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Gurudeen Verma

White शीर्षक- किससे कहे दिल की बात को हम
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किससे कहे दिल की बात को हम।
हँसता है हरकोई इसको सुनकर।।
करता नहीं है मदद कोई भी।
करते नहीं बात वो भी खुलकर।।
किससे कहे दिल-------------------------।।

मिलायेंगे वो हाथ तो रोज हमसे।
पूछेंगे हाल भी वो दिल का।।
हमारी हाँ में मिलाते हैं हाँ वो।
मगर चल देते हैं वो हँसकर।।
किससे कहे दिल-------------------।।

अगर सुन ले बुरी खबर वो हमारी।
 बहुत हमदर्दी जताते हैं हम पर।।
मगर हो हमें गर दवा की जरूरत।
बढ़ाते नहीं है वो हाथ बढ़कर।।
किससे कहे दिल---------------------।।

पसंद नहीं उनको कष्ट उठाना।
किसी के लिए अपने आँसू बहाना।।
हरकोई भूखा यहाँ है दौलत का।
नहीं कोई लुटाता खुशी भूलकर।।
किससे कहे दिल----------------------।।

मतलब के रिश्ते हैं यहाँ पर सभी के।
बिना स्वार्थ कोई नहीं प्यार करता।।
नहीं मिलती है इज्जत बिना दौलत के।
आते हैं मिलने गरज हाँ समझकर।।
किससे कहे दिल----------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

शीर्षक- अब नहीं वो वैसे, कि मिले उनसे हँसकर
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अब नहीं वो वैसे, कि मिले उनसे हँसकर।
करें बातें दिल की, हम उनसे मिलकर।।
अब नहीं वो वैसे -----------------------।।

देखते नहीं अब वो, तस्वीर पुरानी अपनी।
लगती नहीं है अच्छी, कहानी पुरानी अपनी।।
आता है गुस्सा उनको, अब हमें देखकर।
अब नहीं वो वैसे -----------------------।।

पसंद नहीं उनको, मुफ़लिसों से हाथ मिलाना।
अपने बचपन के यारों को, गले अपने लगाना।।
होती है उनको नफरत, चिट्ठियां हमारी पढ़कर।
अब नहीं वो वैसे -------------------------।।

बहुत मुश्किल है तोड़ना, उनके पहरे को।
करीब जाकर छूना, अब उनके सेहरे को।।
नहीं बिसात अपनी, कहे कुछ उनसे खुलकर।
अब नहीं वो वैसे ------------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

Black शीर्षक- बाबा भीम आये हैं
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(शेर)- नहीं कोई उनसा जमीं पर, जैसे बाबा भीम है।
    मसीहा मानव जाति के, दुनिया में बाबा भीम है।।
करो स्वागत उनका फूलों से, देखो बाबा भीम आये हैं।
विश्व रत्न और ज्ञान के प्रतीक, दुनिया में बाबा भीम है।।
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बजाओ बाजा स्वागत में, बाबा भीम आये हैं।
सजावो फूलों से राह, बाबा भीम आये हैं।।
बजाओ बाजा स्वागत में----------------------।।

इनके चेहरे का तेज, करें रोशन हम सबको।
इनकी अंगुली का इशारा, दिखाये राह हम सबको।।
दिखाने हमको सही मंजिल, बाबा भीम आये हैं।
जलावो दीप स्वागत में, बाबा भीम आये हैं।।
बजाओ बाजा स्वागत में-----------------------।।

इनके हाथ का संविधान, देता है सबको न्याय- अधिकार।
इनकी शिक्षा और ज्ञान का, लोहा मानता है संसार।।
शिक्षा है शेरनी का दूध, बताने भीम आये हैं।
बरसाओ फूल तुम उन पर, बाबा भीम आये हैं।।
बजाओ बाजा स्वागत में----------------------।।

बाबा भीम मसीहा है, सभी धर्मों जाति के।

बाबा भीम उद्वारक है, बहुजन- नारी जाति के।।
बचाने इंसानियत को, बाबा भीम आये हैं।
करो स्वागत तुम चलकर, बाबा भीम हैं।।
बजाओ बाजा स्वागत में-----------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

शीर्षक - आजा मेरे दिल तू , मत जा मुझको छोड़कर
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आजा मेरे दिल तू , मत जा मुझको छोड़कर।
दामन तू और का थामकर, मेरा दिल तू  तोड़कर।।
आजा मेरे दिल तू -----------------------------।।

मेरा प्यार सच्चा है, मैं बेवफा नहीं।
माना है तुमको खुशी, तुमसे खफ़ा नहीं।।
मेरे चमन का फूल है तू , मत जा ऐसे छोड़कर।
आजा मेरे दिल तू -------------------------।।

भूल गया कैसे तू , अपना वो मिलन।
साथ साथ बातें करना, अपनी वो लगन।।
मेरे जीवन का ख्वाब है तू ,मत जा मुँह मोड़कर।
आजा मेरे दिल तू ------------------------।।

मेरी मोहब्बत, तुमको जीने नहीं देगी।
याद मेरी आयेगी, तुमको सोने नहीं देगी।।
मत भूल मेरी वफ़ाएं तू , मत जा अकेला छोड़कर।
आजा मेरे दिल तू -------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

शीर्षक - कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
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कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी।
मोहब्बत यह मेरी खुशी लायेगी कभी।।
मजबूर करेगी उसको, मिलने को मुझसे।
मुलाकात हमारी मोहब्बत करवायेगी कभी।।
कोशिश मेरी बेकार----------------------।।

वह भी तो देखती होगी, कोई ख्वाब जीवन का।
चाहती होगी कोई साथी, वह भी अपने जीवन का।।
वह भी तो तड़पती होगी, रातों में बेचैन होकर।
उसकी बेचैनी उसकी चाहत को, जगायेगी कभी।।
कोशिश मेरी बेकार----------------------।।

मालूम है उसको, मेरी मोहब्बत की कहानी।
जिसमें बसी है उसकी, खुशी- ओ- रवानी।।
उसने भी तो रंग, इसमें भरें है प्यारे-सुनहरे।
जीवन में बहार, यह कहानी लायेगी कभी।।
कोशिश मेरी बेकार----------------------।।

मेरे बिना वह खुश कभी, रह नहीं सकती।
गमो- दर्द में वह कभी, जी नहीं सकती।।
बहुत मौज की है उसने, मेरी इन बाँहों में।
फिर से मेरी इन बाँहों में, वह आयेगी कभी।।
कोशिश मेरी बेकार----------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

शीर्षक - पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में(राजस्थान दिवस पर)
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(शेर)- बारां का डोल मेला, दशहरा कोटा का दिखाऊँ मैं।
    बूंदी की तीज, गणगौर जयपुर की तुमको बताऊँ मैं।।
    अलगोजा , कालबेलिया नृत्य, देखो तुम राजस्थान में।
   प्रसिद्ध तलवार सिरोही की, सम्मान में भेंट कराऊँ मैं।।
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पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में।
उत्सुक हैं मेरा प्रदेश,तुम्हारे स्वागत सम्मान में।।
पधारो मेरे प्रदेश तुम ------------------------।।

गढ़ गढ़ तो चितौड़गढ़, अभेद्य गढ़ कुंभलगढ़ है।
बीकानेर का जूनागढ़ और, प्रसिद्ध नाहरगढ़ है।।
जैसलमेर का स्वर्णदुर्ग, प्रसिद्ध हिन्दुस्तान में।
पधारो मेरे प्रदेश तुम -------------------------।।

राणा प्रताप, पद्मिनी की, यह जन्मभूमि है।
राणा सांगा, दुर्गादास की,यह कर्मभूमि है।।
मीरा,पन्नाधाय की गाथा, गूंजे आसमान में।
पधारो मेरे प्रदेश तुम -------------------------।।

केर सागरी, दाल बाटी, पहचान राजस्थान की।
घूमर नृत्य और पगड़ी, शान है राजस्थान की।।
सैर कराये बनकर जहाज, ऊंट रेगिस्तान में।
पधारो मेरे प्रदेश तुम -------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार- 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

शीर्षक - तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
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तुम्हें भूल नहीं सकता कभी।
तुम्हें दूर नहीं कर सकता कभी।।
दिल में हमेशा रहती है तू।
 तुम्हें छोड़ नहीं सकता कभी।।
तुम्हें भूल नहीं----------------।।

मुझे याद मिलन वह अब तक है।
जब प्यार की बात शुरु हुई।।
कई बार मिले अकेले फिर।
मोहब्बत यह परवान हुई।।
मुझसे लिपटकर हँसती थी तू ।
वह याद मिटा नहीं सकता कभी।।
तुम्हें भूल नहीं--------------------।।

चलती थी अदा से इठलाकर।
जब राह में हम तुम मिलते थे।।
करती थी इशारे शरमाकर।
जब होकर जुदा हम चलते थे।।
मेरे सुर में सुर मिलाकर तेरा।
वो गाना नहीं भूल सकता कभी।।
तुम्हें भूल नहीं-------------------।।

कभी रुठकै हमसे तेरा लड़ना।
तुमको मनाना रोने पर।।
चाहे तेरा यह नाटक था।
हम टूट गए यह होने पर।।
मगर मेरा प्यार सच्चा है।
नाचीज नहीं हो सकता कभी।।
तुम्हें भूल नहीं-----------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

शीर्षक- अपनी शान के लिए माँ- बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं
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(शेर)- क्यों कर रहे हैं बच्चें आत्महत्या, इसका गुनाहगार कौन है।
  अपनी शानो- इज्जत का औजार, बच्चों को बना रहा कौन है।।
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अपनी शान के लिए माँ- बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप---------------------।।

औरों को दिखाने को खुद को महान, बुनते हैं क्यों ऐसे सपनें।
थोप देते हैं अपने बच्चों पर, माँ- बाप क्यों फिर अपने सपनें।।
साकार करने को अपने सपनें, बच्चों के सपनें कुचलते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप-------------------।।

नहीं पूछते हैं बच्चों से कभी, बच्चों की किसमें है रूचि।
औरों से करने के लिए तुलना, मार देते हैं बच्चों की रुचि।।
बताकर खुद को उनका मालिक, खामोश बच्चों को रखते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप--------------------।।

जरूरी नहीं बन जायेंगे, सभी सरकारी अधिकारी यहाँ।
अपनी योग्यता- हुनर से कोई, नहीं होगा बेरोजगार यहाँ।।
कठपुतली समझकर बच्चों को, क्यों खुद से पराया करते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

शीर्षक - यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
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यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है।
मानकर अपना किसी को, प्यार हमने किया है।।
यही एक काम बुरा---------------------।।

प्यार अपना कभी हमने, रखा नहीं दिल में छुपाकर।
बनाने को हमसफ़र उसको, वादा हमने किया है।।
यही एक काम बुरा---------------------।।

रस्में निभाई नहीं हमने, साथ अपनों को लेकर।
ख्वाब अकेले मुकम्मल कर , गुनाह हमने किया है।।
यही एक काम बुरा--------------------।।

हम भी चाहते हैं अपना आशियाना, बनाना फूलों में।
बनाकर प्यार का मंदिर, पाप एक हमने किया है।।
यही एक काम बुरा--------------------।।

लगा लिया उसको गले, जिसका कोई शहर नहीं था।
दिल को उसको बसाने का, फैसला हमने किया है।।
यही एक काम बुरा---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार

Gurudeen Verma

शीर्षक - बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूला पाना
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बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूला पाना।
दिलो- दिमाग में बसी, तेरी तस्वीर मिटा पाना।।
बहुत मुश्किल है दिल से------------------।।

लग भी जाता है दिल भी, चमन की खूबसूरती में।
मगर आसान नहीं दिल को, यहाँ पर हँसा पाना।।
बहुत मुश्किल है दिल से-----------------।।

गुस्सा भी आता है तुमपे, याद कर तेरी बेवफ़ाई।
किसी की तू बने साथी, मुश्किल है यह देख पाना।।
बहुत मुश्किल है दिल से-----------------।।

हम तो कहते हैं सबसे, नहीं है और कोई देवी।
हमको पसंद नहीं और को, अपना बना पाना।।
बहुत मुश्किल है दिल से-----------------।।

बुलाते हैं हमको और भी, अपना साथी बनाने को।
मगर मुश्किल है प्यार, किसी और को लुटा पाना।।
बहुत मुश्किल है दिल से------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार
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