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aaj_ki_peshkash
Yogesh Goswami
White न जाने क्यों सारे दर्द अश्क बनकर आ रहे हैं। शायद मेरी डायरी के पन्ने कोई गीत गुनगुना रहे हैं। आते आते रुक जाते हैं लब्ज़ लब पर तेरे लिए। आख़िरी वादा किया था जो वही निभा रहे हैं । ©Yogesh Goswami #SAD शेष कथा फिर कभी
Sethi Ji
🩷🩷🩷🩷🩷🩷 🩷 जय माता दी 🩷 🩷🩷🩷🩷🩷🩷 आपके कर्म आपकी ज़िन्दगी का दर्पण हैं मेरी माता रानी मेरा पूरा जीवन आपकी सेवा में समर्पण हैं हर रोज़ करूंगा आपकी पूजा बिना किसी स्वार्थ के मेरी माँ आपके चरणों में मेरा प्रणाम अर्पण हैं बनी हैं यह सृष्टि आपकी कृपा दृष्टि से माता रानी देवी देवता भी आपकी भक्ति में करते अपना तर्पण हैं 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌸 माँ कालरात्रि को हमारा शत शत नमन 🌸 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 🌺🌺 शुभ नवरात्रि 🌺🌺 माँ दुर्गा का सातवां स्वरूप माँ कालरात्रि हैं मान्यता हैं आज के दिन पूरी श्रद्धा से माँ की पूजा करने से और व्रत रखने
Sethi Ji
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌸 जय माता दी 🌸 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 माँ आज एक वादा कर दो हमेशा हमको अपने भक्त बनाने का इरादा कर दो कुछ नहीं अच्छा लगता आपकी भक्ति के अलावा कुछ नहीं सच्चा लगता आपकी शक्ति के अलावा बहुत तरसते आपके दर्शन के लिए माता रानी मेरी माँ अपने नवरात्रोँ के दिनों को थोड़े ज़्यादा कर दो 🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️ 🏵️ चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें 🏵️ 🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️ ©Sethi Ji ♥️🌟 चैत्र नवरात्रि 🌟♥️ चैत्र नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी देवी की विशेष पूजा और व्रत किया जाता हैं ।। धार्मिक मान्यता के अनुसार माँ
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम, आराधना, चिंतन-ध्यान, आदि का पालन होता रहता है, वही धर्म है, वो ही पुण्य आत्मा है। भगवान श्री कृष्ण।। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदायत तो यही सबको मिली है । कि भूलोगे न फिर अपने वतन को ।।३ न जाने पाये वो बचकर इधर से । डगर में आज बैठा दो नयन को ।।४ नहीं आती हमें है नींद तुम बिन । करूँ क्या मैं भला जाके शयन को ।।५ उठी आवाज है दिल से अभी ये । निभाना है हमें सारे वचन को ।।६ वफ़ा का नाम मत लेना प्रखर तुम । तरसते रह गये वह सब कफ़न को ।।७ १२/०४/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदा
Expressive ladki
दिन में कई बार नमक खा लेते हैं , पूरे दिन कुट्टू ,आलू और मीठा खाते हैं 1 दिन में कई दफा फल भी खा लेते हैं चाय , शिकंजी सब चाहिए ऐसे में कैसे यह लोग व्रत रख लेते हैं ?? ©Expressive ladki #navratri पूरे दिन खाने पीने को व्रत करना नहीं कहते 🙏🙏
poet pari srivastava