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Santosh Khirwadkar

ये तो शतरंज की बाजी है बिछाई उसकी तू तो इस खेल में मुहरा सा नज़र आता है ~संतोष #शायरी

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 ये तो शतरंज की बाजी है बिछाई उसकी
तू तो इस खेल में मुहरा सा नज़र आता है 
~संतोष

Shravan Goud

जब समझदारी की बात उछाली जाती है फिर समझौते की बुनियाद बिछाई जाती है; #समझौता #समझदारी #काशतुमसमझपाते #yourquote #अधूरापन #YourQuoteAndMine #yourquotedidi #रद्दी_काग़ज़

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विवेकवान समझ को संजोकर रखता है। जब समझदारी की बात उछाली जाती है
फिर समझौते की बुनियाद बिछाई जाती है;
#समझौता 
#समझदारी 
#काशतुमसमझपाते 

#yourquote 
#अधूरापन

kanta kumawat

#lonely कलम की सुवावणी बातां सगळा क मन म भावणी बातां। दिल को अहसास गहराई सूं जूङगो आख्यां नीन्द नही ले पाई। जो सो नहीं पाया सुकून सूं बाके #विचार

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Nanki Patre

बावरी सी गुमसुम बैठी अनिमेष, जैसे शशि -चकोर रीत अपनाई हो। मनभावन मधुप है वो पथिक , किस सोच में अँखियन बिछाई हो। #alone

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बावरी सी गुमसुम बैठी अनिमेष,
जैसे शशि -चकोर रीत अपनाई हो। 
मनभावन  मधुप है  वो  पथिक ,
किस सोच में अँखियन बिछाई हो।

©Nanki Patre बावरी सी गुमसुम बैठी अनिमेष,
जैसे शशि -चकोर रीत अपनाई हो। 
मनभावन  मधुप है  वो  पथिक ,
किस सोच में अँखियन बिछाई हो। 
#alone

Samir Samrat

हैदराबाद शहर में एक होटल बनाया गया है, जहां हर टेबल पर टॉय ट्रेन की पटरी बिछाई गई है, और हर टेबल को एक नाम दिया गया है, ट्रेन ऑर्डर की हुई ड

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

#jaishriram #बन गया है देखो मंदिर मेरे प्रभु श्री राम का कितने सालों में ये खुश खबर आई है स्वागत में प्रभु जी के हमने पलके बिछाई है #पौराणिककथा

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Raahul Kant

तुमने आस तो लगाई होगी, राहों में पलकें भी बिछाई होगी। वक़्त लौट कर आएगा तुम्हारा, इस उम्मीद में आंखें भी सूजाई होगी।। - राहुल कांत raahulkan #Life #shayri #Poet #thought #waiting #cry #raahulkant #justmushayra

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तुमने आस तो लगाई होगी,
राहों में पलकें भी बिछाई होगी।
वक़्त लौट कर आएगा तुम्हारा,
इस उम्मीद में आंखें भी सूजाई होगी।।
- राहुल कांत तुमने आस तो लगाई होगी,
राहों में पलकें भी बिछाई होगी।
वक़्त लौट कर आएगा तुम्हारा,
इस उम्मीद में आंखें भी सूजाई होगी।।
- राहुल कांत
#raahulkan

Rakesh frnds4ever

#उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनि #जीवन #मनुष्य #दुनिया #ज़िन्दगी #ज़िन्दगी #रिश्तों #धरती #AdhureVakya

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उलझन इस बात की है कि   हमें .......उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
दुनिया के झमेले की या  मन के अकेले की
पैसों की तंगी की 
या जीवन कि बेढंगी की
रिश्तों में कटाक्ष की 
या फिर किसी बकवास की
दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की
अपनी व्यर्थता की 
या ज़िन्दगी की विवशता की
खुद के भोलेपन की 
या फिर लोगो की चालाकी की
अपनी खुद की खुशी की 
या दूसरों की चिंता की
खुद की संतुष्टि की
 या फिर दूसरों से ईर्ष्या की
खुद की भलाई की
 या फिर दूसरों की बुराई की
धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की
मनुष्य की कष्टता की
 या धरती मां की नष्टता की
मानव की मानवता की 
या फिर इसकी हैवानियत की
बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की
प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,,
विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की
बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की
,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों
 या उनके समस्याओं या समाधानों 
या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,,
की हम किस बात की उलझन है..==...........

rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,,
हमें ......
उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी #मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
#दुनि

आलोक कुमार

आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

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बस यूँ ही चलते-चलते .........
जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

Raj

# इंसान की सफलता की# #विचार

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