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पूर्वार्थ
गुलजार जी को उनके बर्थडे की शुभकामना ©पूर्वार्थ चेसिस की तारीख़ पूछ लो कब की मैन्युफैक्चर है वो वरना अकसर ठग लेते हैं गाड़ियां बेचने वाले! मेरी चेसिस की तारीख़ अट्ठारह अगस्त उन्नीस सौ चौंत
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- प्राणों से है मुझे प्यारी , संगिनी है वो हमारी , देख-देख जिसे जीते , हिरनी सी चाल है । न छोटी कद काठी है , न मोटी और भारी है , सँवला रंग उसका , अधर गुलाल है । लम्बे घने केश देखो , किस्मत की रेख देखो, आज मुझे छोड़ कर , जाती ससुराल है । प्रिय-प्रिय रट रहा , कहती गंभीर रहा , जाते-जाते आज देती , अपना रूमाल है ।।१ कहती थी कल-तक , तुम्हीं स्वामी राजा अब, अब आज करती है , सुन लो इंकार है । साथ-साथ लिए फेरे , देखे सब जन घेरे । लेकिन उसे मुझसे , होता नही प्यार है । कैसे रहूँ चुप खड़ा , मै भी हूँ उससे बड़ा उसे अब रोक लूँगा , मेरा अधिकार है । जीवन की यह गाड़ी , देख दो पहियों वाली , लेकिन बिन चार के , यह भी बेकार है ।। २ १०/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- प्राणों से है मुझे प्यारी , संगिनी है वो हमारी , देख-देख जिसे जीते , हिरनी सी चाल है । न छोटी कद काठी है , न मोटी और
@iamARK
brijesh mehta
मैं भी तेरे जैसा होना चाहती हूं, रंग, रूप, कद और काठी में नहीं। तेरी सोच, गुणों और स्वभाव जैसी, तेरी खूबी जैसी, तेरी काबिलियत जैसी। .. . ©brijesh mehta मैं भी तेरे जैसा होना चाहती हूं, रंग, रूप, कद और काठी में नहीं। तेरी सोच, गुणों और स्वभाव जैसी, तेरी खूबी जैसी, तेरी काबिलियत जैसी। #मंमाध
Vedantika
कुछ तो बात होगी जो उसे आसमान हासिल हुआ। वो लोगों के दिलों में है जैसे अभी धड़कता हुआ। रोक न पाई बंदिश उसे किसी एक भाषा की, दुनिया भर के आसमान का तारा चमकता हुआ। ‘जोसेफ विजय चंद्रशेखर’ तमिल फिल्मों का एक ऐसा नाम जो किसी परिचय के मोहताज नहीं। फ़िल्मी परिवार से आने वाले विजय का जन्म 22 जून 1974 को छुआ था
Shree
Beauty & Brain (Sketch: Ms. Rinki) sketch by my masi Ms. Rinki ❤️ 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 शीर्षक: ब्यूटी और ब्रेन.......... हां हां हिंदी वाला और! 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ब्यूटी और ब्रेन भी हो लड़
Shree
कभी रिश्ते, कभी रास्तों पर पलता रहा हूं, आज सिक्कों की खनक, चमक ढूंढता हूं, मशगूल वक्त से ज्यादा, क्या जाने, जी या मर रहा हूं!! क्या जाने, जी या मर रहा हूं!! अनुशीर्षक जी या मर रहा हूं! .............. बहरूपियों के संग बहरूपिया बन रहा हूं, ज्यादा चुप रह कर उनके जैसा दिख रहा हूं, हर बात में औकात आंकने की आदत