ©HINDI SAHITYA SAGAR #Pattiyan सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में
#Pattiyan सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में #Hindi #कविता #hindi_poetry #hindi_shayari #hindisahityasagar #poetshailendra
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
हाय! हर पल हो रही इस पीर का क्या अंत नहीं? क्रूर नज़रों से टटोलती नज़र का क्या अंत नहीं? नर नहीं है वह नराधम है पिशाच जीवंत नहीं। कर सके जो भर्त्सना न कुंठित कुत्सित कृत्य की। क्या कभी होगा उदय न रवि जो अस्ताचल गया? क्या कभी होगा न सुरभित पुष्प जो मुरझा गया? क्या कभी बरसेगा न पहले सा वह सावन यहाँ? क्या कभी होगा न अब पहले से वह मौसम यहाँ? सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा। ©HINDI SAHITYA SAGAR #moonnight हाय! हर पल हो रही इस पीर का क्या अंत नहीं? क्रूर नज़रों से टटोलती नज़र का क्या अंत नहीं? नर नहीं है वह नराधम है पिशाच जीवंत नहीं।
#moonnight हाय! हर पल हो रही इस पीर का क्या अंत नहीं? क्रूर नज़रों से टटोलती नज़र का क्या अंत नहीं? नर नहीं है वह नराधम है पिशाच जीवंत नहीं। #Hindi #HindiPoem #कविता #hindipoetry #hindi_poetry #hindi_shayari #hindisahityasagar #poetshailendra
read moreAprasil mishra
हम डरे स्वयं गोविन्द यहाँ दुर्गम राहों में हो निराश, पर स्वयं प्रेरणा बनकर हम पत्थर को भी लेते तराश। क्या बाधा हमें डरायेगी क्या अन्य कोई पथ रोकेगा, संभव ही नहीं है दुनिया में हम स्वयं तमस में हैं प्रकाश।। अनुशीर्षक उपस्थित है.......... ********************** तुम कज्जल गिरि के शिखरों पर कर्तव्यमार्गी राही हो, तुम विकट निमन्त्रण के पथ पर एकान्तप्रिय अग्राही हो। तुम दूषित और
********************** तुम कज्जल गिरि के शिखरों पर कर्तव्यमार्गी राही हो, तुम विकट निमन्त्रण के पथ पर एकान्तप्रिय अग्राही हो। तुम दूषित और #Freedom #lifelessons #yqhindi #yqquotes #achievement #Distraction #goalsoflife #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला
read more