Find the Latest Status about अंगुलिमाल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अंगुलिमाल.
Shankar Singh Rai
तथागत की शरण में अँगुलिमालों को मोक्ष मिल जाता है तथागत को बुद्ध बनना पड़ता है निर्वाण हेतु बुद्ध बनना कठिन है मोक्ष पाने के लिए, अँगुलिमाल बनाना सरल अभी उँगलियाँ काटी जा रही हैं :/शंकर #जिल्दसाज़ी ©Shankar Singh Rai #अंगुलिमाल #buddha #जिल्दसाज़ी #BuddhaPurnima
Shipra Pandey ''Jagriti'
मुझसे पूछते हो बुद्ध होने का अर्थ क्या है..? मैं अंगुलिमाल हूँ..! शुद्ध विचारों से विरक्त कुमार्ग पर अग्रसर युगों - युगों से भटक रही मुझे किसी बुद्ध की तलाश है.. मैं अशांत मना क्या जानूँ बुद्ध हो जाने का अर्थ..!! ©Aishani मैं अंगुलिमाल हूँ..! #BuddhaPurnima2021
कवि मनोज कुमार मंजू
सबको अपनी पडी़ यहाँ अब बुद्ध बने तो कौन बने। चला लूट का दौर यहाँ सब डाकू अंगुलिमाल बने।। ©कवि मनोज कुमार मंजू #बुद्ध #डाकू #अंगुलिमाल #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #Love
LOL
मैं हत्यारा अंगुलिमाल सा काटकर उंगलियाँ स्वप्नों की समय के गले में पिरो रहा था बनाकर के माला.. एक दिन प्रेम-वन में सहसा तुमसे मिला तो शुद्ध हो गया मैं भी तुम सा बुद्ध हो गया!! ©KaushalAlmora #बुद्धपूर्णिमा #रोजकाडोजwithkaushalalmora #365days365quotes #yqdidi #life #अंगुलिमाल #life #शुद्ध
LOL
बुद्ध ने अंगुलिमाल को माधव ने पार्थ को जामवंत ने हनुमान को और तुमने मुझे.. दिखाई थी महज एक किरण.. खेल सारा रौशनी का है वरना अंधेरों को क्या ख़बर कि रंग क्या है! ©KaushalAlmora #रंग #रोजकाडोजwithkaushalalmora #yourquote #kaushalalmora #yqdidi #अंगुलिमाल #रौशनी #अंधेरा
PoonaM म्हस्के
Ratnesh Yadav
Divyanshu Pathak
जीवन की शुरुआत में हमारे प्रारब्ध का प्रभाव होता है। कुल, वंश, परिवार, माता-पिता परिवेश वही निर्धारित करता है। गुण, कर्म, स्वभाव जन्मजात भी होते हैं और अर्जित किए हुए भी। जन्मजात गुण, कर्म, स्वभाव, बढ़ती उम्र के साथ गौण हो जाते हैं और अर्जित किए हुए व्यक्तित्व बनकर प्रकट होते हैं। राम और रावण , कृष्ण और कंस, इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। बुद्ध और अंगुलिमाल भी शानदार। इसे हम और अधिक सूक्ष्म रूप से देखें तो -- महर्षि वाल्मीकि
AK__Alfaaz..
मेरी आत्मा प्रस्तुत है, किंतु मेरे संमुख आने से पूर्व, तुम जाओ, और..जाकर, पहले ही, सिद्धार्थ से बुद्ध बन जाओ, सत्य की खोज करो, बोध वृक्ष की छाया में, बोधज्ञान पाकर, बोधिसत्व कहलाओ, अपने शिष्यों को जीवन दीक्षा दो, निष्ठुर अंगुलिमाल का, हृदय परिवर्तन कर, उसे सत्य सन्मार्ग दो, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #आत्ममिलन मेरी आत्मा प्रस्तुत है, किंतु मेरे संमुख आने से पूर्व, तुम जाओ, और..जाकर,
Deepak Kanoujia
बुद्ध एक छिछली नदी हैं जो तुम्हें गहरे में उतारते हैं पर तुम्हें डूबने नहीं देते... बुद्ध से मैं सबसे पहले मिला कक्षा 7 में जब मैंने पढ़ी कहानी महात्मा बुद्ध और डाकू अंगुलिमाल...उनका वो कथन " मैं तो ठहर गया, तू कब ठहरेगा" मेर