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Ram Yadav
White क्या हो जिस दिन औरत अपनी चार शादी जायज़ कर दे ?????? क्यों न वो भी उतनी ही स्वतंत्र हो जाए.... जितना मर्द !!!!!!!!!!!!!! कितनी खामोशी से गुलाम बता दिया उस शक्ति को जो जन्म देती है भविष्य को भी, वर्तमान को भी।।।।।।।। प्रकृति हंस रही है!!!!!! भस्मासुर खुद को भगवान कह रहा है।।।।।।।।।।। हरि ॐ २१.०४.२०२४ ©Ram Yadav #Moon #अध्यात्म #स्त्री #संस्कृति #भारत
Bitterone_me
White माणसाची वृत्ती नेहमीच वाईट असते असे नाही. कधी कधी स्त्रीचे कृत्यही घृणास्पद असते..!! ©Bitterone_me #माणूस #घृणा #जिंदगी #स्त्री #कृत्य #घृणा #viral #Popular #bitteroneme My Loquacious World Starry Whispers kajal Nikhil saini Pooja Sharma
VED PRAKASH 73
वो स्वतंत्र थी तो कैद की गई वो सीधी थी तो सताई गई वो उन्मुक्त थी तो चरित्रहीन कहलाई... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #स्त्री
Shalini Nigam
स्त्री होना उसका सौभाग्य है.. परन्तु इसका सबसे बड़ा दुर्भाग्य,कि ये कभी अपने मन की नहीं सुन पाती.. ©Shalini Nigam #स्त्री #मन #शायरी #विचार #Love #Life
एज़ाज़ बेबाक़
White स्त्री की गोद और पुरुष की जब अगर खाली रह जाए तो दुनिया जीने नहीं देती एज़ाज़ बेबाक I Am Back @एज़ाज़ बेबाक़ ©A Azaz07 #SunSet स्त्री की गोद और पुरुष की जब अगर खाली रह जाए तो दुनिया जीने नहीं देती एज़ाज़ बेबाक
AJAY NAYAK
जिस बच्चे को मां नौ महीने कोंख में रखकर जन्म देती है वही बच्चा आगे चलकर स्त्री को समाज में कैसे रहना चाहिए इसका ज्ञान देने लगता है! –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #Women जिस बच्चे को मां नौ महीने कोंख में रखकर जन्म देती है वही बच्चा आगे चलकर स्त्री को समाज में कैसे रहना चाहिए इसका ज्ञान देने लगता है!
Monika Gehlot314
White dear स्त्री तुम्हे अपने अंदर के महाभारत से अकेले ही लड़ना होगा क्योंकि जीवन के इस चक्रव्यू में तुम ही कृष्ण हो और तुम ही अर्जुन। ©Monika Gehlot314 dear स्त्री #Couple #motavitonal #shayaari #monu
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्
Ravendra