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Shaarang Deepak
जो नहीं हो सके पूर्ण काम (Jo nahin ho sake purn kaam) Shayari/ Ghazal/ Poem by Baba Nagarjun (बाबा नागार्जुन) || SOHBAT जो नहीं हो सके पूर् #ghazal #Hindi #kavita #कविता #urdu #urdupoetry #urdushayari #nagarjuna #JoNahinHoSakePurnKaam
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नागार्जुन की कलम से प्रस्तुत है- उनकों प्रणाम... जो नहीं हो सके पूर्ण–काम मैं उनको करता हूँ प्रणाम । कुछ कंठित औ' कुछ लक्ष्य–भ्रष्ट जिनके अ
Shaarang Deepak
जो नहीं हो सके पूर्ण काम (Jo nahin ho sake purn kaam) Shayari/ Ghazal/ Poem by Baba Nagarjun (बाबा नागार्जुन) || SOHBAT जो नहीं हो सके पूर् #poem #poems #कविता #urdupoetry #rekhta #urdushayari #viral #Shorts #nagarjuna #JoNahinHoSakePurnKaam
read moreInsprational Qoute
सर्वप्रथम मेरा उनको प्रणाम, जिनसे मिला मुझे यह नाम, निज - हित को वो त्यागकर, सारे जहाँ को भी वो भूलकर, जीवन जो मेरा सँवारा है, उनकी बदौलत ही जीवन मे, मेरे सूरज सा उजियारा है, कभी न आये कमी उनके , जीवन मे आदर - सत्कार की, यहीं सर्वप्रथम ध्येय हमारा है। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सदवृति,सद्व्यवहार,सुविचार, कीजिये सबका आदर सत्कार, न हो कोई भेदभाव किसी से, सभी में समाया एक परिवार, अग्रज हो मात पिता के समान, अनुज से करे हृदय से प्यार, हो गर सामर्थ्य देने भाव का, करिये दिल से नेक उपकार, वाणी को रखिये मृदुभाषी, कुटुंब बने फिर समस्त संसार, 🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗 निशा कमवाल विषय:-#आदर सत्कार# सर्वप्रथम मेरा उनको प्रणाम, जिनसे मिला मुझे यह नाम, निज - हित को वो त्यागकर, सारे जहाँ को भी वो भूलकर, जीवन जो मेर
विषय:-#आदर सत्कार# सर्वप्रथम मेरा उनको प्रणाम, जिनसे मिला मुझे यह नाम, निज - हित को वो त्यागकर, सारे जहाँ को भी वो भूलकर, जीवन जो मेर #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkआदरसत्कार #Nishakamwal
read moreRuhi
first thank you mere mummi papa ko and unko pranam 🙏 and thank you so much dear friends ap sabke itne pyare wishes k liye 🤗🤗🤗 gauri Monika R #Rahul
read moreDivyanshu Pathak
सुना है आज पेरेंट्स-डे है। फादर यानी कि पिता। शेष 364 दिन इनकी की रातें? ईसाई मत वाले पादरी को भी फादर कहते हैं। वहां तक तो ठीक है, किन्तु अपने माता-पिता-गुरू के दिवस तो कैसे मना सकते हैं! पश्चिमी सभ्यता कुछ भिन्न है जहां माता-पिता बदलते रहते हैं—अपने जीवन साथी। बच्चों को ढूंढ़ना पड़ता है कि मां किसके साथ है और बाप किसके साथ। :💕👨 मूल बात यह है कि जब तक आम पक नहीं जाते, माता-पिता (गुठली) पेड़ में कार्यरत रहते हैं। पिता आम देता है, मां मिठास देती है। जब तक आम लग नही
:💕👨 मूल बात यह है कि जब तक आम पक नहीं जाते, माता-पिता (गुठली) पेड़ में कार्यरत रहते हैं। पिता आम देता है, मां मिठास देती है। जब तक आम लग नही
read moreVikas Sharma Shivaaya'
🙏सुंदरकांड🙏 दोहा – 17 प्रभु श्री राम के चरणों में मन रखकर कार्य करें देखि बुद्धि बल निपुन कपि कहेउ जानकीं जाहु। रघुपति चरन हृदयँ धरि तात मधुर फल खाहु॥17॥ तुलसीदास जी कहते है कि हनुमान जी का विलक्षण बुद्धिबल देख कर सीता जी ने कहा कि हे पुत्र !जाओ, रामचन्द्र जी के चरणों को हृदय मे रख कर मधुर मधुर फल खाओ ॥17॥ श्री राम, जय राम, जय जय राम हनुमानजी फल खाते है और कुछ राक्षसों का संहार करते है चलेउ नाइ सिरु पैठेउ बागा। फल खाएसि तरु तोरैं लागा॥ रहे तहाँ बहु भट रखवारे। कछु मारेसि कछु जाइ पुकारे॥1॥ सीताजी के वचन सुन कर उनको प्रणाम करके हनुमान जी बाग के अन्दर घुस गए।फल फल तो सब खा गए और वृक्षों को तोड़ मरोड़ दिया॥जो वहां रक्षा के लिए राक्षस रहते थे उनमे से कुछ को मार डाला और कुछ ने जाकर रावण से पुकार की (रावण के पास गए और कहा)॥ राक्षस रावण को हनुमानजी के बारे में बताते है नाथ एक आवा कपि भारी। तेहिं असोक बाटिका उजारी॥ खाएसि फल अरु बिटप उपारे। रच्छक मर्दि मर्दि महि डारे॥2॥ कि हे नाथ! एक बड़ा भारी वानर आया है ।उसने तमाम अशोकवन का सत्यानाश कर दिया है॥उसने फल फल तो सारे खा लिए है, और वृक्षोंको उखड दिया है।और रखवारे राक्षसों को पटक पटक कर मार गिराया है,उनको मसल-मसलकर जमीन पर डाल दिया है॥ रावण और राक्षसों को भेजता है सुनि रावन पठए भट नाना। तिन्हहि देखि गर्जेउ हनुमाना॥ सब रजनीचर कपि संघारे। गए पुकारत कछु अधमारे॥3॥ यह बात सुनकर रावण ने बहुत से राक्षस योद्धा भेजे।उनको देखकर युद्ध के उत्साह से हनुमान जी ने भारी गर्जना की॥हनुमानजी ने उन तमाम राक्षसों को मार डाला।जो कुछ अधमरे रह गए थे,वे वहा से पुकारते हुए भागकर गए॥ अक्षयकुमार का प्रसंग रावण अक्षय कुमार को भेजता है पुनि पठयउ तेहिं अच्छकुमारा। चला संग लै सुभट अपारा॥ आवत देखि बिटप गहि तर्जा। ताहि निपाति महाधुनि गर्जा॥4॥ फिर रावण ने मंदोदरि के पुत्र अक्षय कुमार को भेजा।वह भी असंख्य योद्धाओं को संग लेकर गया॥उसे आते देखते ही हनुमानजी ने हाथ में वृक्ष लेकर उस पर प्रहार किया और उसे मारकर फिर बड़े भारी शब्दसे (महाध्वनि से, जोर से) गर्जना की॥ आगे मंगलवार को ..., विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 682 से 693 नाम 682 स्तुतिः स्तवन क्रिया 683 स्तोता सर्वरूप होने के कारण स्तुति करने वाले भी स्वयं हैं 684 रणप्रियः जिन्हे रण प्रिय है 685 पूर्णः जो समस्त कामनाओं और शक्तियों से संपन्न हैं 686 पूरयिता जो केवल पूर्ण ही नहीं हैं बल्कि सबको संपत्ति से पूर्ण करने भी वाले हैं 687 पुण्यः स्मरण मात्र से पापों का क्षय करने वाले हैं 688 पुण्यकीर्तिः जिनकी कीर्ति मनुष्यों को पुण्य प्रदान करने वाली है 689 अनामयः जो व्याधियों से पीड़ित नहीं होते 690 मनोजवः जिनका मन वेग समान तीव्र है 691 तीर्थकरः जो चौदह विद्याओं और वेद विद्याओं के कर्ता तथा वक्ता हैं 692 वसुरेताः स्वर्ण जिनका वीर्य है 693 वसुप्रदः जो खुले हाथ से धन देते हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुंदरकांड🙏 दोहा – 17 प्रभु श्री राम के चरणों में मन रखकर कार्य करें देखि बुद्धि बल निपुन कपि कहेउ जानकीं जाहु। रघुपति चरन हृदयँ धरि तात मधु
🙏सुंदरकांड🙏 दोहा – 17 प्रभु श्री राम के चरणों में मन रखकर कार्य करें देखि बुद्धि बल निपुन कपि कहेउ जानकीं जाहु। रघुपति चरन हृदयँ धरि तात मधु #समाज
read moreदि कु पां
मां पापा आपका ऋण इस जन्म तो ना उतार पाऊंगी... पढ़े अनुशीर्षक में... महीला हूं.. पैदा होते ही ठगी जानें लगी थी.. मां जिसने पैदा किया वो मुस्कुराई थी.. बिन जानें कि बेटी जनी है उसने या बेटा.. जी हां, शायद दर्द
महीला हूं.. पैदा होते ही ठगी जानें लगी थी.. मां जिसने पैदा किया वो मुस्कुराई थी.. बिन जानें कि बेटी जनी है उसने या बेटा.. जी हां, शायद दर्द #दिनेशपांडेय
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