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Priyanka Gahalaut
Anita Saini
दादा-दादी, नाना-नानी इनकी छाँव बरगद वाली नानी की हम आँखों के तारे दादा दादी के हम राजदुलारे! अहा!बचपन में लोरी कभी कहानी प्यारी प्यारी सुनाती थीं दादी-नानी! पापा की डांट से डरकर दुबक जाते दादी की गोद में छुपकर ख़ुश हो जाते सारी शैतानियाँ हँसकर टाल जाते हैं दादा-दादी नाना-नानी प्यार लुटाते हैं पापा से गहरे दोस्त बन जाते हैं दद्दू मँगाओ पनीर पापा ले आते हैं कद्दू जो माँ पापा से कह नहीं पाते दादा दादी से झट से कह जाते दादा दादी, नाना नानी इनकी छाँव बरगद वाली नानी की हम आँख के तारे दादा दादी के हम राजदुलारे! बचपन में लोरी कभी कहानी प्यारी प्यारी सुनाती दा
kashish
कहानी: दफ्तर @kashi_thoughts read caption "दफ्तर से लौटते वक्त मेरे लिये ये सामान ले आना", कहते हुए गीता ने सामान की लिस्ट अपने पति राकेश के हाथों में थमा दी...लिस्ट आधा सा देखकर रा
Kumar.vikash18
मेरी जिंदगी को तुमने संभाला माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! रातों को मैंने तुम्हे जगाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! क्या तुमने था ख्व़ाब सजाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! गीतों को भी तुमने गुनगुनाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! पापा को भी सर्मा के बताया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मेरे कपड़ों को तुमने बनाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! पापा से खिलौनों को मँगाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मेरी तस्वीर को तुमने बनाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मेरी धड़कन को तुमने पहचाना माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मैं भूखा न सो जाऊँ तुमने खाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मैं वो तेरा कर्ज न चुका पाया माँ , तेरे इस दुनिया से जाने के पहले ! " तेरी ममता का कर्ज " मेरी जिंदगी को तुमने संभाला माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! रातों को मैंने तुम्हे जगाया माँ , मेरे इस दुनिया
Sangeeta Patidar
'Anthology.. Published' Collection of Poetries By YourQuote Writers Editing By कुछ समय पहले Geel Infix Publishing Services ने कविताओं के संकलन (Anthology) के लिए आप सब से कविताएँ मँगाई थी, जिनमें से पहली किताब "कुछ बाते
Sangeeta Patidar
कुछ दिनों पहले GEEL INFIX PUBLISHING SERVICES ने कविताओं के संकलन (Anthology) के लिए आप सब से कविताएँ मँगाई थी, जिनमें से पहली किताब "कुछ बा
priyanka yadav
एक कहानी पूरी कहानी अनुशीर्षक में पढ़े बारिश का मौसम था। मुझे चाय की तलब लगी। आॅफिस में पेट दर्द का बहाना बनाया और निकल आई बाहर। हम लड़कियों के लिए कभी-कभी ये पेट दर्द अच्छा साबित
Pramod Kumar
Amit Mishra
तुम और चाय (भाग-2) पढ़ें अनुशीर्षक में अगर आपने पिछला भाग नही पढ़ा है तो यहाँ पर पढ़ सकते हैं :- #tum_aur_chai सुनी मैंने तुम्हारी चाय और वो बातें... हाँ मुझे तो सब कुछ याद ह
VATSA
देशद्रोही रात ग्यारह बजे कुछ धमाके की आवाज़ आई, कल ही आख़िरी F.D तोड़ के नई गाड़ी उठाई, नीचे जा के देखा तो दिवाली जैसा मंज़र था, ख़ुशी उनके नारों में, पर नफ़रत बस अंदर था, शायद अपने ग़ुस्से को ज़ज़्बात बता रहे थे, उनका कोई अादिल नहीं था। कुछ लोग तीन सौ मौत पर जश्न मना रहे थे, मै उसमें शामिल नहीं था।। 👇read full poem #देशद्रोही #vatsa #yqbaba रात ग्यारह बजे कुछ धमाके की आवाज़ आई, कल ही आख़िरी F.D तोड़ के नई गाड़ी उठाई, नीचे जा के देखा तो दिवाली जैसा मंज़