Find the Latest Status about लौटाया लॉगइन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लौटाया लॉगइन.
Rajnish Sharma
उन जागी रातो का अफसोस अब तक दिल में नुमाया हैं दिल फरेब आँखों के प्यार में, अपना सब कुछ लुटाया है लौटाया
लौटाया
read moreInternet Jockey
प्यार में दिल लौटाया नहीं जाता या तो दिल दिया जाता है या तोड़ा जाता है -Internet Jockey प्यार में दिल लौटाया नहीं जाता या तो दिल दिया जाता है या तोड़ा जाता है
प्यार में दिल लौटाया नहीं जाता या तो दिल दिया जाता है या तोड़ा जाता है
read moreVandana Rana
बहन की लाज के लिए जो प्रभु श्री राम से लड़ा, राक्षसों का राजा होकर भी जिसे शिव जी से वरदान मिला, सीता मैया को जिसने लंका से पवित्र लौटाया, जो सतयुग का एक बड़ा विद्वान कहलाया, ऐसा रावण मुझे कलयुग में कोई भी नजर नहीं आया! ©Vandana Rana बहन की लाज के लिए जो प्रभु श्री राम से लड़ा, राक्षसों का राजा होकर भी जिसे शिव जी से वरदान मिला, सीता मैया को जिसने लंका से पवित्र लौटाया,
बहन की लाज के लिए जो प्रभु श्री राम से लड़ा, राक्षसों का राजा होकर भी जिसे शिव जी से वरदान मिला, सीता मैया को जिसने लंका से पवित्र लौटाया, #Mythology #happydussehra
read moreअशेष_शून्य
..... सूरज ने लौटा दिया जो पास था; फूलों की पंखुड़ियों को, पंखुड़ियों ने तितलियों को, तितलियों ने आसमां को, आसमां ने समंदर को, समंदर ने नदियों को,
सूरज ने लौटा दिया जो पास था; फूलों की पंखुड़ियों को, पंखुड़ियों ने तितलियों को, तितलियों ने आसमां को, आसमां ने समंदर को, समंदर ने नदियों को, #NatureLove #yqdidi #yqhindipoetry #yqaestheticthoughts #अशेष_शून्य
read moreSubhasish Pradhan
जन्म, मृत्यु और अपमृत्यु। मृत्यु जीवन का एकमात्र सत्य है। जैसे ही जीवन का जन्म होता है साथ ही मृत्यु का भी जन्म हो जाता है। लेकिन ये मृत्यु के आगमन का भी समय होता है।
Divyanshu Pathak
मेरा मुट्टू मुझसे बोला कि मैं नाराज़ हूँ। ग़ुस्से में हूँ बात करने का मन नहीं कर रहा। मैंने कहा ठीक है मत करो बात, मेरे पास बैठो फिर उसे याद आया खाना बनाना अभी बाकी है मैंने कहा पहले अपना ग़ुस्सा मुझे दे जाओ... उसके बाद खाना बना लेना... खाने में गुस्सा मत मिलाना... फिर अंतर् से झाँकती मुस्कुराहट को छुपाकर खाना बनाने चली गई... प्रेम में पड़ी तमाम लड़कियाँ अपना सारा प्यार प्रेमियों पर उड़ेल देतीं हैं और ख़ुद रह जाती हैं रूखी सी.... मेरा मुट्टू मुझसे बोला कि मैं नाराज़ हूँ। ग़ुस्से में हूँ बात करने का मन नहीं कर रहा। मैंने कहा ठीक है मत करो बात, मेरे पास बैठो फिर उसे याद
मेरा मुट्टू मुझसे बोला कि मैं नाराज़ हूँ। ग़ुस्से में हूँ बात करने का मन नहीं कर रहा। मैंने कहा ठीक है मत करो बात, मेरे पास बैठो फिर उसे याद #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone #rzpicprompt4240 #पाठकपुराण
read moreNisheeth pandey
अंतिम साँसें ले रहा हूँ, मैं हूँ साल दो हज़ार बीस, क्षमा प्रार्थी हूँ , नफ़रत और धृणा स्वाभाविक है, हर लिया है जो तुम्हारा बहुत कुछ, बच्चों से पिता को, बहन से भाई को, पत्नी से पति को, ना जाने कितने रिश्तों से रिश्तों को, उद्द्योग धंधा , ऐशो आराम, सुख चैन, क्या क्या गिनाऊँ , लंबी ह सुचियाँ, द्वेष है, क्रोध है, नाराज़गी है , घृणा है, इच्छा यह सभी की है, कब जाओगे, कब आएगी चैन की नींद, जा रहा हूँ, मैं हूँ साल दो हज़ार बीस।। दीवार की कील से, टूटने वाला ही है, अब मेरी साँसें, इतिहास बनने को हूँ तैयार , मगर मेरे भाई मेरे अजीज लौटाया भी है बहुत कुछ मैंने, नदियों को किया स्वक्ष पानी, पेड़ों को दी हरियाली, पहाड़ों के झरनोे की किया फिर जीवंत बेघर पशु-पक्षियों को घर, घुटती धड़कनों को दिया सांसें, जीवन को समझाया प्रकृति का अर्थ, रिश्तों को प्यार और मिलन, बागों में फूलों की बहार, सर्दी की बर्फ़, गर्मी को शीतल हवाएं, प्यासी मिट्टी को पिलाई बारिस की बूंदे, ज़िंदगी को प्रकृति की सौगात, रखना याद हर हार के बाद है जीत, हर दर्द की आह बताती है खूंशी का मोल, जा रहा हूँ,मैं हूँ साल दो हज़ार बीस।। पीड़ा को नहीं हर्ष को याद रखना, दिखाया जो तुम्हें आईना, उसे संजोग रखना, प्रकृति से अब और मत करना खिलवाड़, संसार व्यक्तिगत नही , किसी की बपौती नहीं है, याद रखना, ज़्यादा नहीं,थोड़े की है ज़रूरत, स्वार्थ भरी ज़िंदगी की, बदल लो सूरत, खुशियों से भरा साल आएगा दो हज़ार इक्कीस मेरे स्थान पर, जा रहा हूँ, मैं हूँ साल दो हज़ार बीस.... 🙏निशीथ🙏 ©Nisheeth pandey अंतिम साँसें ले रहा हूँ, मैं हूँ साल दो हज़ार बीस, क्षमा प्रार्थी हूँ , नफ़रत और धृणा स्वाभाविक है, हर लिया है जो तुम्हारा बहुत कुछ, बच्
अंतिम साँसें ले रहा हूँ, मैं हूँ साल दो हज़ार बीस, क्षमा प्रार्थी हूँ , नफ़रत और धृणा स्वाभाविक है, हर लिया है जो तुम्हारा बहुत कुछ, बच् #poetryunplugged #celibration #kahanikaar #CapableEnough #happynewyear2021 #thowback2020 #ManyThanks #Safer2020
read moreDR. SANJU TRIPATHI
कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें 👇 👇 👇👇 हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी का पुत्र था दुर्योधन। महाबली योद्धा श्रेष्ठ गदाधारी द्रोणाचार्य का शिष्य था दुर्योधन। कौरव वंश क
हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी का पुत्र था दुर्योधन। महाबली योद्धा श्रेष्ठ गदाधारी द्रोणाचार्य का शिष्य था दुर्योधन। कौरव वंश क #yqbaba #yqdidi #myquote #YourQuoteAndMine #openforcollab #collabwithmitali #mahabharat_charitra #gandhari_nandan_duryodhan
read moreसुमन मनोहर चतुर्वेदी
जेनब को नम आंखों से श्रद्धांजलि ....😓😓😓 माँ मेरा कसूर नही था, एक चाचू से चॉकलेट ही तो ली थी .. पापा सा वो लगता था !! मुझे बोला तुम बेटी हो मेरी !! उसके पहलू मे बैठ गई मै .. चॉकलेट खाती, बाते करती .. हाथ मेरे सर पर जो फेरा .. मै समझी थी इंसान ही ही होगा ... उसकी भी कोई बेटी होगी शायद उसने इसलिए चुम्मा मुझको.. मै भी खुश होकर गले से लग गयी.... माँ मेरा कसूर नहीं था...... एक चाचू से चॉकलेट ले ली .. 10 का नोट भी पकड़ाया था .. मुझको जैसे पापा याद आये ... खुशी से लेकर सोचा मैने .. चाचू के पैसे से 2 rupee की चॉकलेट और भी लेनी है मैने .. 3 Rupee भइया को दुगी .. 5 Rupee की गुडिया भी लेनी है मैने.. ऐसे मै वो बाते करता घर से दुर ले आया मुझे.. माँ मेरा कसूर नहीं था ..इक चाचू से चॉक लेट ले ली , मुझको कुछ भी समझ ना आया.. उसने अचानक लहजा बदला.. मुझे यू जमीन पर लौटाया .. मुँह मेरा जो बंद किया तो... मुझे फिर मालूम नही था.. चिल्हाकर तुझको बुलाना चाहा ऐ माँ .. माँ मेरे मासूम से जीस्म को चाचू ने माँस का टुकड़ा समझा.. कुत्ते की तरह काटा मुझको.. बिल्ली की तरह वो देख रहा था. .. माँ अब मै सह ना पायी .. आज तेरी कली मुरझा गई.. माँ मेरे हाथ मे देखो... एक चॉकलेट तो खा ली थी मैंने.. और एक हाथ में होगी .. माँ अबकी बार अगर पैदा होऊ मैं .. मुझको खुद से दुर ना करना माँ सुनो सुनो मैं माँस का टुकड़ा थी क्या.??? मैने क्या मांगा था.?? एक चॉकलेट के बदले? MAA मै जान गवाकर आयी !! Maa मैं चिड़िया थी तेरी.. एक दाने पर जान गवाई .. सुनो माँ अबकी बार पैदा हौऊ मैं, तो मुझको खुद से दुर ना करना !! मुझको खुद से दुर ना करना !!! माँ मेरा कसूर नही था.. be careful our baby ...... जेनब को नम आंखों से श्रद्धांजलि ©Suman Manohar Chaturvedi जेनब को नम आंखों से श्रद्धांजलि ....😓😓😓 माँ मेरा कसूर नही था, एक चाचू से चॉकलेट ही तो ली थी .. पापा सा वो लगता था !! मुझे बोला तुम बेटी हो
जेनब को नम आंखों से श्रद्धांजलि ....😓😓😓 माँ मेरा कसूर नही था, एक चाचू से चॉकलेट ही तो ली थी .. पापा सा वो लगता था !! मुझे बोला तुम बेटी हो #Smile
read moreN S Yadav GoldMine
भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा ये मंदिर पागल बाबा के नाम से प्रसिद्ध है आइये विस्तार से जानिए !! 🔆🔆{Bolo Ji Radhey Radhey} पागल बाबा मंदिर :- पागल बाबा मंदिर का रहस्य :- 🌊 मथुरा जिसे श्री कृष्ण की जन्म भूमि कहा जाता है। यहां कण-कण में भगवान का श्री कृष्ण वास है और इस भूमि पर अनगिनत मंदिर स्थापित हैं। यहां स्थापित हर भवन कान्हा और राधा रानी से जुड़ा है जिसमें उनकी लीलाओं का वर्णन अलग-अलग रूपों में देखने को मिलता है। कहा जाता है कि यहां के प्रत्येक मंदिर में पूरे साल भक्तों का तांता लगा रहता है। दुनियाभर से लोग यहां भगवान के दर्शनों के लिए आते-जाते रहते हैं। 🌊 आप सभी ने ये तो सुना ही होगा कि जब-जब धरती पर पाप बड़ा है, तब-तब भगवान ने विश्व के कल्याण के लिए अवतार लिए हैं और जब भी किसी भक्त ने भगवान को पुकारा है तो वे स्वयं उसकी मदद करने आए हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि श्री कृष्ण अपने किसी भक्त के लिए कोर्ट में भी पेश हुए हैं। जी हां, आज हम आपको बांके बिहारी के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहें हैं जिसका नाम और कहानी दोनों ही बेहद दिलचस्प है। तो आइए जानते हैं इस भव्य मंदिर के बारे में- 🌊 श्री कृष्ण से जुड़ा ये मंदिर पागल बाबा के नाम से प्रसिद्ध है, जो उनके एक भक्त को समर्पित है। आपको बता दें कि पागल बाबा मंदिर वृंदावन में स्थित है। इसके बारे में एक कथा प्रचलित है, जिसके अनुसार एक गरीब ब्राह्मण जो श्री कृष्ण का बहुत बड़ा भक्त था। वो पूरा दिन ठाकुर जी का नाम जपता रहता था। उसके पास जितना भी धन होता या यूं कहें कि जितना भी रूखा-सूखा उसे खाने को मिलता वे उसे भगवान की मर्ज़ी समझकर खुशी-खुशी जीवन व्यतीत करता। 🌊 एक बार उसे कुछ पैसों की जरूरत पड़ी तो वो किसी साहुकार से पैसे लेने गया। साहुकार ने पैसे देते हुए कहा कि उसे जल्द ही पैसे लौटाने होंगे। उसकी बात मानकर वो पैसे लेकर घर आ गया। वे ब्राह्मण हर महीने किश्त के हिसाब से साहुकार के पैसे लौटा रहा था। आखिरी किश्त के थोड़े दिन पहले ही साहुकार ने पैसे न लौटाने का समन पत्र उसके घर भिजवा दिया। 🌊 ये देखकर ब्राह्मण बहुत परेशान हुआ और वो साहुकार से विनती करने लगा लेकिन साहुकार नहीं माना। कोर्ट में जाकर भी ब्राह्मण ने जज से यही बोला कि एक किश्त के अलावा मैने सारा कर्ज़ चुकाया है। ये साहुकार झुठ बोल रहा है। 🌊 ये सब सुनकर साहुकर ने ब्राह्मण से कहा कोई ग्वाह है जिसके सामने तुमने साहुकार को धन लौटाया हो। इतना सुनकर वो सोच में डूब गया कि ये तो मैंने सोचा ही नहीं कि जब मैंने साहुकार को पैसे वापिस लौटाए तब उसके अलावा तो किसी ने मुझे पैसे देते हुए देखा ही नहीं। 🌊 उसने इस बारे में बहुत सोचा और अंत में अपने भगवान को याद करते हुए उसने बांके बिहारी का नाम लिया। ये सुनकर पहले तो जज हैरान हुआ लेकिन बाद में उसने उनका पता मांगा। ब्राह्मण के कहने पर एक नोटिस बांके बिहारी के मंदिर में भिजवाया गया। पेशी की अगली तारीख पर एक बूढ़ा आदमी कोर्ट में पेश हुआ और ब्राह्मण की तरफ़ से गवाही देते हुए बोला कि जब ब्राह्मण साहुकार के पैसे लौटाता था तब मैं उसके साथ होता था। 🌊 बूढ़े आदमी ने रकम वापिस करने की हर तारीख को कोर्ट में बताया और साहुकार के खाते में बूढ़े आदमी द्वारा बताई गई रकम की तारीख़ भी सही निकली। साहुकार ने रकम तो दर्ज़ की थी लेकिन नाम फर्ज़ी लिखे थे। जज ने ब्राह्मण को निर्दोष करार दिया। लेकिन वो हैरान था कि इतना बूढ़ा आदमी इतनी तारीख़ कैसे याद रख सकता है। जज ने उसके बारे में उस ब्राह्मण से पूछा ब्राह्मण ने उत्तर दिया कि वो सब जगह रहता है लोग उन्हें श्याम, कान्हा, कृष्ण आदि नामों से जानते हैं। इसके बाद जज ने दोबारा उससे पूछा बताओ वो बूढ़ा आदमी कौन था फिर ब्राह्मण ने कहा सच में मैं उनको नहीं जानता वो कौन थे। 🌊 जज को इस बात की बड़ी हैरानी हुई, उसके मन में सवाल पर सवाल आ रहे थे कि आख़िर वो आदमी था कौन। इसी पहेली को सुलजाने वो अगले दिन बांके बिहारी के मंदिर में पहुंच गया। वो जानना चाहता था कि आख़िर कल जो कोर्ट में आया था वो कौन है। मंदिर के पुजारी से जज ने जब बात की तो उन्होंने बताया कि जो भी चिट्ठी-पत्र यहां आता है उसे भगवान के आगे रख दिया जाता है। जज ने उससे बूढ़े आदमी के बारे में भी पूछा लेकिन पूजारी ने कहा ऐसा कोई भी आदमी यहां नहीं रहता है। 🌊 यह सब बातें सुनने के बाद जज समझ ही गया कि वो साक्षात श्री कृष्ण ही कोर्ट में पेश हुए थे। इस घटना के बाद जज इतना हक्का-बक्का रह गया कि उसने अपने पद से अस्तीफा दे दिया और यहां तक कि उसने अपना घर-परिवार तक छोड़ दिया और फकीर बन गया। मान्यता के अनुसार बहुत सालों बाद वो जज पागल बाबा के नाम से वृंदावन वापिस आया और उसने बांके बिहारी के मंदिर का निर्माण करवाया। तब से ये मंदिर पागल बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। 🌊 इस मंदिर के बारे में एक और मान्यता यह भी है कि जब जज को पता लगा कि उसके सामने साक्षात श्री कृष्ण कोर्ट में पेश हुए थे। तब वो सब कुछ छोड़ बांके बिहारी को ढूंढने लगा। इस बात ने उसे पागल सा कर दिया था। इसके बाद जब भी कभी किसी भंडारे में जाता वहां से पत्तलों की जूठन उठाता। 🌊 उसमें से आधा जूठन ठाकुर जी को अर्पित करता और आधा खुद खाता। उसे एेसा करते देखकर लोग उसके खिलाफ़ हो गए और लोगों ने उसे मारना पीटना शुरु कर दिया लेकिन वो नहीं सुधरा जूठन बटोर कर खाता और भगवान को खिलाता रहता। 🌊 उससे परेशान होकर लोगों ने एक बार उसके खिलाफ़ योजना बनाई। जिसके अनुसार लोगों ने भंडारे में अपनी पत्तलों में कुछ न छोड़ा ताकि ये पागल ठाकुर जी को जूठन न खिला सके। उसने फिर भी सभी पत्तलों को पोंछ-पोंछकर एक निवाला इकट्ठा किया और अपने मुख में डाल लिया, पर आज वो ठाकुर को खिलाना तो भूल ही गया। 🌊 लेकिन जैसे ही उसे इस बात का ख्याल आया कि उसने बिना भोग लगाए ही वो निवाला मुख में रखा है, तब उसने वो निवाला अन्दर न किया कि अगर पहले मैं खा लूंगा तो ठाकुर का अपमान हो जाएगा और अगर थूका तो अन्न का अपमान होगा। अब वो निवाला मुंह में लेकर ठाकुर जी के चरणों का ध्यान लगा रहा था। 🌊 तभी अचानक से बाल-गोपाल एक सुंदर से बालक के रुप में पागल जज के पास आए और बोला क्यों जज साहब आज मेरा भोजन कहां है। ये सुनकर जज की आंखें आंसुओं से भर आई और वो मन ही मन बोल रहा था कि ठाकुर जी बड़ी गलती हो गई, मुझे माफ़ करें। 🌊 ठाकुर जी भी मुस्कराते हुए बोले आज तक तो तूने मुझे लोगों का जूठा खिलाया है किंतु आज अपना ही जूठा खिला दें। जज की आंखों से अश्रु रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। रोते-रोते वो बाल-गोपाल के चरणों में गिर पड़ा और वहीं उसने अपने प्राण त्याग दिए। 🌊 आज भी उस जज को समर्पित पागल बाबा नाम का विशाल मंदिर वृन्दावन में स्थित है। कहा जाता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता। यहां भक्तोंं की हर मनोकामना पागल बाबा और कान्हा ज़रूर सुनते हैं। पागल बाबा का ये आश्रम बहुत ही चमत्कारिक है यहां आने वाले भक्तों को सकारात्मकता का अनुभव होता हैं।। ©N S Yadav GoldMine #yogaday भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा ये मंदिर पागल बाबा के नाम से प्रसिद्ध है आइये विस्तार से जानिए !! 🔆🔆{Bolo Ji Radhey Radhey} पागल बाबा मं
#yogaday भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा ये मंदिर पागल बाबा के नाम से प्रसिद्ध है आइये विस्तार से जानिए !! 🔆🔆{Bolo Ji Radhey Radhey} पागल बाबा मं #पौराणिककथा
read more