Find the Latest Status about उदयभानु हंस के दोहे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उदयभानु हंस के दोहे.
Dr Nutan Sharma Naval
White चुनावी दोहे सोच समझकर कीजिए,सब अपना मतदान। ऐसा नेता लाइए,बढ़े देश का मान। राष्ट्र उन्नति के लिए,हो कैसी सरकार। वोट दीजिए सब यहां,करके स्वयं विचार। सभी यहां पर भ्रष्ट हैं, कैसे करें चुनाव। सदाचार का देश में, कौन पढ़े प्रस्ताव। खाते माल गरीब का,कहते चौकीदार। खुद ही सब कुछ लूटकर,बना रहे सरकार। खाली जेबें भर रहे,नेता,साहूकार। लोकतंत्र का कर रहे,जनता से व्यापार।। ©Dr Nutan Sharma Naval #चुनावी_मुद्दा दोहे
Prajapat Prajapat
White जिंदगी हंस कर जियो दोस्तों किया पता मौत किस समय आ जाय ।। ©Prajapat Prajapat #SunSet जीवन में हंस कर रहे
Godambari Negi
Autumn खुश्बू बिखरी बाग में, भ्रमर करे गुंजार। जगत नियंता ईश की, महिमा अपरंपार।। भूल कभी जो हो गई, करो उसे स्वीकार। गलती अपनी मान लो, बने सुखी संसार।। ©Godambari Negi #दोहे
K R SHAYER
में चांद,वो मेरी चांदनी थी! में सूरज ,वो मेरी रोशनी थी ! और क्या कहूं दोस्त,मेरी मोहब्बत के लिए,, में हंस, वो मेरी हंसनी थी॥KR ©K R SHAYER #skylining वो मेरे दिल की हंस नी थीं 🥰 muskan Neelam Modanwal pramodini Mohapatra Muna Uncle Anshu writer
Godambari Negi
Autumn विमल हृदय सब का रहे, कृपा रखें श्रीराम। स्वार्थ रहित हो भावना , शीघ्र मिले सुख धाम।। कैसा ये गठजोड़ है, बंध खिसकता रोज। भाग न मनचाहा मिला, करे नई फिर खोज।। ©Godambari Negi #दोहे
dharmik__Ayush
कबीरदास जी कहते है " बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजोर, " पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर" भावार्थ __ बड़े होने से कुछ नही होता जैसे पेड़ खजोर न ही पक्षी को छाया दे पाता है और फल भी इतने दूर लगे होते है | ©dharmik__Ayush #wholegrain #कबीरदास #कबीर के दोहे
Nilam Agarwalla
देश के लिए कुछ करूं, मन में जागी चाह। चाहे कोई कुछ कहे, तनिक नहीं परवाह।। दोस्तों के लिए जिऊं,मन में जागी चाह। हर गम मैं उनका सहूं, कभी ना भरूं आह।। ©Nilam Agarwalla दोहे
Aliyah Khan
जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता, हो अपना या बेगाना कोई भी साथ नहीं रहता, *२ हैं इस दिल में दर्द कितने कोई भी तोल नहीं सकता, मैंने देखा है नज़दीक से हर रिश्ते को अजमा के *२ सहारा देने के लिए कोई भी पास नहीं आता। *२ हर आंसू को पि कर के, ख़ुद ही को है मनाया, बनी हुं मोम से पथर कैसे,ये कोई बता नहीं सकता , सही हुं दर्द कितने कोई भी तोल नहीं सकता। जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता, और जो तुम ये कहते हो कोई यार या प्यार ढुंड लो, सुनो मैं भी ये कहती हुं कोई भी साथ नहीं रहता। मुसीबत देख के पहले अपने ही निकलते हैं, पराए फिर भी आ कर के सहारा बन जाते हैं जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता।*३ साबिया रब्बानी ©Aliyah Khan #poem जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता
Hassan Abbasi
Rajesh Khanna
BeHappy मेरी खुशी तेरे हाथों में है तू चाहती तो मुझे हंस हंस कर पागल देती ©Rajesh Khanna #beHappy हंस हंस कर