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ARTIST VIP MISHRA
जब से मिले है । हम तुमसे ना क्या हो गया है । हम ना तो दिन को दिन नही समझ पाते है । हम ना तो रात को रात नही समझ पाते है । ©ARTIST / VIPIN_MISHRA_FANS #इकरारनामा
Parasram Arora
परमाता धर्म और मोक्ष सब बाज़ार मे बिक रहे हैं इसमें बेचने वालों का दोष नहीं. वें तो खरीद दारों की मांग की. पूर्ती कर रहे हैं धर्म के नाम पर चलने वाले संगठन और सम्प्रदाय सब सभी इन्हे बेचने वाले विक्रय स्थल बन चुके हैं ©Parasram Arora विक्रय स्थल
विक्रय स्थल #कविता
read more'मनु' poetry -ek-khayaal
#इकतरफा #इकरारनामा Poetry #Life Shayari #poem #SadStorytelling
read moreचौधरी मीत दलाल
ढल गयी एक और शाम.. वो आए नहीं और यादें उनकी गुज़री नही।। चौधरी मीत दलाल #शाम #यादें #शायरी #हिंदी #इकरारनामा #महोबत #evening #hindi #poetry #love #memories #fallen
||स्वयं लेखन||
दोस्तों की महफ़िल में दोस्त तो हज़ार मिले, मगर तुम सा नहीं मिला है, इतना तो इस दिल को तुम पे यकीन हो चला है,
read morevishnu prabhakar singh
आज से सब अच्छा किया जाये लोक पर्व के अवसर इसे आरंभ किया जाये सरकार से ही सिख ली जाये 'विशेष यातायात, विशेष विधि व्यवस्था' तो ठान ही लिया जाये कि; आज से सब अच्छा किया जाये। खरना का शाब्दिक अर्थ ही समझ ली जाये छठ पर्व के उद्देश्य हेतू श्री गणेश किया जाय सूर्य भगवान को देख लिया जाये एक वही हैं, जिन्हें आप देख सकते हो, और वो आपको तो शुद्धिकरण को मान दी जाये; आज से सब अच्छा किया जाये। धरती माता को स्मरण किया जाये उनकी अलौकिक भूमि पर विचार की जाये प्रसाद का विक्रय तो हो परंतु उचित विक्रय हो कम से कम जान पहचान वालों को उचित दिया जाये; कलयुग में इतना तो पुण्य कमाया जाये। "चलिये छठ पर्व मनाई जाये।" लोकपर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाएँ! आज से सब अच्छा किया जाये लोक पर्व के अवसर इसे आरंभ किया जाये सरकार से ही सिख ली जाये 'विशेष यातायात, विशे
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey. 🎇 ब्रह्माजी ने कहा- महाभाग्यशाली श्रेष्ठ महर्षियों! अब मैं तुम लोगों से रजो गुण के स्वरूप और उसके कार्य भूत गुणों का यथार्थ वर्णन करूँगा। 🎇 ध्यान देकर सुनो संताप, रूप, आयास, सुख दु:ख, सर्दी, गर्मी, ऐश्वर्य, विग्रह, सन्धि, हेतुवाद, मन का प्रसन्न न रहना, सहनशक्ति, बल, शूरता, मद, रोष, व्यायाम, कलह, ईर्ष्या, इच्छा, चुगली खाना, युद्ध करना, ममता, कुटुम्ब का पालन, वध, बन्धन, क्लेश, क्रय-विक्रय, छेदन, भेदन और विदारण का प्रयत्न, दूसरों के मर्म को विदीर्ण कर डालने की चेष्टा, उग्रता, निष्ठुरता, चिल्लाना, दूसरों के छिद्र बताना, 🎇 लौकिक बातों की चिन्ता करना, पश्चात्ताप, मत्सरता, नाना प्रकार के सांसारिक भावों से भावित होना, असत्य भाषण, मिथ्या दान, संशयपूर्ण विचार, तिरस्कार पूर्वक बोलना, निन्दा, स्तुति, प्रशंसा, प्रताप, बलात्कार, स्वार्थ बुद्धि से रोगी की परिचर्या और बड़ों की शुश्रूषा एवं सेवावृत्ति, तृष्णा, दूसरों के आश्रित रहना, व्यवहार कुशलता, नीति, प्रमाद (अपव्यय), परिवाद और परिग्रह ये सभी रजोगुण के कार्य हैं। ©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey. 🎇 ब्रह्माजी ने कहा- महाभाग्यशाली श्रेष्ठ महर्षियों! अब मैं तुम लोगों से रजो गुण के स्वरूप और उसके कार्य भूत गुणों का
{Bolo Ji Radhey Radhey. 🎇 ब्रह्माजी ने कहा- महाभाग्यशाली श्रेष्ठ महर्षियों! अब मैं तुम लोगों से रजो गुण के स्वरूप और उसके कार्य भूत गुणों का #प्रेरक #PMBirthday
read moreAnil Ray
बेवफाई का अब शिक्षा पर आकर ठहराव हुआ भटकता रहा पुरूष आज नारी भटककाव हुआ सफल पुरूषों के पीछे हमेशा हाथ रहा नारी का पुरुष ने कामयाब की और बुद्धि अटकाव हुआ ©Anil Ray 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 अपील 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 होती है कुछ स्त्रियाँ संस्कार से पत्नी मन से प्रेमिका और देह से विधवा... परन्तु यह गलती जब-जब पुरुष ने की सब ने
AB
©'अल्प एक ऐसी अवस्था जिसमें केवल और केवल हम समर्पण भाव में आ जाते हैं , स्थिर भाव और पवित्र ह्रदय के साथ अपने आराध्य की उपासना करने लगते हैं, बिना
एक ऐसी अवस्था जिसमें केवल और केवल हम समर्पण भाव में आ जाते हैं , स्थिर भाव और पवित्र ह्रदय के साथ अपने आराध्य की उपासना करने लगते हैं, बिना
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