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Sarita Sawant
बेड्या तिच्या पायातल्या मनावर आघात करतात जगायचे चाकोरीबाहेरचे जग म्हणून आकांत करतात #मराठी #कविता #स्त्री
Kunal Salve
एक स्त्री... सुखरूप यावं त्यानं देवाला पुजते. नको नात्यात दुरावा सदा नाव त्याचं जपते. कधी होतो तो कृष्ण मी वेडी राधा बनते. पहावं नयनात त्यानं घडी घडीला सजते. न्याहाळता मला त्यानं त्याच्यात हरवून जाते. सागर तो माझा मी त्याची नदी होऊन वाहते. मी सखी त्याची अस्तित्त्व माझं त्याला मानते... #प्रेम #स्त्री #कविता
आनन्द मानव
देख रईस और हष्ट पुष्ट को,वह राहुल - राज बनाती, देख लाचार फिर एक सख्श को भैया कहती जाती। पा अवसर वह पेश करती, दृढ़ प्रमाण दृढ़ चरित्र का, अक्सर ये वो,जो करती फरोख्त अप्रौढ़ स्वचरित्र का।।(*स्त्री* कविता से) स्त्री कविता से कुछ अंश
pournima sadavarte
Girl quotes in Hindi "तु पाऊस असेल तर, मी छत्री बनून विसावा देईन......।।" "तु प्रश्न असेल तर, मी त्या प्रश्नाचे उत्तर बनेल.. .।। तु राम असेल तर, मी सीता बनेल .....।।" "तु- दिवा असेल तर, मी त्या दिव्याची वात बनेल....।।" "तु, जर समुद्र असेल तर मी त्याचा किनारा बनेल.... ज्याची सुरवात मी, आणी शेवट पण मीच असेल.....।।" "तु-वंशाचा दिवा असेल तर, मी मंदिराच्या उंच कळशाची शान आहे.... आणी ही शान एका स्त्री अस्तित्वाची जाण आहे....।।" ©pournima sadavarte #स्त्री एक अस्तित्व☺️ # कविता
Sonam Jain
एक नारी स्त्री एक कविता है शब्दो की खूबसूरती के पीछे दर्द छुपा लेना बखूबी आता है ©Sonam Jain स्त्री एक कविता......❣️ #InternationalWomensDay #womensday #2words #Static #कविता #स्त्री #8mar #nojoto #nojotohindi #NaariDiwas
Kavita jayesh Panot
शीर्षक- ईश्वर एक वर दे ऐसा 🙏🙏🙏🙏 शब्दों में स्पष्टता, भावों में सरलता, सर्व रसों से ओतप्रोत, कविता में संगीत सी मधुरता, कलम को दे ऐसी सार्थकता । प्राणों में महत्वाकांक्षा, है जग को रचने वाले रचियता, तेरी हर रचना(सजीव, निर्जीव, दृश्य, अदृश्य) को कलम से यथावत लिख सकूँ। भेद पाऊँ अधरों की सीमा को , छू सकूँ हृदय की जमी को, कलम को ऐसा तेज दे। चाह नही प्रशंशको की, बस करना इतना , रख सकूँ इज्जत कागज ,कलम की, मेरे नेत्रों को नीत नई दृष्टि दे, तलवारों सी धार दे। एक प्रार्थना है हिय से, आजन्म लिखते रहे , हृदय के भार को कर अल्प, नित नित नए कुसुमों का, साहित्य को उपहार दे। है ईश्वर एक वर दे ऐसा, कागज, कलम, और श्याही की, इस दुनियाँ को, तेरे आशीष और कृपा से उबार दे - 2 कविता जयेश पनोत ✍️ @cosmic power ©Kavita jayesh Panot #विश्व कविता दिवस#कलम# ईश्वर वर दे
gunjan
नारी का मान सम्मान सब भूल बैठे, नारी की पहचान सब भूल बैठे, घर में भी अब नारी सुरक्षित न रही, शायद अपनी बहू बेटियों को सब भूल बैठे, सूरत से नारी को टटोला जाता है, जिस्मों का बिस्तर सजाया जाता है, मां का ही रूप है नारी ये सब भूल बैठे। ©gunjan सब भूल बैठे #नारी #स्त्री #कविता
Pushpendra Maurya
घर पर ही रहती है वो अब बाहर नहीं निकलती है अब मां बहुत डांटती है उसने बस बतलाया था कि उस लड़के ने कुछ बोला था उसको मां बोली स्कूल नहीं जाना है अब खूब रोई वो तब मां मानी और भाई साथ में जाता है अब ऐसे छिन गई आजादी दोस्तों की भी यारी मां कहती है ऐसे ही बनते है संस्कारी मां कहती है डरती है उसको कुछ होने से पर होना भी कैसा ऐसे होने से मोहल्ले की सबसे नटखट छोटी थी वो खुद चिंतित है क्यूं है ऐसा अब क्या हुआ है बड़े होने से ©Pushpendra Maurya #स्त्रीविमर्श #स्त्री #कविता #समाज #लड़की #nojato