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Dr Manju Juneja

Harsha Pungliya

मैं वह बसता हूं 
जो किताबों से भरा होने पर 
खुद को गौरवन्वित नहीं पाता 

हां किताबे संभाल के रख लेता हूं।

जब भी मुझसे 
किताबों को बाहर निकाला जाता है 
जब मैं गर्वित महसूस करता हूं #बसता #Nojoto #NojotoHindi #HarshaPungliya

Shashi Bhushan Mishra

#मन में बसता काशी काबा# #कविता

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बाह्य आवरण एक छलावा, 
मिलता  है  केवल पछतावा, 

तन  तो  है  पैरहन रूह का,
मन  में बसता काशी-काबा,

असली चमत्कार साँसों का,
बाकी  सब बेकार का दावा,

जीवन की  पहचान श्वास से,
रुक जाता जब आए बुलावा,

जन्म  एक  सा होता सबका, 
फ़र्क   भेष   भूषा   पहनावा, 

क़ायनात   का    सूत्रधार   रब, 
अलख अनादि न कोई अलावा,

मिथ्या मत भटको जग 'गुंजन',
रक्षासूत्र      पुनीत     कलावा, 
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
     चेन्नई तमिलनाडुई

©Shashi Bhushan Mishra #मन में बसता काशी काबा#

Anuj thakur "बेख़बर"

गांव में भारत बसता है

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किस्मत 

शहर हुए परदेस गांवों में भारत बसता है!
संस्कृति, अपनापन और सम्मान में सर झुकता है!!
लाज शर्म और पर्दा लज्जा
घूंघट में चेहरा दिखता है!
कल का जल भी बिके शहर में,गांवो में दूध भी सस्ता है!!
बड़े बड़े मसले भी पंचायत में निपटाए जाते है!
शहरी जरा सी बात पे थाने की राह पकड़ता है!!
खान पान की बात नही आक्सीजन ताजी मिलती है!
शहर की मोटर गाड़ी से बच्चों का दम भी घुटता है!!
शहर की बड़ी इमारत भी सूरज सी तपती रहती है!
गांवो में नीम का विरवा भी ठंडी छांव देता है!!
गांवो में सुन तकलीफों को पूरा हुजूम उमड़ता है!
शहर के अपने हुए पराए पड़ोसी रोज झगड़ता है!!
रीति रिवाज कई दशकों से गांवो में बस जिंदा हैं!
बुजर्गों की सीख पे अब तो शहर का युवा भड़कता है!!
नंगे बदन,अश्लीलता शहरो की पहचान बने!
गांवो में महिला साड़ी तो बेटा धोती कुर्ता पहनता है!!
गांव के अनपढ़ अपनी हिंदी को भी आज सहेजे हैं!
शहरी का बच्चा बस अंग्रेजी का रट्टू तोता लगता है!!
यही रहा गर हाल देश का तो गांवो मिट जाएंगे!
मजबूरी में बेख़बर को लिखना पड़ता है!!
शहर हुए परदेस गांवो में भारत बसता है!!!

                     अनुज बेख़बर गांव में भारत बसता है

Raone

असली भारत गाँव में बसता #कविता

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असली भारत गाँव में बसता

हम  हैं असली भारतवासी, असली भारत जीते हैं ।

हम देहाती पर पढ़े लिखे, तुम जैसा पढ़ा गँवार ना बनते हैं ।।

हम तुम जैसे चालाक नहीं, हाँ मस्ती में चुतियापा थोड़ी करते हैं ।

हम हैं असली भारतवासी, सीने में भारत रखते हैं ।।

संस्कार भी है सम्मान भी है, पर अनादर तुम जैसा हम नहीं करते हैं ।।

तुम जैसी अंग्रेजी तेज नहीं, पर अंगरेजी हम भी बोलते हैं ।

तुम जैसा कड़वा बोल नहीं, हम मीठी हिन्दी बोलते हैं ।।

हम हाय हेलो से काम ना लेते, हम झुककर प्रणाम कर लेते हैं ।

चौपसी पिज्जा के मोहताज नहीं, हम चूरा मटर खा लेते हैं ।।

हम ग्रीन टी काफ़ी से बढ़कर, गुड़ का काढ़ा पीते हैं ।

हम कोक पेप्सी की ना चाहत रखते, मंठा लस्सी पी लेते हैं ।।

बियर काकटेल का शौक नहीं, गन्ने के रस को पीकर हीं झूम लेते हैं ।

हम हैं असली भारतवासी, असली भारत जीते हैं ।।

हम मम्मी डैडी कभी ना कहते, माई बाबू कहते हैं ।

हमको जिम की चाह नहीं, हम पसीने खेत में हीं बहा लेते हैं ।।

हमें स्वीमिंग पूल जरा न भाता, हम पोखर छलांग मार लेते हैं ।


हम टाइगर टाम ना कुत्ता पालें, हम शेरू शेरा बैल पाले हैं ।।

हमको थियेटर माॅल का शौक नहीं,  हम बगीचे बकैती करते हैं ।

हमें डीजे पर है डान्स न आता, हम ढोलक पर हीं नाच लेते हैं ।।

हमको रजनीगंधा विमल ना भावे, हम खैनी खाकर गरिया लेते हैं ।

हम हैं असली भारतवासी, सीने में भारत रखते हैं ।।

@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी असली भारत गाँव में बसता

Raone

असली भारत गाँव में बसता #कविता

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I am proud of India because असली भारत गाँव में बसता

हम असली भारतवासी हैं, असली भारत जीते हैं ।

हम देहाती पर पढ़े लिखे, तुम जैसा पढ़ा गँवार ना बनते हैं ।।

हम तुम जैसे चालाक नहीं, हाँ मस्ती में चुतियापा थोड़ी करते हैं ।

हम हैं असली भारतवासी, सीने में भारत रखते हैं ।।

संस्कार भी है सम्मान भी है, पर अनादर तुम जैसा हम नहीं करते हैं ।।

तुम जैसी अंग्रेजी तेज नहीं, पर अंगरेजी हम भी बोलते हैं ।

तुम जैसा कड़वा बोल नहीं, हम मीठी हिन्दी बोलते हैं ।।

हम हाय हेलो से काम ना लेते, हम झुककर प्रणाम कर लेते हैं ।

चौपसी पिज्जा के मोहताज नहीं, हम चूरा मटर खा लेते हैं ।।

हम ग्रीन टी काफ़ी से बढ़कर, गुड़ का काढ़ा पीते हैं ।

हम कोक पेप्सी की ना चाहत रखते, मंठा लस्सी पी लेते हैं ।।

बियर काकटेल का शौक नहीं, गन्ने के रस को पीकर हीं झूम लेते हैं ।

हम हैं असली भारतवासी, असली भारत जीते हैं ।।

हम मम्मी डैडी कभी ना कहते, माई बाबू कहते हैं ।

हमको जिम की चाह नहीं, हम पसीने खेत में हीं बहा लेते हैं ।।

हमें स्वीमिंग पूल जरा न भाता, हम पोखर छलांग मार लेते हैं ।

हम टाइगर टाम ना कुत्ता पालें, हम शेरू शेरा बैल पाले हैं ।।

हमको थियेटर माॅल का शौक नहीं,  हम बगीचे बकैती करते हैं ।

हमें डीजे पर डान्स न आता है, हम ढोलक पर हीं नाच लेते हैं ।।

हमको रजनीगंधा विमल ना भावे, हम खैनी खाकर गरिया लेते हैं ।

हम हैं असली भारतवासी, सीने में भारत रखते हैं ।।

राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी असली भारत गाँव में बसता

भाष्कर बहुगुणा

लिखा है तकदीर को उसकी 
मिट्टी खलियानों में 
उसकी मेहनत से 
भीड़ राशन की दुकानों में 
अन्न की इज्जत करना सीख मेरे दोस्त
आज भी भगवान बसता है किसानों में #भगवान #बसता #है #किसानों #में

Bheem Bheemshankar

नैन मे बसता मा के सपना #शायरी

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Kajalife....

प्रेम में ईश्वर बसता है । #kajalife :)

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प्रेम युक्त हृदय ,
किसी ईश्वर से कम नही ।
-Kajalife प्रेम में ईश्वर बसता है ।
#Kajalife :)

नरेंद्र राजपुरोहित

बसता है गाँव मे मेरा प्राण

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