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'अरे भगाओ इस बालक को, होगा यह भारी उत्पाती जुलुम मिटाएंगे धरती से इसके साथी और संघाती यह उन सबका लीडर होगा नाम छपेगा अखबारों में बड़े-बड़े मिलने आएंगे लद-लदकर मोटर-कारों में' व्याख्या - कवि कहता है कि एक निम्नवर्गीय परिवार में जिस बच्चे ने जन्म लिया है वह बड़ा होकर निम्नवर्गीयो वर्गों का नेता होगा और अपने साथियों से मिलकर व्यवस्था परिवर्तन कर देगा। ये पंक्तियाँ कवि की मार्क्सवाद के प्रति आस्था को व्यक्त करती हैं। वह इस मार्क्सवादी विचार में विश्वास रखता है कि क्रांति होगी और निम्नवर्ग में क्रांति करने की शक्ति है। मात्र उसे सही नेतृत्व की जरूरत है। ©Nikhat #आधुनिक हिंदी कविता, कवि - नागार्जुन
dilip khan anpadh
मुझे मॉफ कीजिये ************** ये समाज के ओहदेदार लोग है,मुझे माफ़ कीजिये ये समाज के समझदार लोग हैं,मुझे माफ़ कीजिये। गरीबों के खून से पुताई की है,अपने घरों का इनके बारे मे क्या-क्या बताऊँ,मुझे माफ़ कीजिये। दुधमुहे बच्चो का दूध छीना है इन्होंने अपने लिये इनके घर आज गोद भराई है,मुझे माफ़ कीजिये। पहले भी एक महफ़िल में शरीक हुए था इनके घर आने वाले थे जमाई, एक कसाई,मुझे माफ़ कीजिये। भूखे तबकों की कीमत लगाते है ये लोग अपने लिए इसे कहते है,अपनी गाढ़ी है कमाई,मुझे माफ़ कीजिये। बीपीएल में,अब तक नाम है इनका कुछ पाने को संपत्ति के ब्यौरे में है सफाई,मुझे माफ़ कीजिए। ओहदों में इज्जत पा, इंसानियत बेचा है इन्होंने इनकी होगी, जग हंसाई,मुझे माफ़ कीजिये। अनपढ़ देखता,समझता,परखता है ,हर अंदाज को बोल जाऊं, तो होगी बेबफाई,मुझे माफ़ कीजिये दिलीप कुमार खाँ""अनपढ़"" #Silence #माफ कीजिये #हिंदी #काव्य #कविता
Silence माफ कीजिये हिंदी काव्य कविता
read moresapna kumari
हिंदी दिवस पर हिन्दी काव्य पाठ करने का मौका मिला ©sapna kumari हिंदी काव्य पाठ करने का मौका हिंदी दिवस पर मिला
हिंदी काव्य पाठ करने का मौका हिंदी दिवस पर मिला #विचार
read moreअदनासा-
हे समस्त वृक्षों हे कानन हमें क्षमा कर दो, हम मानव तुम्हारे पतन का कारण बन चुके है, हम विकसित मानव चरम विकास में मग्न है अब हम सुंदर परिधान धारक है नग्न नही, अपितु चरम आधुनिक काल के अंतर्गत, हमें हमारे हर स्थान को सुविधा एवं सरलता में बदलना है, तुम्हारी दुविधा एवं पीड़ा से हमारा नाता नही है, हमारी चिंताएं अधिक है हमें स्वयं का अधिकार चाहिए, तुम्हें अधिकार नही है क्योंकि तुम बोल नही पाते, वैसे हमारी स्वयं की सुनवाई ही कम हो रही है, तो तुम्हारी सुनवाई भला कौन कैसे करे ? हमारा स्वयं से नाता न्युन एवं यंत्र से अधिक है, भला जीव जंतुओं की चिंता एवं चिंतन संभव कैसे हो ? हम विकसित विकासशील मानव पुनः क्षमा प्रार्थी है, माना की हम एकदा विद्यालय में पर्यावरण के विद्यार्थी भी थे, हम सुशिक्षित सुसभ्य केवल हृदय से सॉरी ही कह सकते है, हमें केवल और केवल सुविधाजनक विकास चाहिए, स्वयं के ह्रास हेतु अत: असुविधा हेतु खेद प्रकट करते है, हमने तुम्हारे पतन में स्वयं का उत्थान खोज लिया है। ©अदनासा- #हिंदी #कानन #वृक्षों #आधुनिक #विकास #उत्थान #पतन #Instagram #Facebook #अदनासा
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
दिल के अरमान | अमनदीप मांग्रोत्रा द्वारा सर्वश्रेष्ठ हिंदी प्रेम काव्य | सर्वश्रेष्ठ रोमांटिक हिंदी काव्य | Nojoto Open Mic - Chandigarh #Poetry
read moreShahab
आधुनिक इश्क में मैं बस इतना पुराना हूं , जिस्मों वाली मोहब्बत के दौर में बिंदी , काजल और उसके पायल का दीवाना हूं... ©Shahab #आधुनिक