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Stories related to काबूल एक्स्प्रेस

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D Anand Singer

अवध एक्स्प्रेस #ज़िन्दगी

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Shiva Vyas

वन्दे भारत एक्स्प्रेस 🚈🚄 #bhartiyrel #VandeBharatExpress #VandeBharat #न्यूज़

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Rameshkumar Mehra Mehra

# मुझे मालूम है कि मेरी दुआ कभी काबूल नही होगी... #लव

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NaAm aMiT

याद आते हो आज भी हार्टबीट😘😘 #कहानी #काबूल लव❤ #Music #ज़िन्दगी

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दिल💙 से मांगी दुआ👸 थी ।
💛तुम मेरी💛
...जो पूरी न हो सकी...
💔💔

©amit sain याद आते हो आज भी
#हार्टबीट😘😘 #कहानी #काबूल #लव❤ 
#Music

Rameshkumar Mehra Mehra

# जागना भी काबूल है,रात भर आपके साथ बात करने मे जो सुकून है, बो नीद मे कंहाॅ...... #Quotes

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोस्त हूँ दोस्ती काबूल कीज़िए, दुश्मनी भी थोडी महफूज कीज़िए, रज़ा मेरी भी अपने करीब कीज़िए नजर से बेरुखी थोडी दूर कीज़िए आज हूँ कल नही ये अभी #Love

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दोस्त हूँ  दोस्ती काबूल कीज़िए,
दुश्मनी भी थोडी महफूज कीज़िए,

रज़ा मेरी भी अपने करीब कीज़िए
नजर से बेरुखी थोडी दूर कीज़िए

आज हूँ कल नही ये अभी छोड़िए
मुझे भी अपना नसीब समझिये,

मिलें हैं बनके ख़ुदा तो एहतराम कीजिए
आज से ये जिंदगी मेरे नाम कीजिए,

मिलें हैं चाहतो से ये दिल के फसाने,
यूँ ना दौलत से निगेबाँ कीजिए ,,

दोस्त हूँ दोस्ती काबूल कीजिए
दुश्मनी भी थोडी महफूज कीजिए,,

              महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोस्त हूँ  दोस्ती काबूल कीज़िए,
दुश्मनी भी थोडी महफूज कीज़िए,

रज़ा मेरी भी अपने करीब कीज़िए
नजर से बेरुखी थोडी दूर कीज़िए

आज हूँ कल नही ये अभी

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

धीरे धीरे आपसे , हुआ हमें भी प्यार । आज प्रीत मैं आपकी , करती हूँ स्वीकार ।। प्यार आपसे ही हुआ , करता हूँ स्वीकार । फिर बोलो किस बात की , #कविता #WritingForYou

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धीरे धीरे आपसे ,  हुआ हमें भी प्यार ।
आज प्रीत मैं आपकी , करती हूँ स्वीकार ।।

प्यार आपसे ही हुआ , करता हूँ स्वीकार ।
फिर बोलो किस बात की , करती हो तकरार ।।

लेकर हाथ गुलाब मैं , झुका रहा हूँ शीश ,
करो प्रीत काबूल अब , बैठा है वागीश ।।

आज प्रखर की प्रीत को , कर लो तुम स्वीकार ।
द्वार तिहारे जो खडा , करता है मनुहार ।।

                  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR धीरे धीरे आपसे ,  हुआ हमें भी प्यार ।
आज प्रीत मैं आपकी , करती हूँ स्वीकार ।।

प्यार आपसे ही हुआ , करता हूँ स्वीकार ।
फिर बोलो किस बात की ,

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

अंतिम साँसों तक सुनो , बँधी रहेगी गाठ । वह पल चाहे आज हो , या हो जाये साठ ।। गिरधर खुशियों की कभी, राह न करना बंद । जीवन भर लेते रहें , #कविता

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दोहा :-

अंतिम साँसों तक सुनो , बँधी रहेगी गाठ ।
वह पल चाहे आज हो , या हो जाये साठ ।।

गिरधर खुशियों की कभी, राह न करना बंद ।
जीवन भर लेते रहें , हम जीवन आनंद ।।

जीवन भर आनंद लें , जीवन साथी संग ।
दिवस यही विवाह का , सदा खिलाएं रंग

शुभकामना विवाह की , देते है सब लोग ।
निशिदिन खुशियों का सदा , बना रहे ये योग ।।

वैवाहिक शुभकामना , करिये आप काबूल ।
दिन खुशियों के नित मिले , राह बिछे हो फूल ।।

मान अनुज अपना मुझे , रखो सदा ही ध्यान ।
यही विनय करता प्रखर , पाकर तुमसे ज्ञान ।।


०८/०२/२०२४     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अंतिम साँसों तक सुनो , बँधी रहेगी गाठ ।

वह पल चाहे आज हो , या हो जाये साठ ।।


गिरधर खुशियों की कभी, राह न करना बंद ।

जीवन भर लेते रहें ,

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- आज उनका हो गया दीदार है । कर लिया काबूल उनसे प्यार है ।।१ जी नहीं सकते तुम्हारे बिन कभी । कर रहा इस बात का इज़हार है ।।२ #शायरी

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ग़ज़ल :-
आज उनका हो गया दीदार है ।
कर लिया काबूल उनसे प्यार है ।।१

जी नहीं सकते तुम्हारे बिन कभी ।
कर रहा इस बात का इज़हार है ।।२

आज चाहत की नई तस्वीर मैं ।
देखता तुझमें सुनों तैयार है ।।३

कर यकीं मेरा यही पर आज तू ।
बिन तुम्हारे ये जहाँ बेज़ार है ।।४

ये हँसी जुल्फ़े तुम्हारी लूट लें ।
रूख पे काला बनी तलवार है ।।५

किस लिए पर्दा हमीं से ए सनम ।
जान दिल दोनो तुम्हीं पे वार है ।।६

जाँ हथेली पर लिए हम आ खडे़ ।
और तू करती खड़ी दीवार है ।।७

१५/०४/२०२३    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-

आज उनका हो गया दीदार है ।
कर लिया काबूल उनसे प्यार है ।।१

जी नहीं सकते तुम्हारे बिन कभी ।
कर रहा इस बात का इज़हार है ।।२

Prerana Jalgaonkar

बाळाच्या रडण्याच्या आवाजाने मध्यरात्री जाग आली.नंतर बराच वेळ डोळा लागत नव्हता.खिडकीबाहेर पाहिलं तर भयाण शांतता पसरली होती.उंच उंच इमारतींचे

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मध्यरात्र(लेख👆) बाळाच्या रडण्याच्या आवाजाने मध्यरात्री जाग आली.नंतर बराच वेळ डोळा लागत नव्हता.खिडकीबाहेर पाहिलं तर भयाण शांतता पसरली होती.उंच उंच इमारतींचे
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