Find the Latest Status about लम्बी कूद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लम्बी कूद.
Ravendra
Arora PR
White न जाने ये अनजान पेरिंदा ब्रह्माण्ड. के किस कोने से उड़ कर यहां पंहुचा है? कैसे पता लगे इसके पुराने ठिकाने का और कैसे जाना जाय सबब इसकी इस लम्बी उदासी का ? ©Arora PR लम्बी उदासी
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंचन तन हमको भाया ।। नागिन बन रजनी है डसती । सखी सहेली हँसती तकती ।। कौन जगत में है अब अपना । यह जग तो है झूठा सपना ।। आस दिखाए राह न पाये । सच को बोल बहुत पछताये ।। यह जग है झूठों की नगरी । बहु तय चमके खाली गगरी ।। देख-देख हमहूँ ललचाये । भागे पीछे हाथ न आये ।। खाया वह मार उसूलो से । औ जग के बड़े रसूलों से ।। पाठ पढ़ाया उतना बोलो । पहले तोलो फिर मुँह खोलो ।। आज न कोई उनसे पूछे । जिनकी लम्बी काली मूछे । स्वेत रंग का पहने कुर्ता । बना रहे पब्लिक का भुर्ता ।। बन नीरज रवि रहा अकाशा । देता जग को नित्य दिलाशा । दो रोटी की मन को आशा । जीवन की इतनी परिभाषा ।। लोभ मोह सुख साधन ढूढ़े । खोजे पथ फिर टेढे़ मेंढ़े । बहुत तीव्र है मन की इच्छा । भरे नहीं यह पाकर भिच्छा ।। राधे-राधे रटते-रटते । कट जायेंगे ये भी रस्ते । अपनी करता राधे रानी । जिनकी है हर बात बखानी । प्रेम अटल है तेरा मेरा । क्या लेना अग्नी का फेरा । जब चाहूँ मैं कर लूँ दर्शन । कहता हर पल यह मेरा मन ।। २४/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच
INDIA CORE NEWS
Jeetal Shah
Black आप के इन्तज़ार में आंखें थक गई, दिन और रात की लम्बी घड़ीया बीत गई, दरवाजे से नजर नही हटती , न जाने कितनी सदियां बीत गई। ©Jeetal Shah #Thinking आप के इन्तज़ार में आंखें थक गई, दिन और रात की लम्बी घड़ीया बीत गई, दरवाजे से नजर नही हटती , न जाने कितनी सदियां बीत गई।
Arora PR
White फासला लम्बा हैँ यात्रा भी बडी हैँr राह भी इतनी आसान नहीं हैँ फिर चढ़ाई भी हैँ और ये चढ़ाई भी कितनी कठिन हैँ पहुंच पाए न पहुंच पाए यहाँ कुछ भी निश्चित नहीं हैँ ©Arora PR यात्रा लम्बी हैँ
दीपा साहू "प्रकृति"
ज़िन्दगी से शिकायत कैसी भावनाओं का कत्ल कर उन्हें कब्र में दफ्न करना उतना कठिन भी नहीं ! हाँ कभी-कभी ज़िंदा भी हो जाती है। अरे तो क्या हुआ ! फिर से दफ्न हो ही जाती है ! ओफ्फो.. कौन सी ज़िन्दगी लम्बी है छोटी सी तो बाकी है नम आँखें छुपाकर मुस्कुराहट लबों पे काफ़ी है। ख़ामोशी भी तो है न अच्छी दोस्त, होठो पे खूबसूरत साथी है। कुछ न कहो चुप ही रहो, धड़कने इस बात पे राज़ी है। फिर ज़िन्दगी से शिकायत कैसी? छोड़ो न बस गुज़र ही जाती है। ©दीपा साहू "प्रकृति" #truecolors #Prakriti_ #deepliner #zindagi #love #SAD #poem #poetry ज़िन्दगी से शिकायत कैसी भावनाओं का कत्ल कर उन्हें कब्र में दफ्न करना
Krishna Rai
purnima
प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है नए परिंदोंं को उड़ने में वक़्त तो लगता है जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था लम्बी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है गाँठ अगर लग जाए तो फिर रिश्ते हों या डोरी लाख़ करें कोशिश खुलने में वक़्त तो लगता है ©purnima प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है नए परिंदोंं को उड़ने में वक़्त तो लगता है जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था लम्बी दूरी
Himanshu Prajapati
Meri Mati Mera Desh जो ज़ख्म था ही नहीं अब वह गहरा गहरा सा लगता है, अब ये वक्त भी ठहरा ठहरा सा लगता है, जो कभी मेरी आहट पहचानता था आज वह बहरा बहरा सा लगता है, अब ना रही पहले जैसी उछल कूद यह दिल भी अब मरा मरा सा लगता है..! ©Himanshu Prajapati #MeriMatiMeraDesh जो ज़ख्म था ही नहीं अब वह गहरा गहरा सा लगता है, अब ये वक्त भी ठहरा ठहरा सा लगता है, जो कभी मेरी आहट पहचानता था आज वह बहरा