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DrLal Thadani

करवाचौथ

लाल जोड़ा लाल चूड़ियां पहन
नयनाभिराम अदभुत अलंकार
सुंदर मेंहदी रचे दोनों हाथ 
सुहागन करे सोलह श्रृंगार      
हर विवाहिता में कूट-कूट कर 
भरे सदियों से ये संस्कार                 
पूरा दिन रखे निर्जल व्रत 
मांगे सुखी समृद्ध संसार
करवा चौथ का हर पत्नी 
मनाती है खुशियों भरा त्योहार            
अपने पति की लंबी उम्र की 
करती है चंद्रमा से मनुवार      
 
डॉ लाल थदानी 
#अल्फ़ाज़_दिलसे 
Dr Lal Thadani 






 #कोराकाग़ज़
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#kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता  
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Nitesh Prajapati

देश भक्ति (ग़ज़ल) 

हर एक घर और इंसान में बसता है देशभक्त,
सबके तौर तरीके अलग लेकिन जज़्बा तो है देश भक्ति का।

जिस देश की मिट्टी में ही मिला है लहू शहीदों का,
पैदा होता है वहांँ हर एक पीढ़ी में जज़्बा देशभक्ति का।

कोई सरहद पर लड़ता है तो कोई जल सीमा की रक्षा,
कोई आसमान में देता है पहरा, लेकिन चारों दिशाओं मे होता है जज्बा देशभक्ति का।


जब आता है ख़तरा देश पर तो क्या जात पात,
हो जाते हैं सब एक और देते हैं मिसाल देश भक्ति की।

देश का परचम हमेंशा शान से लहराता रहे इसीलिए, 
देते हैं वीर खुशी-खुशी शहादत दिल में रखके जज़्बा देशभक्ति का।

-Nitesh Prajapati  

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nvn ki dairy

शीर्षक:– (पिता)

पिता ईश्वर है,पिता ही स्वर्ग,पिता ही धन और माया
पिता बिन नही प्रीत,नही प्रेम, नही छत और छाया।

चलते गिरते को हिम्मत देता,देता बिन पंखों से उड़ान
विपत्ति में साथ,रहें कंधो पर हाथ,साथ रहे तेरा साया

दिल में आगाज़ है,कुछ करने की चाह है,मित्र बनकर आया
पिता साथ है,किस बात का घात है,है पिता तो सुंदर काया।

बच्चों के लिए रखता आस, न दिन देखा न देखी रात
करता उनकी हर जिद्द पूरी,न उनका कभी दिल दुखाया।

बुढ़ापे में बनो पिता का सहार,जिसने तुम्हें चला सिखाया
जिसने की पिता की सेवा,उसने समझों मोक्ष है पाया।

पिता का दर्जा सबसे ऊपर,यह विश्व लोक की छाया
काशी,मथुरा,वृंदावन घुमा पर ईश्वर पिता में पाया। #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_3 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकागज़

Krish Vj

❤️ तृतीय रचना :- पिता (कविता अनुप्रास अलंकार) ❤️


पावन, प्रखर प्रेम निखर आता,  पिता प्रीत से अंक जब भरता
सिखाता सीख सत्य की, वो जीवन जीने की रीत मन में भरता
 
अंगुली उनकी अगन लगा बैठी, मंज़िल को राहों से मिला बैठी
कानन कठिन जीवन पथ का, पिता प्रदर्शक बन संग है चलता

ह्रदय हर्षित, प्रेम अपार,  मुख मंडल  फिर  भी सामान्य रहता
कठिन कांटों से भरी राहों में, पथ  प्रदर्शक जीवन धन्य करता

भावो को  ह्रदय भाग  बनाकर, मुख  मोहक मुस्कान सजाकर
कौन, किसे क्या देता? मेहनत, मोह, तयाग वो खुशी भर देता
 
कांटे चुनना या  फूल,  तुम  अपने कोमल कलेवर को बचाकर
रक्त रंजीत धरा  ना हो  भान रहें , कर्म  कर "सत्य" तू जानकर

भीरु  भय से भाग  कर तुम, लज्जित मातृ-भूमि को ना करना 
भाग जाए जो जीवन पथ से, कायर बन कभी  मौत ना मरना #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन
#kkजन्मदिन_3 #kkhbd2022

nvn ki dairy

(स्त्री दर्पण,स्त्री समर्पण)

गर्भ 
से ही दुत्कारा 
जाता,क्या यही 
हमारा समाज है
गर्भ में पड़ी बच्ची 
करती सवाल,क्या स्त्री 
होना पाप है।गर्भ से आई, 
न घर परिवार किसी ने खुशी 
मनाई,समझो तो यह भी एक 
इंसान है,क्या स्त्री होना पाप है।
घर में रखा लड़की को,लड़के को 
MBA पास करवाई,समझा भेद,रखा 
घर में कैद,,क्या स्त्री होना पाप है।शादी 
करके कर दी पराई,पूरी प्रॉपर्टी लड़के ने 
ठहराई,न घर पर कोई अधिकार है,क्या स्त्री 
होना कोई पाप है।स्त्री दर्पण,स्त्री समर्पण ,समझो 
तो स्त्री ही संसार है,क्यों पुरुष प्रधान समाज है,क्या स्त्री होना पाप है। #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_4 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़

nvn ki dairy

देश भक्ति हाल ए दिल जुबानी।

एक बार सोच लेना, उन शहीदों की बलिदानी।
जो देश के लिए मिट गए,वो थे सच्चे हिंदुस्तानी।

जो आज हर घर में तीज त्योहार की खुशी मना 
रहा है।
उन शहीदों के परिवार का क्या कोई  हाल चाल 
जान रहा है।

वक्त के साथ उन शहीदों को क्यूं भुलाया जा रहा है।
क्या इस तरह, उनकी शहीदी का कर्ज चुकाया जा 
रहा है।

कितना बड़ा दिल है,उन माताओं का जो अपने 
बच्चों को देश के लिए दान करती है।
ऐसा बेटा मिले, मुझे हर जीवन में, अब वो यही 
प्रार्थना  वो करती है।

मरता तो हर इंसान है,मगर उन्होंने शहीदी का 
झंडा फहराया है।
नमन करता हूँ, नतमस्तक होकर,उन शहीदों को,
जिन्होंने देश के लिए लहू बहाया है। #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_3 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़

Krish Vj

चतुर्थ रचना :- स्त्री (त्रिभुजाकार कविता) 



मैं.. 
हूँ स्त्री, 
जीवन विस्तृत
पर, कैद हूँ रीति-नीति की 
कैद में, जीवन मेरा पर हुकुम 
चलता है किसी और का इस जीवन पर, 
मैं मात्र साधन, पुरुष के जीवन कर्म मेें उसका 
साथ देना ही जीवन तय किया है इस समाज ने मेरा, 
कठपुतली बनकर रह गई हूँ मैं, समाज की यही रस्में और 
क़समें लील गई, हँसता खेलता बचपन, जवानी और सर्वस्व मेरा
जो दिया विधाता नेे मुझे मेरा सृजन करते हुए, तिरस्कृत उपहास की पात्र
हवस भरी सबकी नज़रे, जो इंतज़ार में है बस "जिस्म" को नोचने को मेरे..!!  #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन
 #kkजन्मदिन_4  #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkhbd2022 #अल्फाज_ए_कृष्णा

Krish Vj

द्वितीय रचना :- देश भक्ति 

हर  साँस मेें  "ज़िक्र" तेरा होता रहें
जहां तक  देखूँ, तू  नज़र आता रहें
शान से 'तिरंगा' प्यारा लहराता रहें
देख कर  इसे मन मेरा 'हर्षाता' रहें 

'जुल्म' का  यूँ  नामोनिशान ना रहें 
हर इंसान माँ की लाज बचाता रहें

लहू बहाके भी सींचते रहें चमन ये
गुलिस्ताँ यह  हर पल महकता रहें
दाग लगे ना दामन मेें माँ के कभी
कर्म ऐसा हर  'भारतीय' करता रहें   #cinemagraph #collabwithकोराकाग़ज़ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_2 #kkhbd2022 
#कोराकाग़ज़

Divyanshu Pathak

स्त्री के बारे में
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मुझे नहीं मालूम कि
दुनिया उसे कैसे देखती है
मेरा अपना निजी मत है कि
स्त्री और पुरूष महज़ देह तो नहीं
पुरुष प्राण है तो स्त्री प्राण का पोषण
वह धात्री है ,धरती है, अग्नि है, शक्ति है
क्योंकि जब भी आप उसको कुछ देते हैं तो
वह देने वाले को कई गुना करके बापस लौटाती है
प्रेम देकर देखो तो अपना सर्वस्व प्रेमी के नाम करदे
क्रोध और तिरस्कार किया तो वह समूल नाश भी करदे
देने का यह भाव ही उसे देवी के रूप में प्रतिष्ठित करता है
सभ्यताओं के विलोपन,संस्कृतियों के संक्रमण ने बदला उसे
वो केवल देह बनकर रह गई देह के इर्द गिर्द घूमती उसकी दुनिया
इतिहास के अनुसार जब जब स्त्री को महज़ देह माना गया तब तब
वह शोषण का शिकार हुई और अबला बनकर रह गई स्त्री के स्वरूप 
पुनः बापस लाने के लिए जब वह स्वयं संघर्ष करने पे आती है तब-तब
दुनिया में बड़े बदलाव का कारण बनी आधुनिक नारी में झलक दिखती है। #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkhbd2022 #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_4 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #पाठकपुराण
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