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N S Yadav GoldMine

#boat नारदजी विष्णु भगवान के परम भक्तों में से एक माने जाते हैं आइये विस्तार से जानिए !!🌲🌲 {Bolo Ji Radhey Radhey} नारद जयंती :- 🎻 नारदजी वि #प्रेरक

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Ajay Amitabh Suman

Poetry Hindi_Kavita Duryodhan Mahabharat कविता दुर्योधन महाभारत धर्मयुद्ध महाभारत के शुरू होने से पहले जब कृष्ण शांति का प्रस्ताव

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ज़रूरी है  














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©Ajay Amitabh Suman #Poetry #Hindi_Kavita #Duryodhan #Mahabharat  #कविता #दुर्योधन #महाभारत #धर्मयुद्ध 
महाभारत के शुरू होने से पहले जब कृष्ण शांति का प्रस्ताव

Divyanshu Pathak

वासना में लिप्त थी एक गंधर्व सी जो कामना। मदयुक्त होकर हर रहा था प्रेम की आराधना।। ज्ञान और संस्कार का जो था बड़ा विद्वान वह। बस राग ईर्ष्या #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #मनमेंरामबसेहैं #KKC722 #पाठकपुराण

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वासना में लिप्त थी एक गंधर्व सी जो कामना।
मदयुक्त होकर हर रहा था प्रेम की आराधना।।

ज्ञान और संस्कार का जो था बड़ा विद्वान वह।
बस राग ईर्ष्या काम ने की भंग उसकी साधना।

सामने अदना सा मानव जब खड़ा उसके हुआ!
तब हुआ आभास उसको ये भला क्यूँ कर हुआ?

श्रीराम जग की चेतना है संकल्प कर्तव्यों भरे।
सम्मान और हैं शक्ति सीते  दुष्टता उसको हरे।

प्रेम को पीड़ा में बदला ये दोष है सबसे बड़ा!
सर्वशक्तिमान युग का बिन शीश रण में था पड़ा।

हे राम कल की आस हो राष्ट्र नायक भी बनो।
उद्दंडता को फिर तुम्हारे बाण से सबकी हनो। वासना में लिप्त थी एक गंधर्व सी जो कामना।
मदयुक्त होकर हर रहा था प्रेम की आराधना।।

ज्ञान और संस्कार का जो था बड़ा विद्वान वह।
बस राग ईर्ष्या

Hemant Samadhiya

करुणा है सागर भर भर कर, दीनों पर नेह तिहारा है। सुर हों या असुर यदा , सबका तू एक सहारा है।। जिस जिसका जग ने त्याग किया, उस उसको शिव ने तार #Shiva #Bholenath #mahakal

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करुणा है सागर भर भर कर, दीनों पर नेह तिहारा है।
सुर हों या असुर यदा , सबका तू एक सहारा है।। 
जिस जिसका जग ने त्याग किया, 
उस उसको शिव ने तारा है।। -2

शरण दिया भूतों को तुमने, शापित चंद्र शिखा पे धारा है। 
विष कालकूट को पीकर शिव ने, कंठ मध्य स्वीकारा है।।
 जिस जिसका जग ने त्याग किया, 
उस उसको शिव ने तारा है।। -2

जलगंग जटा में धारण कर, पतितों को भव से तारा है। 
जिनकी नौकाएँ जर्जर थीं ,उनको भी सागर पार उतारा है।। 
जिस जिसका जग ने त्याग किया, 
उस उसको शिव ने तारा है।। -2

भूतादिक हो शनकादिक हो, कण कण में वास तिहारा है।
जब कहीं विपत्ति आन पड़ी, मन शंभु शंभु पुकारा है।।
जिस जिसका जग ने त्याग किया,
उस उसको शिव ने तारा है।। -2

भक्तों पर संकट आन पड़ा यदि, महाकाल बन स्वयं काल ललकारा है।
सुर असुर देव गंधर्व यदा, सब ने वंदन किया तुम्हारा है।। 
जिस जिसका जग ने त्याग किया,
उस उसको शिव ने तारा है।। -2

©Hemant Samadhiya करुणा है सागर भर भर कर, दीनों पर नेह तिहारा है।
सुर हों या असुर यदा , सबका तू एक सहारा है।। 
जिस जिसका जग ने त्याग किया, 
उस उसको शिव ने तार

Divyanshu Pathak

भ्रमण कर-करके भू-मण्डल पर जल और नभ में, और इस बीच सृजित करोगे नित नए कर्म भी भोगते रहने को भविष्य में भी। करती है सारे खेल माया महामाया प्रक #shweta #Priya #komal

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जानता है तू क्यों आया है
इस नर देह में काटने को
कर्म-फल पिछले जन्मों के।
जनम भी कितने चौरासी लाख!
कैसे काटेगा ?.......☺ भ्रमण कर-करके भू-मण्डल पर जल और नभ में,
और इस बीच सृजित करोगे
नित नए कर्म भी भोगते रहने को भविष्य में भी।
करती है सारे खेल माया महामाया प्रक

शब्दिता

विदेहराज ने वैदेही का स्वयंवर जो रखवाया एक शर्त को पूरा करने परमवीरो को बुलाया उठाकर धनुष शिव का जो भी प्रत्यंचा चढ़ाएगा वहीं परमवीर प्रताप #राम #YourQuoteAndMine #सियाराम #मर्यादा_पुरुषोत्तम_राम

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सिया राम का मिलन होगा ।
तभी वध रावण का होगा ।।
सिया राम को तभी मिलेगी।
जब राम सा कोई पुरुष मिलेगा।। विदेहराज ने वैदेही का स्वयंवर जो रखवाया
एक शर्त को पूरा करने परमवीरो को बुलाया

उठाकर धनुष शिव का जो भी प्रत्यंचा चढ़ाएगा
वहीं परमवीर प्रताप

Vikas Sharma Shivaaya'

ओ३म् (ॐ): गणेश शिवमानस पूजा में श्री गणेश को ओ३म् (ॐ) या ओंकार का नामांतर प्रणव कहा गया है. इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक #समाज

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ओ३म् (ॐ): गणेश शिवमानस पूजा में श्री गणेश को ओ३म् (ॐ) या ओंकार का नामांतर प्रणव कहा गया है. इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक, नीचे का भाग उदर, चंद्रबिंदु लड्डू और मात्रा सूंड मानी गई है...,

गणेश ने मूषक को क्यों चुना अपना वाहन :-
पौराणिक कथा प्राचीन समय में सुमेरू अथवा महामेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि का अत्यंत मनोरम आश्रम था. उनकी अत्यंत रूपवती और पतिव्रता पत्नी का नाम मनोमयी था. एक दिन ऋषि लकड़ी लेने के लिए वन में गए और मनोमयी गृह-कार्य में लग गई. उसी समय एक दुष्ट कौंच नामक गंधर्व वहां आया और उसने अनुपम लावण्यवती मनोमयी को देखा तो व्याकुल हो गया. अपनी व्याकुलता में कौंच ने ऋषि पत्नी का हाथ पकड़ लिया. रोती और कांपती हुई ऋषि पत्नी उससे दया की भीख मांगने लगी. उसी समय सौभरि ऋषि आ गए. उन्होंने कौंच को श्राप देते हुए कहा 'तूने चोर की तरह मेरी पत्नी का हाथ पकड़ा है, इस कारण तू मूषक होकर धरती के नीचे और चोरी करके अपना पेट भरेगा. कांपते हुए गंधर्व ने मुनि से प्रार्थना की -'दयालु मुनि, अविवेक के कारण मैंने आपकी पत्नी के हाथ का स्पर्श किया था, मुझे क्षमा कर दें’. ऋषि ने कहा मेरा श्राप व्यर्थ नहीं होगा, तथापि द्वापर में महर्षि पराशर के यहां गणपति देव गजमुख पुत्र रूप में प्रकट होंगे तब तू उनका वाहन बन जाएगा, जिससे देवगण भी तुम्हारा सम्मान करने लगेंगे...,

बुद्धि के देवता भगवान गणेश जी ने आखिर निकृष्ट माने जाने वाले मूषक (चूहा) जीव को ही अपना वाहन क्यों चुना?
गणेश जी की बुद्धि का हर कोई कायल है. तर्क-वितर्क में हर कोई हार जाता था. एक-एक बात या समस्या की तह में जाना, उसकी मीमांसा करना और उसके निष्कर्ष तक पहुंचना उनका शौक है. चूहा भी तर्क-वितर्क में पीछे नहीं रहता. चूहे का काम किसी भी चीज को कुतर डालना है, जो भी वस्तु चूहे को नजर आती है वह उसकी चीरफाड़ कर उसके अंग प्रत्यंग का विश्लेषण सा कर देता है. शायद गणेश जी ने कदाचित चूहे के इन्हीं गुणों को देखते हुए उसे अपना वाहन चुना होगा...,

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 574 से 585 नाम

574 त्रिसामा तीन सामों द्वारा सामगान करने वालों से स्तुति किये जाने वाले हैं
575 सामगः सामगान करने वाले हैं
576 साम सामवेद
577 निर्वाणम् परमानंदस्वरूप ब्रह्म
578 भेषजम् संसार रूप रोग की औषध
579 भृषक् संसाररूप रोग से छुड़ाने वाली विद्या का उपदेश देने वाले हैं
580 संन्यासकृत् मोक्ष के लिए संन्यास की रचना करने वाले हैं
581 समः सन्यासियों को ज्ञान के साधन शम का उपदेश देने वाले
582 शान्तः विषयसुखों में अनासक्त रहने वाले
583 निष्ठा प्रलयकाल में प्राणी सर्वथा जिनमे वास करते हैं
584 शान्तिः सम्पूर्ण अविद्या की निवृत्ति
585 परायणम् पुनरावृत्ति की शंका से रहित परम उत्कृष्ट स्थान हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' ओ३म् (ॐ): गणेश शिवमानस पूजा में श्री गणेश को ओ३म् (ॐ) या ओंकार का नामांतर प्रणव कहा गया है. इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} कुरुवंश के प्रथम पुरुष का नाम कुरु था| कुरु बड़े प्रतापी और बड़े तेजस्वी थे| उन्हीं के नाम पर कुरुवंश की शाखाएं निकल #पौराणिककथा

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Divyanshu Pathak

https://youtu.be/VTFxVs6hnRw 💐💐💐 01. जय श्री राम --------------------- वासना में लिप्त थी एक गंधर्व सी जो कामना। मदयुक्त होकर हर रहा था प्रे #yqdidi #yqtales #yqhindi #प्रतिध्वनि #पाठकपुराण

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प्रतिध्वनि के स्वर ने
रचनाओं की प्रभावशीलता बेजोड़ कर दी।
मैं आदर्णीय उषा शर्मा जी और श्री के.के
तिवारी जी सहित सम्पूर्ण टीम का आभारी
रहूँगा। https://youtu.be/VTFxVs6hnRw
💐💐💐
01. जय श्री राम
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वासना में लिप्त थी एक गंधर्व सी जो कामना।
मदयुक्त होकर हर रहा था प्रे

Dr Upama Singh

सुदूर देश सिंघल द्वीप की थी राजकुमारी पद्मावती दुनिया मुझे याद करेगी मेरे कर्तव्य से ऐसा वो कहती थी सुंदरता ने खुद को जैसे पद्मावती के रूप म #yqrestzone #collabwithrestzone #yqrz #similethougths #rzलेखकसमूह #rztask83

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        "पद्मावती एक वीरांगना"
             अनुशीर्षक में    


 सुदूर देश सिंघल द्वीप की थी राजकुमारी पद्मावती
दुनिया मुझे याद करेगी मेरे कर्तव्य से ऐसा वो कहती थी
सुंदरता ने खुद को जैसे पद्मावती के रूप म
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