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manoj kumar jha"Manu"
धीरे धीरे कर दिए गए समाप्त सम्वाद। किन्तु तुम फिर भी करते रहो सम्वाद।। आजकल व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और न जाने क्या क्या, मगर नहीं है व्यक्ति के पास समय, करने को सम्वाद।। ऑनलाइन तो दिखता है मगर तुम्हारे प्रश्न का उत्तर? आएगा या नहीं पता नहीं,उसके पास नहीं है करने को सम्वाद।। लेकिन तुम्हें भी ध्यान रखना चाहिए कि वह वास्तव में ही व्यस्त हो या घिरा हो किसी समस्या में लेकिन तुम मत छोड़ो सम्वाद।। सम्वाद न होने से ही बढ़ता है सन्देह, बुद्धि काम करना करती है बन्द और बढ़ जाता है फासला।। इसलिए मेरा प्रयास यही कि न हो कभी भी किसी के साथ मेरा बन्द सम्वाद।। सम्वाद करते रहो
सम्वाद करते रहो
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एक तुम्हीं से करते बातें, एक तुम्हीं नहीं करते बातें। मन दुःखी सा हो जाता है,जब तुम्हीं नहीं करते बातें।। सम्वाद आवश्यक है।
सम्वाद आवश्यक है।
read moreHimanshu garg
"बेशक बादशाहत छीन लोगे लेकिन काबिलियत कहाँ से लाओगे आखिर कब तक मेरे अपनो के कंधे पर रखकर बन्दूक चलाओगे हाँ चलो मान लिया तुमने जीता था दिल्ली का हर एक कोना, लेकिन अच्छाई का ये नकाब पहन कब तक महान कहलाओगे। एक वक्त आएगा जब तुम यहाँ खुद के ही गुणगान सुनाओगे और मेरी मिट्टी मेरे लोगों से इस असलियत को छिपाओगे कि कितना नरसंहार किया था तुमने बेवजह जीत पर उस दिन, फिर भी तुम अपने दीन-ए-इलाही से सच को छिपाओगे। सोचता हूँ कब तक आखिर तुम 'अशोक' के समकक्ष पढ़ाये जाओगे और मुझसे हारकर भी तुम खुद को किताबो में विजेता दिखाओगे ग़र इतना ही शौक है जीवनी का तो खुद ही लिख देते तुम, कब तक मेरे वंशजो को चापलूसों का इतिहास पढ़ाओगे? #काफ़िर सम्वाद #nojoto #nojotopoetry
सम्वाद #Nojoto #nojotopoetry #काफ़िर
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मैं ही बोलूं सब कुछ या तुम भी कुछ बोलोगे? सुनने को प्रतीक्षित हैं तुम्हारा बोलना ज़रूरी है।। जन्म लेती हैं शंकाएँ सुनी सुनाई बातों से, हृदय से गलतफहमियां मिटाना ज़रूरी है।। कुछ बातें हैं जो हमारी, तुम्हें पसन्द नहीं हों, उन सभी बातों को उपेक्षित करना ज़रूरी है।। सम्वाद ज़रूरी है।
सम्वाद ज़रूरी है।
read moreNaveen Mahajan
"मौन-सम्वाद" "पहले तोलें फिर बोलें, ये तो ठीक लगी है बात। पर शब्द पड़ रहे हों कुछ गौण, तो फिर जायें दिशा हम कौन? " "जब शब्द हों सीमित अर्थ बड़े, हों शब्दकोश के हाथ खड़े, ऐसे में काम आये कौन! इन प्रश्नों के उत्तर देने, देखो खड़ा हुआ है मौन।" "मौन बड़ा मतवाला है ये, देकर जाए पूरा दाम। कहता तो है चुप बैठा हूँ, पर कर जाता अपना काम" "पर मौन तो फिर भी मौन ही है न, विरस, अनबुझा, अपरम्पार। क्या हम इसका कर सकते हैं, कुछ थोड़ा सा रूप निखार, या कह लें कि एक श्रंगार ? " "मौन स्वयं में सुंदर ही है, नहीं मांगता कोई श्रंगार पर मैंने कई बार है देखा, मौन के ऊपर मोती एक - ...एक छोटी सी अश्रुधार।" #NaveenMahajan मौन-सम्वाद #NaveenMahajan #TumBinIshqNahi
मौन-सम्वाद #NaveenMahajan #TumBinIshqNahi #poem
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चाहते नहीं हो क्यों तुम मुझसे बात करना। मैं चाहता ही हूँ बस, तुमसे ही बात करना।। कुछ बात शायद आपको , मेरी न हों पसन्द, यही कारण है कि चाहते, नहीं मुझसे बात करना। कुछ तो बात है कि, बदल से रहे हो तुम, तुम्हारी चुप से ये 👁️आंखे, चाहती हैं अश्रुपात😢 करना।। तुम जैसे भी हो बस, मेरे ही हो सुनो तो, इच्छा है तुम्हारी यदि, नहीं चाहते मुझसे बात करना।। #चुप मत रहो सम्वाद करो।
#चुप मत रहो सम्वाद करो।
read moreTHE EVENT IN EVERY STREET (R K C)
अगर मृत्यु सत्य है तो जीवन भी सत्य ।मनुष्यों के द्वारा किया हुआ कृति उस वक्त के लिये मायने रखता है जिसके लिए उस मनुष्य ने रात दिन एक कर दिया उस विसंगतियों पूर्ण कुरीतियों को दूर करने में। वह ढूँढता गया और उन्हें एक आवाज आई । :- आओ भीम कैसे हो ? मैं तो ठीक हूँ पर मेरा कल ठीक नही है मैं उसी के सुधार में रात दिन एक कर दिया परन्तु डर है कि कहि कुरुतियों के आहूत न चढ़ जाए। :- तुम्हारा काम समाप्त हुआ कि और कुछ बचा है। ये समाप्त नही होने वाला। मुझे ज्ञात हो चुका है कि मेरा यह नश्वर शरीर खत्म होने वाला है। :- अब तुम क्या करोगे , भीम ? इस पाखण्ड भरे समाज ने हमे तो आपके शरण मे जाने से रोक रहा है? :-तो क्या मुझे छोड़ दोगे भीम , मेरे प्रिय पुत्र । आँसू पोछते हुए ,नही पर । मैं उठूँगा और सत्य मार्ग का ज्ञान पथ प्रदर्शक आपके प्रिय दूत बुद्ध के शरण मे जाऊँगा, जिसमे यह विसंगतियों का झमेला नही है। :-आशीर्वाद। हाँ भीम अगर मैं भी तुम्हारे जगह पर रहता तो यह विसंगतियों भरे समाज उसी नजर से देखता। और अपने स्वाभिमान के चलते हर समय हमें खत्म करने का प्रयास करते। समझ गया । मुझे इन क्रूर लोगो का शिकार होना है। :- परन्तु तुम्हारा यह कृति यश और यथा परिश्रम हमारे पास सुरक्षित रहेगा। सघर्ष जारी है,सघर्ष जारी रहेगा। ©THE EVENT IN EVERY STREET (R K C) सम्वाद भीम व प्राकृतिक महाशक्ति के बीच
सम्वाद भीम व प्राकृतिक महाशक्ति के बीच #Society
read moremanoj kumar jha"Manu"
हाथों का रंग भी सूख गया, राह तुम्हारी तकते तकते। अब आँखे ही बस गीली हैं राह तुम्हारी तकते तकते।। दिया भरोसा आओगे वापस तुम ही परसों । लेकिन तब से अब तक बीत गए हैं बरसों ।। शायद अब तो साथ छोड़ दें साँसे भी राह तुम्हारी तकते तकते।। हम नहीं भूले मगर गए तुम हमको भूल । तुमको पहचानने में हमने कर दी भूल।। शायद आंखे ही नहीं दिल भी पत्थर बन जायेगा राह तुम्हारी तकते तकते।। हो जाती यदि बात तुम्हीं से दिख जाती यदि छवि कहीं से शायद आँखों पर भी बोझ नहीं पड़ता राह तुम्हारी तकते तकते।। नयन प्रतीक्षा में बैठें हैं। शब्द प्रतीक्षा में बैठें हैं। शायद आ जाओ तो ये हाथ नहीं बैठेंगे, राह तुम्हारी तकते तकते।। तुम आ जाते तो होती होली। अब बीत रही अँसुअन में होली।। स्पर्श किसी को करने नहीं देंगे राह तुम्हारी तकते तकते।। तुम चले जाओ अब यहाँ से ऊधो। नहीं तो हम मिलकर कर देंगे सूधो। बतला देना "मनु" हम प्राण छोड़ देंगे सब ही राह तुम्हारी तकते तकते।। उद्धव गोपी सम्वाद आधुनिक रूप में लक्ष्यार्थ श्री कृष्ण
उद्धव गोपी सम्वाद आधुनिक रूप में लक्ष्यार्थ श्री कृष्ण
read morePushpendra Pankaj
लिखो सदा प्रत्यक्ष लिखो, बंधकर नहीं ,निष्पक्ष लिखो । लोकतंत्र के हम सब प्रहरी, खुलकर अपना पक्ष लिखो ।। पुष्पेन्द्र पंकज ©Pushpendra Pankaj निष्पक्ष लेखन मर्यादित लेखन
निष्पक्ष लेखन मर्यादित लेखन #कविता
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