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Stories related to अन्याय का

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Ram Kumar

होलिका दहन 🔥 आज रात अधर्म और अन्याय का नाश हो! #HappyHoli2021 #holi2021 Mohd Aszad 🤝👍🌹🤲❤7533039510❤🤲👍🌹🤝 Neeraj Mishra Aashish Gujrati

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होलिका दहन 🔥 
आज रात अधर्म और अन्याय का नाश हो!
#happyholi2021

©Ram Kumar होलिका दहन 🔥 
आज रात अधर्म और अन्याय का नाश हो!
#happyholi2021

#holi2021  Mohd Aszad    🤝👍🌹🤲❤7533039510❤🤲👍🌹🤝 Neeraj Mishra Aashish Gujrati

_suruchi_

कड कड कड कड गरजे अम्बर थरथर कापी धरती रे मात्र उनके दहाड़ से देखो काल चक्र भी स्थगित हुए। क्रोधाग्नि से जिनके,ब्रम्हांड ये कंपे षडरिपु भी

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कड कड कड कड गरजे अम्बर
  थरथर कापी धरती रे
 मात्र उनके दहाड़ से देखो
काल चक्र भी स्थगित हुए।
क्रोधाग्नि से जिनके,ब्रम्हांड ये कंपे
षडरिपु भी जलकर भस्म हुए
त्रिलोकी पालनहार जगत के,
भक्तोद्धार करने आये है।
धड़धड़ धड़धड़ भड़की ज्वाला
संतप्त आग बबूला रे
अन्याय का करने परम संघार
अवतीर्ण देखो नरसिह अवतार हुए। कड कड कड कड गरजे अम्बर
  थरथर कापी धरती रे
 मात्र उनके दहाड़ से देखो
काल चक्र भी स्थगित हुए।
क्रोधाग्नि से जिनके,ब्रम्हांड ये कंपे
षडरिपु भी

Parul Sharma

क्या लिखूँ मैं उस झांसी की वीरांगना पर जिसकी लहू की हर बूँद में देशभक्ति थी जिसकी मात्र ललकार से अंग्रेजों की उसका नाम ही उसका परिचय है और #nojotoofficial #2liner #nojotohindi #nojotoquotes #kalakash #panchdoot_social #TST #likho_india #Emotionalhindiquotestatic

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manikarnika- jhansi ki raani क्या लिखूँ मैं उस झांसी की वीरांगना पर
जिसकी लहू की हर बूँद में देशभक्ति थी
जिसकी मात्र ललकार से अंग्रेजों की 
उसका नाम ही उसका परिचय है 
और पर्याय है एक मिसाल का
मैं भी मणिकर्णिका सी बनूँ
और डटकर खात्मा करूँ
 अधर्म व अन्याय का 
पारुल शर्मा #NojotoQuote क्या लिखूँ मैं उस झांसी की वीरांगना पर
जिसकी लहू की हर बूँद में देशभक्ति थी
जिसकी मात्र ललकार से अंग्रेजों की 
उसका नाम ही उसका परिचय है 
और

MANJEET SINGH THAKRAL

भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश! 1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भ #विचार #CloudyNight #किसानआन्दोलनज़िंदाबाद #नाटकराजगति #थिएटरऑफ़रेलेवंस #मंजुलभारद्वाज

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भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश!
1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भारत की आत्मा किसान और किसानी को!
2. देखिये जात,पात,धर्म में बंटकर हमने विकारियों को सत्ता पर बैठा कर ‘लोकतंत्र को भीड़तंत्र’ बना लिया !
3. देखिये कैसे पूंजीपतियों की दलाल बहुमत की धर्मांध सत्ता ने सारेकिसान की तबाही तीन काले कानूनों से तय कर दी
4. जागो और प्रतिरोध करो,किसानों का साथ दो !
5. राजनीति गन्दी नहीं है. ‘हम भारत के लोग’ अपनी राजनैतिक भूमिका का निर्वहन करें. अन्याय का प्रतिरोध करें !

#नाटकराजगति #किसानआन्दोलनज़िंदाबाद #थिएटरऑफ़रेलेवंस #मंजुलभारद्वाज

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10225734599291066&id=1213249287

©MANJEET SINGH THAKRAL भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश!
1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भ

A NEW DAWN

विरोध और आक्रोश की गूंज टकराई बहरे कानों से, कुछ हुआ है क्या? नहीं कुछ नहीं । आप तो हर शाम स्वयं के बनते परिहास का आनंद लिजिए, बड़ी जतन से ल #Politics #yqhindi #shameonhumanity #yqpoetry #voiceagainstrape

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सत्ताधारी "खाप" 
(In Caption) विरोध और आक्रोश की गूंज
टकराई बहरे कानों से,
कुछ हुआ है क्या?
नहीं कुछ नहीं ।
आप तो हर शाम स्वयं के बनते परिहास का आनंद लिजिए,
बड़ी जतन से ल

Rabiya Nizam

विरोध और आक्रोश की गूंज टकराई बहरे कानों से, कुछ हुआ है क्या? नहीं कुछ नहीं । आप तो हर शाम स्वयं के बनते परिहास का आनंद लिजिए, बड़ी जतन से ल #Politics #yqhindi #shameonhumanity #yqpoetry #voiceagainstrape

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सत्ताधारी "खाप" 
(In Caption) विरोध और आक्रोश की गूंज
टकराई बहरे कानों से,
कुछ हुआ है क्या?
नहीं कुछ नहीं ।
आप तो हर शाम स्वयं के बनते परिहास का आनंद लिजिए,
बड़ी जतन से ल

Ankush Srivastava

बेटा मरा है मेरा कुछ दिनों पहले, मरा है या मार दिया गया, ये कहना थोड़ा मुश्किल है, सरकार के वादों के नीचे दबा हुआ था, पर ये सरकार नहीं मानेगी #Poetry #kavishala #farmer #nojotokhabri

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Vishw Shanti Sanatan Seva Trust

।। सत्य वचन।। . "इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है." 2. "आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जात #SunSet

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।। सत्य वचन।।
. "इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है."
2. "आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना 
3. "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं."
4. "मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए. लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा. कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा.
5. "आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये."
6. "अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाये रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे."
7. "आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए."
8. “मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे.”
9. “जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पांत के ऊँच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए.”
10. “संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता.”
डॉ कृष्ण मोहन जी

©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust ।। सत्य वचन।।
. "इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है."
2. "आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जात

Priya Kumari Niharika

महाभारत वह अध्याय है जो धर्म का अभिप्राय है जहां धर्म न्याय का मान है, वहीं भूमि का कल्याण है विध्वंस के शुरुआत का धर्म के प्रभात का उद #Poetry #Love #story #me #maa #Shayari #कविता #myvoice

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महाभारत वह अध्याय है जो धर्म का अभिप्राय है
 जहां धर्म न्याय का मान है,  वहीं भूमि का कल्याण है
 विध्वंस के शुरुआत का धर्म के प्रभात का 
 उद्देश्य नहीं संघार का,  है धर्म के संग्राम का 
 कहीं लोभ था राज का, कहीं चिंता धर्म काज का
 था समर जीत ना हार का केवल जग के उद्धार का
 कुरुक्षेत्र के सौभाग्य का, अन्याय के दुर्भाग्य का 
 सत्य और यथार्थ का, स्वार्थ और परमार्थ का 
 कर्मों के परिणाम का, कलंक और कल्याण का 
 दर्द के उपचार का , धर्म के सुविचार का 
 कर्तव्य के निर्वाह का, सामर्थ्य के प्रवाह का 
 सत्यवती की महत्वाकांक्षा का,  शकुनी की आकांक्षा का 
 पांडु और धृतराष्ट्र का , अपराध गांधार राज का 
 गांधारी के विवाह का, सौ पुत्रों के उत्साह का 
 धर्म के साम्राज्य का ,  कौरवों के अन्याय का 
 चौसर के हर चाल का , कुरुक्षेत्र के भीषण हाल का 
 दुर्वासा के आशीर्वाद का , अखिलेश्वर के प्रसाद का 
 भीष्म के भीषण प्रण का,  द्रोपदी के वस्त्र हरण का 
 कुरु वंश के आधार का,  प्रपंच के कुविचार का 
 सत्ता के अधिकार का, भीष्म के प्रतिहार का 
 इच्छा के संताप का, संतोष के प्रताप का 
 गुरु द्रोण के दिए ज्ञान का अर्जुन के एकाग्र ध्यान का
 युधिष्ठिर के धर्म का, अर्जुन के महाकर्म का 
 सहदेव नकुल के रण का,  संग भीम के महाबल का 
 श्री कृष्ण के सामर्थ का, कौरवों के महा अनर्थ का 
 सुभद्रा के अनुदान का, वीर अभिमन्यु महान का 
 दुर्योधन के व्यभिचार का , कौरवों के अत्याचार का 
 यह कर्ण के बलिदान का,  पांचाली के अपमान का 
 कुरु वंश के अभिमान का, विध्वंस के आह्वान का 
 ग्रहण ये अंशुमान का, धर्म के विहान का 
 समर नहीं अंधकार का, अधर्म के प्रतिकार का 
 सृष्टि के नव निर्माण का, मनुष्य के कल्याण का 
 कुरु वंश के रक्तपात का,  कुकर्म के हालात का 
 यह धर्म के आह्वान का, अधर्म के अवसान का है

©verma priya महाभारत वह अध्याय है जो धर्म का अभिप्राय है
 जहां धर्म न्याय का मान है,  वहीं भूमि का कल्याण है
 विध्वंस के शुरुआत का धर्म के प्रभात का 
 उद

Namit Raturi

नमस्ते दोस्तों, मेरी नई कविता "किसान" ,किसानों कि व्यथा उनके दर्दों को दर्शाति हुई,अफसोस भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे भी किसानों कि यह दुर् #Hindi #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #yqhindi #currentaffairs #farmersuicide #farmbill

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एक पुरानी कविता,,आजकल सबको किसान याद आ रहे है तो उनके लिए...।।
 नमस्ते दोस्तों,

मेरी नई कविता "किसान" ,किसानों कि व्यथा उनके दर्दों को दर्शाति हुई,अफसोस भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे भी किसानों कि यह दुर्
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