Find the Latest Status about पर्वतों से आज मैं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पर्वतों से आज मैं.
Prerit Modi सफ़र
2122 2122 212 इस जहां में ज़िन्दगी, बरबाद है।। अब नहीं कोई यहाँ पर, शाद है।। वादियों में जो बिताए साथ पल। वस्ल की वो रात मुझ को, याद है।। फूल जो मुरझा गए थे, खिल उठे। बाग़ों में आई मुक़द्दस, बाद है।। रखता है सीने में वो पर्वत सा बोझ। सीना होता बाप का, फ़ौलाद है।। तालियाँ बज उठती हैं महफ़िल में अब। तेरी अब हर अर्ज़ पर, इरशाद है।। तुम "सफ़र" जो भी ग़ज़ल लिखते यहाँ। हर ग़ज़ल पर होती अब तो दाद है।। ग़ज़ल धुन: पर्वतों से आज मैं टकरा गया शाद- ख़ुश, happy बाद- हवा #yqbaba #yqdidi #सफ़र_ए_प्रेरित #shayari #life #philosophy
Abhishek Rajhans
मैं आज घर से निकला हूँ उन सपनो के लिए जो मेरे बाबा की पथराई आँखों ने देखी है जो मेरी माँ के बहते आँसू ने मुझसे कहा है जो मेरे बहन के हाथो से बंधी राखी ने कहा है मुझसे मैं उसके लिए आज घर से निकला हूँ. आज जाते-जाते कदम ठिठक से जा रहे मेरे मेरे आम का बगीचा छूट रहा मुझसे मेरे गाँव में बजती मंदिर की घंटियाँ रोक रही मुझे रोक रहा मुझे मेरे गाँव का पोखर और रोक रही मुझे उसकी मछलियाँ और रोक रही मुझे माँ की लोरियाँ. आज जाते-जाते डर भी लग रहा मुझे क्या जो उम्मीद मेरे पिता की बूढी होती लाठी ने की है मुझसे क्या पूरा कर पाऊंगा क्या मैं अपनी माँ की पुरानी होती साडी के बदले नयी साड़ी दिलवा पाऊंगा. आज जाते-जाते थोड़े बेसन की लड्डू और आलू के पापड़ ले कर निकला हूँ थोडे चने और सत्तू ले कर निकला हूँ और माँ-बाबा के होंसलों को ले कर निकला हूँ मैं अपने कल के लिए आज घर से निकला हूँ----अभिषेक राजहंस मैं आज घर से निकला हूँ
Rao Suresh
देखते ही हसीन लगते हैं यह पर्वतो के नजारे क्या बात है यहां की बर्फ से ढकी हूई खूबसूरत घाटियों की ©Rao Suresh पर्वतों के नजारे
khushboo subraj tiwari
हम ग़ालिब से भी कहते है, हम रक़ीब से भी मिलते है. हम बिजलियों से भी लड़ते है, हम बादल से भी गरजते है. बहा न ले जाए नदियाँ ग़मो के लहेरो से, बचाव के लिए पर्वतों से हम वास्ता भी रखते है. बचाव के लिए पर्वतों से हम वास्ता भी रखते है.
writer##Zeba Noor
पर्वतों को पार कर, पर्वतों को पार कर अपनी एक मंजिल बना जिस में तू जी सके अपनी एक दुनिया बना मुश्किलों से कर ले दोस्ती अपनी एक राह बना ना तुझे गिरा सके कोई अपने आप को ऐसा बना पत्थर जब तुझसे टकराए तो वो भी अफसोस करे किससे टकराई वो बोल पड़े हय।। वो रो पड़े ।। गहराइयों तक तू झक सके अपने अंदर ऐसा साहस बना की तुझे कोई तोड़ ना सके ।।। पर्वतों को पार कर###@
MK Zakhmi
पर्वतों को पार कर, मंज़िल मिल तो जाती, पर अपनों ने ही पांव में बेडिया डाल रखी थी, हम चलते लड़खड़ाते ही सही दिल की कर पाते, पर समाज ने हम जैसों के लिए गंदी सोच पाल रखी थी। पर्वतों को पार कर...
ankit saraswat
पर्वतों को पार कर, दूर आसमान में कहीं, चल ले चलूँ तुझे, जहाँ परियों का बसेरा हो, जहाँ सुनहरा सवेरा हो, थम जाये वक्त जहाँ, सिर्फ मैं और तू हों, नहीं राग कोई दूसरा हो।। #अंकित सारस्वत # #पर्वतों को पार कर
Sensitive Boy
वो चाय की मिठास-सी, मै कड़वा घूंट का जाम हूं! वह मन्दिर में पूजी जाने वाली ज्यों हैं, मैं श्मसान में बैठा एक चिराग हूं!! शीतल छाया की वह रहने वाली, मैं तपता हुआ इक आकाश हूं! वह चाय-सी चाहत वाली, मैं आज भी बीनकही बकवास हूं!! ©S.....Ram हां आज मैं फिर से उदास हूं, #Morning