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Bhakti Kathayen
Bhakti Kathayen
Suchita Pandey
मेरी जगह है कहाँ.. पूछती है ये एक बूढ़ी माँ जिस घर के चौखट पर कदम रख कर आयी थी वो दुल्हन बनकर वो घर था उसके पिया का जहां बिताया सारा जीवन वो घर अब पराया क्यों है.. जहां जनम दिया उसने अपने ललने को दिया जिसे सर्वत्र प्रेम अपना सीचा उसने अपने प्रेम से, ममता कि वो मूरत आज बेघर क्यों है.. पूछती है ये एक बूढ़ी माँ मेरी जगह है कहाँ.. मेरी जगह है कहाँ! #मेरीजगह #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #सुचितपाण्डेय #suchitapandey मेरी जगह है क
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राधा जन्मोत्सव (राधे-राधे) ***************** बरसाने में है बजत बधाई मेरी राधा ललनी के प्रकटोत्सव की मंगल बेला आई, हुआ ख़ुशियों भरा आज सवेरा मेरी राधा रानी के अवतार का तेज सम्पूर्ण धरा पर अपनी छटा बिखरा रहा, कहीं बज रहे ढ़ोल-ताशे कहीं बिखर रहे हीरे और मोतियन की माला, कहीं सखिया गा रही मंगलाचार कहीं बँट रहे शाल-दुशाले, हर चेहरे पर खुशी है छाई साथ दे रहे मंगल बधाई जुग-जुग जीये राधे रानी ललनी, भानुकुल में हुआ उजियारा प्राण प्रिय ललनी जो आई, हर कोई ललनी की निर्मोही छवि है एकटूक निहारे,मां ललनी की बारंबार नजर है उतारे,पुष्प सी नाजुक कली मेरी राधा लली, आप सभी को और आपके परिवार को राधा रानी के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाये राधा रानी की कृपा आप सभी पर हमेशा बनी रहे सब खुश रहें सलामत रहे स
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मंगल गाओ रे सभी ललना झूले रे पलना,गोपी-गोपिका सभी झुलावों पलना में बैठे ललना,राह तके झुलावो उन्हे कोई, आओ रे सभी झुलावो रे पलना, मंगल गाओ रे सभी ललना झूले रे पलना,गोपी-गोपिका सभी झुलावों पलना में बैठे ललना,राह तके झुलावो उन्हे कोई, आओ रे सभी झुलावो रे पलना, हमारे लड्डू
Aradhana Agrawal Riddhi
अाज लिखने बैठी हूँ चांद पंक्तियां तेरे कृष्ण पर माँ कि जितना सुन लिया उतना काफी कहाँ हैं ?? है समंदर का किनारा पर तेरा लाल कहाँ हैं?? माना तो नहीं है अभी पर कुछ झाकियाँ, मुझे तेरे कृष्ण की बड़ी सुन्दर लगती है । गाय का ग्वाला वो, आत्मा का मंथन वो । कंस के लिए विष, और भक्तों का अमृत वो । जेल का जन्मा है, गोकुल का पलना है । देवकी की गोद है, तो यशोदा का ललना है । ©Aradhana Agrawal Riddhi आज लिखने बैठी हूँ चांद पंक्तियां तेरे कृष्ण पर माँ कि जितना सुन लिया उतना काफी कहाँ हैं ?? है समंदर का किनारा पर तेरा लाल कहाँ हैं??