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Suchita Pandey
अभिव्यक्ति - 8 // इंद्रधनुष के रंग // ज़िन्दगी के सात रंगों में इंद्रधनुष के है ये सात रंग, रंग हरा, नारंगी, पीला-लाल, बैंगनी, नीला-नीला। सज रहे कितने सुन्दर सजीले, जैसे धूप - छांव है ज़िन्दगी के। आज वैसे ही बादल बिखरा है, आसमान धुलकर निखरा है। बरस - बरस बादल काले , किरणें खिल -खिल झाँक रही हों जैसे अपनी शोभा आँक रही हैं। आसमान का रंग मिला फिर , इंद्रधनुष सतरंग खिला है, बूँदें जब बरसती धरती पर सोभा इसकी बढ़ा रही है। इंद्रधनुष के रंग सजा रही है , सातों रंगों को लेकर, हमको जीना सीखा रही है, ज़िन्दगी खूबसूरत बना रही है। #अभिव्यक्ति_8 #इंद्रधनुष_के_रंग #pnpabhivyakti8 #pnphindi अभिव्यक्ति - 8 // इंद्रधनुष के रंग // ज़िन्दगी के सात रंगों में इंद्रधनुष क
Insprational Qoute
सीमाओं से परे सोच को नये पंख लगाओ, शब्द व अक्षरों से एक अद्भुत रचना सजाओ, जो आज तक नही घटा उस घटना का सार बताओ, सोच के इस पार नहीं उस पार जाओ, जो असम्भव हैं उसे संभव करके दिखाओ, सोच रूपी समुंदर से मोती निकाल लाओ कल्पना के रहस्य से रचना का सार रचाओ। सीमाओं से परे कुछ रिश्ते, जो साथ नही पर साथ चलते हैं। वह इंद्रधनुष के रंगों सी, ज़िंदगी के सफ़र में खास लगते हैं।। 👉आइए आज लिखते हैं, कुछ उ
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
जिस मिट्टी में जन्म लिए क्यों बेईमानी करते हो, बेचकर ईमान अपने, सरेआम नादानी करते हो, देशद्रोही बनते हो, तनिक भी लज्जा नहीं आती, भारत माँ की आँचल को क्यों लहूलुहान करते हो। सेना और कोरोना योद्धाओं को पत्थर मारते हो, आतंकवादियों को अपने घरों में पनाह देते हो, अब वो समय नहीं जो तुम मनमानी कर पाओगे, सीमाओं से परे जाओगे तो बेमौत मारे जाओगे। सीमाओं से परे कुछ रिश्ते, जो साथ नही पर साथ चलते हैं। वह इंद्रधनुष के रंगों सी, ज़िंदगी के सफ़र में खास लगते हैं।। 👉आइए आज लिखते हैं, कुछ उ
Vandana
गागर में सागर की जैसी पनघट में सुकुमारी जैसी दहलीज में खड़ी कोई नारी जैसी आंगन में तुलसी की क्यारी जैसी तू हर रंग रूप में ढली हर लिबास में संवरी लिपटी है तन में किसी साड़ी जैसी बेस्वादी के आलम में स्वाद की महक हो रेगिस्तान में कोई खिलता कमल हो मरमरी काया तन सुकोमल फूलों जैसा कहीं तुम गंगा तो कहीं तुम ज्वाला स्त्री तत्व कितना अद्भुत है हर रंग में मिलता है हर फूल में खिलता है हर हवा में बहता है,, हर रूप में सजता है इंद्रधनुष के रंगों जैसा पूरे आस
RituRaj Gupta
दिल कि डायरी में, तिरा हर राज छुपा रखा है, आंसुओं से भीगे पन्नों को गमों से, सजा रखा है, एक एक शब्द गवाही दे रहा था, तेरी यादों की, अब भीगे हुए कागजों को स्याही से, सजा रखा है, फीके पड़ने लगे हैं स्याही के रंग, डायरी के कोनों में, सिमटे कागजों को इंद्रधनुष के रंगों से, सजा रखा है, भेजा था कभी उन्हें खतों को, गुलाब में लपेट कर, उन्हीं खतों में लिपटे गुलाब को कांटों से, सजा रखा है, सूख कर ख़त्म ना हो जाए, यादें तेरी कागजों में, कागज़ को आंसुओं से बारिशों में, सजा रखा है !! पेश है एक नई ग़ज़ल:: रदीफ़ = सजा रखा है । दिल कि डायरी में, तिरा हर राज छुपा रखा है, आंसुओं से भीगे पन्नों को गमों से, सजा रखा है, एक एक
Sonam kuril
आज उड़ते उड़ते नील गगन से एक चिठ्ठी , मेरे नाम आयी है , साथ में अपने कुछ ठंडी हवा के झोके , कुछ सर्द , कुछ गुनगुनी , चुरा कर इंद्रधनुष के रंग लायी है , रूखे से होंठो पर जैसे कोई प्यास लायी है , मायूस से इस चेहरे की मुस्कान लायी है , स्याह पड़े इस आँखों के घेरे , फिर से इन् आँखों में उम्मीद का उजाला लायी है , आज उड़ते उड़ते नील गगन से एक चिठ्ठी , मेरे नाम आयी है , बंजर सी इस दिल की जमीं पर , जैसे बारिश की बुँदे लायी है , पतझड़ के इस मौसम में जैसे , सावन की हरियाली सी छायी है , फुट रही है जैसे नयी कलियाँ सी दिल में , मेरे नाम नए रिश्ते का पैगाम लायी है , आज उड़ते उड़ते नील गगन से एक चिठ्ठी , मेरे नाम आयी है | #नए #रिश्ते आज उड़ते उड़ते नील गगन से एक चिठ्ठी , मेरे नाम आयी है , साथ में अपने कुछ ठंडी हवा के झोके , कुछ सर्द , कुछ गुनगुनी , चुरा कर इंद
Vandana
मौसम की साज़िशे आज होने लगी दिल जवां धड़कनें रवा होश अब कहां रहने लगा बारिश की ठंडी ठंडी बूंदों में,,, सर्द हवाओं के झोंकों में रंग बिरंगे तितली के पंखों में,,,इंद्रधनुष के रंगों में,,,, आसमा को छूकर गुजरते बा
RituRaj Gupta
मैं शराब हूँ:- ---------- धड़कते दिलों को, सुकूँ दिला दूं, टूटे दिलों पर, मरहम लगा दूं, दर्द-ए-दिल कि दवा हूं मैं, शराब हूँ मैं, भिन्न भिन्न रंगों से बोतलें हैं भरी, नीली, लाल, सफ़ेद, तो कभी हरी, इंद्रधनुष के रंगों से, गुलज़ार हूँ मैं, शराब हूँ मैं, .. .. Please read rest in caption मैं शराब हूँ:- ---------- धड़कते दिलों को, सुकूँ दिला दूं, टूटे दिलों पर, मरहम लगा दूं, दर्द-ए-दिल कि दवा हूं मैं, शराब हूँ मैं, भिन्न भिन्न
kanchan kushwaha
#प्रेम और वासना प्रेम और वासना में विपरीत है फिर भी समीप है... वासना तनाव लाती है,प्रेम विश्राम लाता है... वासना अंग पर केंद्रित होती है,प
Vandana
जिंदगी के खूबसूरत रंग, समेट सकते हो.. ..तो समेट लो पल ये खुशनुमा जिंदगी के,,,,, कि लौट न पाएंगे फिर कितने भी जतन कर लो,,,,,, धूप के उजास को ..सोख लो अंतर्मन में ,