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Vedantika
धागे की कला, जादू पैदा करे। एक खाली सूती कपड़े पर। वर्षों के अनुभव के साथ, आंखों में आंसू लेकर जिंदा है। हमारा देश भारत विविधताओं से भरा हुआ है। यहां सभी धर्मों और सभी संस्कृतियों का सम्मान किया जाता है। हमारे देश की संस्कृति ने दुनिया की अन्य
Satyarth Jalalabadi
अंजान
तुझे जी भर के देखूं और आबाद हो जाऊं! उलझकर जुल्फ से तेरी अमीनाबाद हो जाऊं!! ©अंजान #CoupleGoals #अमीनाबाद #आबाद #शाइरी #अंजान
Diversity channel
कुछ इश्क़ लखनऊ जैसा हो, कुछ बिखरे कागज़ों में सिमटा हो Read in caption कुछ इश्क़ लखनऊ जैसा हो, कुछ बिखरे कागज़ों में सिमटा हो कुछ दिल का टुकड़ा जैसा हो कुछ इश्क़ मधुबन जैसा हो। शाम की चमचमाती आखिरी रोशनी को
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चलें जायें यहाँ से जो किसे फिर याद आयेंगे । नहीं अपना यहाँ कोई कहें जो बाद आयेंगे ।। मिलाकर तुम कदम चलते सुनो हम साथ में होते । मगर अब तो तुम्हारे बाद हम नाशाद आयेंगे ।। खफ़ा अब हम नहीं तुमसे बताओ बात क्या आखिर । तुम्हारे बाद भी क्या हम नज़र बरबाद आयेंगे ।। किताबों में लिखा था जो पढ़ाया हर किसी ने है । मगर अब ज़िंदगी के सब सबक तो याद आयेंगे ।। गया जो भूल था मैं सब दिलाया याद अपनों ने । उसी को याद करके अब अमीनाबाद आयेंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चलें जायें यहाँ से जो किसे फिर याद आयेंगे । नहीं अपना यहाँ कोई कहें जो बाद आयेंगे ।। मिलाकर तुम कदम चलते सुनो हम साथ में होते । मगर अब तो त
DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان }
जब वो मुझसे मिलने पहली बार आया था, "अमीनाबाद "सेे मेंरा पसंदीदा झुमका भी साथ लाया था। #Sejal_Voice ©DILBAG J KHAN #अमीनाबाद
Manoj Nigam Mastana
मेरे कारोबार में सबने बड़ी इम्दाद की दाद लोगों की, गला अपना, ग़ज़ल उस्ताद की अपनी साँसें बेचकर मैंने जिसे आबाद की वो गली जन्नत तो अब भी है मगर शद्दाद की उम्र भर चलते रहे आँखों पे पट्टी बाँध कर जिंदगी को ढ़ूंढ़ने में जिंदगी बर्बाद की दास्तानों के सभी किरदार गुम होने लगे आज कागज़ चुनती फिरती है परी बगदाद की इक सुलगता चीखता माहौल है और कुछ नहीं बात करते हो यगाना किस अमीनाबाद की " राहत इंदौरी मेरे कारोबार में सबने बड़ी इम्दाद की दाद लोगों की, गला अपना, ग़ज़ल उस्ताद की अपनी साँसें बेचकर मैंने जिसे आबाद की वो गली जन्नत तो अब भी है