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DR. SANJU TRIPATHI
किसी को समझाने के लिए तक़रीर ऐसी हो कि दिल को छू जाए, अगर उतर जाए दिल की गहराइयों में तो तक़रीर सफल हो जाए। तक़रीर- भाषण #उर्दू की पाठशाला #कोराकागज #collabwithकोराकागज #yqbaba #yqdidi
B.L. Paras
झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं, दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं । तू अपने दिल की जवाँ धड़कनों को गिन के बता, मिरी तरह तिरा दिल बे-क़रार है कि नहीं । वो पल कि जिस में मोहब्बत जवान होती है, उस एक पल का तुझे इंतिज़ार है कि नहीं । तिरी उमीद पे ठुकरा रहा हूँ दुनिया को, तुझे भी अपने पे ये ए'तिबार है कि नहीं । © कैफ़ी आज़मी साहब कैफ़ी आज़मी साहब की एक और बेहतरीन ग़ज़ल
Tarique Azmi
अपने चेहरे से ज़ुल्फें हटा दीजिए चांद बदली में कैसे नज़र आयेगा हुस्न की की होगी तौहीन साक़िब मियां नाम होंठों पे उसका अगर आयेगा साक़िब आज़मी साक़िब आज़मी 9454913801
Tarique Azmi
किसने कहा उदास है साक़िब तेरे बगैर बस लुत्फ ले रहा है तेरे इंतजार का साक़िब आज़मी एक शेर @ साक़िब आज़मी
Mehfil-e-Mohabbat
कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया मैं कैसा ज़िंदा आदमी था इक शख़्स ने मुझ को मार दिया ©Mehfil-e-Mohabbat ✍️♥️ उबैदुल्लाह अलीम ♥️✍️
B.L. Paras
मैं ढूँडता हूँ जिसे वो जहाँ नहीं मिलता, नई ज़मीन नया आसमाँ नहीं मिलता । नई ज़मीन नया आसमाँ भी मिल जाए, नए बशर का कहीं कुछ निशाँ नहीं मिलता । वो तेग़ मिल गई जिस से हुआ है क़त्ल मिरा, किसी के हाथ का उस पर निशाँ नहीं मिलता । वो मेरा गाँव है वो मेरे गाँव के चूल्हे, कि जिन में शोले तो शोले धुआँ नहीं मिलता । जो इक ख़ुदा नहीं मिलता तो इतना मातम क्यूँ, यहाँ तो कोई मिरा हम-ज़बाँ नहीं मिलता । खड़ा हूँ कब से मैं चेहरों के एक जंगल में, तुम्हारे चेहरे का कुछ भी यहाँ नहीं मिलता । नमन कैफ़ी आज़मी साहब !!