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INDIA CORE NEWS
Arora PR
White मैंने पूछा था एक बार उस नन्हें परिंदे से आखिर तुम क्या हासिल करना चाहते हो इतनी ऊँची उड़ाने भर कर? परिंदे ने कहा.... ऊँची उडानो मे पँख फड़फड़ाने क़ा मज़ा बिलकुल अलग हैं लेकिन तुम इंसान लोग ये बात नहीं समझ सकते वास्तविक बात तो ये हैं कि उन ऊंचाइयों पर हमें मुक्ति बोध का अहसास होता हैं जो जीवन का सबसे बड़ा आनंद हैं..... ©Arora PR मुक्ति बोध
Mahadev Son
White जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा, जीवन के साधन इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते... मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि मुश्किल या मालूम ही नहीं.... मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार। जीवन की अंतिम परिणति है। मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है! आत्मा को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त करता है! ©Mahadev Son जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह
Ganesh Joshi
White वादा था मुकर गया... नशा था उतर गया... दिल था भर गया... इंसान था बदल गया.. ©Ganesh Joshi वादा था मुकर गया... नशा था उतर गया... दिल था भर गया... इंसान था बदल गया.#.SAD #
Niraj Srivastava
पहला नशा वो इश्क़ का अब तक ना उतर सका हुस्ने बाजार में कोई तुझसा न मिल सका कोशिशें तो बहुत की हमने तेरे आखिरी दीदार को पर कमबख्त दुबारा तेरा पता न मिल सका। नीरज श्रीवास्तव मोतिहारी, बिहार ©Niraj Srivastava नशा #standout #NirajKiKalamSe #niraj_srivastava_motihari #niraj_kavi #niraj_motihari #नीरज_श्रीवास्तव #niraj #niraj_srivastava #poem #Though
Devesh Dixit
नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल। क्या सोचा सरकार ने, जो हुआ बवाल। फिर बताया विद्वान ने, ये था माया जाल। हेरा-फेरी से कमा कर, कर रहे जो गुणगान। चोट जो ऐसी दी उन्हे, पूर्ण हुआ अभियान। बोरे भरकर फेंक दिये, नोटों के भण्डार। कुछ जंगल में थे मिले, कमाल किये सरकार। एक झटके में निकल गये, देखो तो काले धन। छिपा रखे गृहणियों ने, बेचैन हुए तब मन। नोट बदलने के लिए, सामने आया राज। पतियों को मालूम पड़ा, तब जाकर वह काज। मोदी जी का हो भला, जो किया ये काम। पत्नियाँ सिर को पीटतीं, खेल हुआ तमाम। ................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #नोट_बंदी #nojotohindi #nojotohindipoetry नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल।
Sangeeta G
White 💔💗❤️🔥💓💘 कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमको, दिल जो टूटा तो नशे से मोहब्बत हो गई। 💔💗❤️🔥💓💘 ©Sangeeta G #Couple 💔💗❤️🔥💓💘 कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमको, दिल जो टूटा तो नशे से मोहब्बत हो गई। 💔💗❤️🔥💓💘 #Shayar #shayari
Shailendra Anand
White रचना दिनांक 7,,,,,4,,,,2024 वार,,, रविवार समयकाल,,,सुबह पांच बजे ््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती हुई घटनाओं से अवगत नवयुगल दम्पत्ति आकृति चिन्हित दिलों में जगह दिल और दिमाग और देश प्रेम है््््् ्््देश दिल दिमाग दिवाना जूनून जोश और उत्साह में आकर सब कुछ है,, है वो वन्दना है या इतिहास में देखने वाले आत्ममंथन करना ही जिंदगी है्््् ््््जो मैं जिंदगी का आयना नजरिया बदल रहे परिवेश परिवर्तन अपने आप में एक क़ान्तिकारी कदम साबित हो रहे है ्् जो विनाश काले विपरीत बुद्धि साबित हो सकते है ,, क्योंकि मन में भय खौफ दहशत का बोलबाला है,,।। चाहे जो भी हो सकता है,, लेकिन तंत्र लोकतंत्र की रक्षा में नींव की तरह संघर्ष जरुरी है,।। आज चेहरे पर और नीतियों पर सवाल कटाक्ष कथन सच्चाई से असल मुद्दे से कोसों दूर भागते नजर आ रहे है,, आज कितने ही मतदाता जागरूकता अभियान संवाद से और हकीकत से दिग्भ्रमित है ,, र और आधारहीन जनसंवाद तर्कसंगत अभिव्यक्ति अनुवाद अन्तर्मन केपरिद़ष्य से दूर है।। आज जनचेतना अभियान में भारतीय नागरिक वोट मुल्याकन में आगे बढ़ो बुद्धिजीवियों में मानवता और इंसानियत और भारत प्रजातांत्रिक व्यवस्था और संविधान की रक्षा संस्कृति को सुरक्षा प्रदान करना ही आज की स्वतंत्रता की दुसरी लड़ाई का शंखनाद हो चुका है।। यही आम नागरिक की आजादी का एक स्वतंत्रता संग़ाम का रणभूमि आजादी है अभिमत की रक्षा करना ही जिंदगी है।। ््््््् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््् 7,,,,,, अप्रैल,,,,2024,,,,,, अब जागो भारत जागो भारतियों जागो देश को आगे बढ़ाया जाना ही असली आज़ादी है।। ©Shailendra Anand #Couple देश और समाज दिल की आवाज सुनकर देश में अवाम में खुशहाली लाना ही असली आज़ादी है ्््निजधिचार मतदाता जागरूकता अभियान कवि शैलेंद्र आनंद ्