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Drx. Mahesh Ruhil
संग संग चलना अधूरा रह गया कुछ ख्वाब देखे थे साथ में उनका तो पूरा होना रह गया पता नहीं क्या था जो म इतना सह गया B@+@-#&६२
R K
गुनगुना कर, गीत प्यार के यूं दूर ना जाया कर तेरी मौजूदगी ही, सप्त रागनी सी है ©R K # सप्त रागनी
Anand Kumar Ashodhiya
देश की बेटी म्हारी बेटी तू किसके आगे हाथ जोड़ती, रो रो कर रही चीख पुकार लँगड़ा लूला पुलिस महकमा, आंधी बहरी है सरकार न्या मांगणिये बाड़े में बंद, आज भ्र्ष्टाचारी राज करैं जाँच कमेटी बिठा देइ न्या, करते करते आज करैं चौगिरदे कै पुलिस बिठया दी, ना क्याहे की ल्ह्याज करैं बब्बर शेर भी बेबस होग्ये, कित लग चिड़िया बाज मरैं देश की शान बढ़ावण आले, आज हो रहये सैं लाचार बिका हुआ दलाल मीडिया, चुपका सा तमाम होग्या आँख पे पट्टी मुँह पे टेप, सरकारी गुलाम होग्या यौन शोषण का दोषी आज, मीडिया का राम होग्या दबंगई कर नेता बणग्या, न्यू समझे भगवान होग्या भाण और बेटी लगी दाँव पे, यो कौरव का दरबार कौम की बेटी इज्जत खातिर, रो रो कै नै डकराती जिगरे आले सत पुरुष ही, सच के बणैं हिमाती स्वाभिमान, ज़मीर की खातिर, हो वज्जर कैसी छाती देश की बेटी, म्हारी धरोहर, इज्जत ही तो कहलाती ना जाति, ना प्रभुत्व भरो, इज्जत की हुंकार दागी नेता, भ्रष्ट प्रशासन, ना होती काररवाई न्या पावण की खातिर बेटी, भरती फिरें तवाई खरदूषण लाईलाज बीमारी, करणी पड़ै दवाई आनन्द शाहपुर उठ खड़या हो, क्यूँकर करै समाई दो हर्फी है माँग हमारी, हो खरदूषण गिरफ्तार रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया@कॉपीराइट ©Anand Kumar Ashodhiya देश की बेटी म्हारी बेटी - हरयाणवी रागनी। #हरयाणवी #हरयाणवी_रागनी
Ravindra Singh
गांव की जिंदगी उठकर बैठ सवेरा हो गया है, निकला सूरज,अंधेरा सो गया है। चहकाते हुए पंछी शोर कर रहे हैं, खाने चारा पशु देख अपने मालिक की ओर रहे हैं। किसान भी ले खुरपी, अपने खेत को चला, आ गया मदारी ले डमरू दिखाने अपनी कला। मजदूर लिए तसला, फावड़ा अपने काम पर जा रहे हैं, बच्चे लगा गुट अपने दोस्तों के साथ,उधम मचा रहे हैं। मां आई है लेकर गोबर व मिट्टी घर लीपने को, बापू गया बाजार, भैंस का दूध वो धो गया है। उठकर बैठ सवेरा हो गया है, निकला सूरज,अंधेरा सो गया है। ©Ravindra Singh गांव की जिंदगी...
Blissful Bihari
जहा घमंड नहीं सिर्फ संस्कार सिखाए जाते है, कोई पूछे तो कह देना की हम गांव से आते है। ©Bekaar kalakaar गांव की छाव।