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Ankur tiwari
White अपने मुंह मियां मिट्ठू ना बन, लंबी लंबी मत तू फेक हैं मुझे पता क्या मन में तेरे लगते तेरे इरादे नही हैं नेक जो कह रहा कि वक्त तेज़ बड़ा हैं जल्दी रुकता यह नही कहीं तो ज़रा कभी तू किसी और का इंतजार तो करके देख पता लगेगा वक्त हैं पर्वत कभी ख़त्म होता ही नही सागर सी गहराई हैं इसमें जिसे नाप कोई है सका नही ©Ankur tiwari #sad_shayari अपने मुंह मियां मिट्ठू ना बन, लंबी लंबी मत तू फेक हैं मुझे पता क्या मन में तेरे लगते तेरे इरादे नही हैं नेक जो कह रहा कि वक
Devesh Dixit
युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका विस्तार।। मात पिता का फर्ज़ है, उनको दें संस्कार। गलत दिशा भटकें नहीं, दोष करें स्वीकार।। युवा शक्ति को है परख, हो कैसा व्यवहार। सही बात पर हों अटल, गलत बात पर वार।। भटक गए कुछ हैं अभी, देते हैं आघात। युवा शक्ति पर चोट है, मुश्किल हैं हालात।। युवा शक्ति अब मोहती, फैंक प्रेम के जाल। जो भी इसमें है फँसी, होती बाद हलाल।। संस्कारों को छोड़ कर, नित्य करें ये काम। मात पिता को कर दुखी, खूब डुबाते नाम।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #युवा_शक्ति #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका
Anjali Singhal
Ak.writer_2.0
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White *जम्हूरियत में फसादे चिंगारी नहीं चलती *अवाम में ऐसी सरकारे नहीं चलती१ सुलतान सल्तनत में *उल्फत का पैगाम दीजिए, इसमें बांटके नफरते *दरकारें नहीं चलती//२ *तास्सुब न कर,गर इक सुखनवर बेबाक कहदे के हक बात में हुजूर फटकारें नहीं चलती//३ बेबस चश्म में अश्को के बेशुमार अंबार लिए, ऐसी *आहफुगा की हुकूमत हमारे नही चलती//४ "शमा"ये तख्ते हिंदुस्तान है,इसपे किसी एकतरफा *नाअदल नवाब की दरबारे नही चलती//५ #shsmawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #ramnavmi *जम्हूरियत में फसादे चिंगारी नहीं चलती *अवाम में ऐसी सरकारे नहीं चलती१ *जनतंत्र*जनता सुलतान सल्तनत में *उल्फत का पैगाम दीजिए, इसम
Devesh Dixit
इश्क और अश्क़ इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ है। कहती है ये दुनिया सारी, इसमें कामदेव का हाथ है। इश्क है कुछ क्षण का पर, नेत्रों में अश्क़ बहुत गहरे हैं। कितने भी जुल्म सहलो पर, सुनने को यहाँ सब बहरे हैं। ये आकर्षण का ही जलवा है, जिसने इश्क को जन्म दिया। जातिवाद के इस भेदभाव ने, अश्कों को ही तब सार दिया। बुरे भाव को यूँ लेकर बैठे, इश्क का है जो नाम दिया। छत्तीस टुकड़े ही कर डाले, उसे अश्क़ का जाम दिया। समझो इश्क बदनाम हुआ, क्यों अश्कों को भरे हुए हो। लक्ष्य को अपने छोड़ दिया, क्यों जीवन से रुष्ठ हुए हो। इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ है। खत्म हुआ भरोसा देखो, ऊपर न किसी का हाथ है। .................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #इश्क_और_अश्क़ #nojotohindi #nojotohindipoetry इश्क और अश्क़ इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ है। कहती है ये दुनिया सारी, इसमें कामदेव
gaTTubaba
इसमें गलत क्या हैं ? की पानी नदी का समंदर से जा मिला जिसका था उसी से जा मिला ये जो रुकावटें लगती हैं आखिर वो क्या हैं उसकी ज़िद के सामने वो ज़िद पे आया था तो ज़िद से जा मिला ©gaTTubaba #oddone इसमें गलत क्या हैं ? की पानी नदी का समंदर से जा मिला जिसका था उसी से जा मिला
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित । हो खुशियां जब संग , तो जीवन हो प्रफुल्लित ।। ले लो हाथ गुलाल , आयी बच्चों की टोली । भर पिचकारी मार , कहो सब हैप्पी होली ।। रंगों में ही ढूढ़़ लो , तुम जीवन के रंग । आ जायेगा आपको , सुन जीने का ढ़ंग ।। सुन जीने का ढंग , हमें त्योहार सिखाते । होली उनमें एक , मिलन की राह बनाते ।। आज न कोई गैर , सीख लो तुम बेढंगो । सबको साथी मान , आज तुम जी भर रंगो ।। फीके सारे रंग हैं , इस होली के ग्वाल । दूर बहुत साजन बसे , कैसे करूँ धमाल ।। कैसे करूँ धमाल , प्रीति बिन फीकी होली । होते साजन पास , करते हंसी ठिठोली ।। सर्दी से बेहाल , मारता लल्ला छीके । बैठी रहूँ उदास , रंग होली के फीके ।। २२/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित ।
Devesh Dixit
मतदान (दोहे) हम सबका अधिकार यह, करना है मतदान। मत चूको इससे कभी, इसमें अपनी शान।। आजादी प्यारी हमें, फिर क्यों खाएँ चोट। नेता अपना वो नहीं, जिसमें कोई खोट।। अंग्रेजों ने जो किया, माना वो थी भूल। आते जब भी याद वो, हिय में चुभते शूल।। पुनः न हो गलती वही, रखना इसका ध्यान। नेता सम श्री राम हो, वैसा ही मतदान।। हमको चुनना है उसे, जो दिल से हो नेक। निर्णय का दमदार हो, दे सबको वह टेक।। कहते हैं सज्जन सभी, नेता वही महान। रखे वतन की लाज भी, कर्मों से धनवान।। मतदाता को चाहिए, ऐसा करे चुनाव। नेता भी उत्तम मिले, हो सेवा का भाव।। करे नहीं मतदान जो, नादां हैं वो लोग। नासमझी का है उन्हें, देखो कैसा रोग।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मतदान #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मतदान (दोहे) हम सबका अधिकार यह, करना है मतदान। मत चूको इससे कभी, इसमें अपनी शान।। आजादी प्य