Find the Latest Status about धरती poem from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, धरती poem.
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
Sarita Kumari Ravidas
सौगंध है खाईं इस मिट्टी की मरते दम तक रक्षा हम करेंगे तेरी झुकने ना देंगे मान तेरा ना कम होगा सम्मान तेरा। नज़र बुरी जो डालीं किसी ने तुझपे उस नज़र को छलनी करेगा हर वीर अपना तु है जननी धरती मां अपनी लेकर भाले तलवार गर आया कोई रक्षा में तेरी उस तलवार पे होगा सिर अपना। ©Sarita Kumari Ravidas #PhisaltaSamay धरती मां ☺️🙏 #Nojoto #poem
Dinesh Kumar
जब प्रकट हुआ मैं धरती पर मेरे सामने एक सुंदर उपवन था सारे सुंदर पुष्प चुन लिए मैंने आभार जताया नहीं उपवन का अपनी जरूरत के माफ़िक मैंने सुंदर उपवन से लाभ उठाया भोजन आश्रय सब लिया मैंने उपकार किया नहीं उपवन का फूल पत्ती फल शाखाएं ली मैंने अपनी जरूरत को पूरा किया एक दिन लालच के दानव ने दिल चीर दिया सुंदर उपवन का जब मरने लगा उपवन तो मानव ने खोजा नया तरीका कंक्रीट के नीचे दफना दिया शेष बचा शरीर जो उपवन का कब बदल गया सारा उपवन कंक्रीट की रंग बिरंगी इमारतों में नजरे उठाकर देखता हूँ जब दुनिया में भ्रम होता है आज भी उपवन का जब प्रकट हुआ मैं धरती पर #कविता #poetry #poem #poems #nojoto #नोजोटो #nojotohindi #tmasweb #earth #धरती
kumaarkikalamse
तपती धरती प्यासी है आकर प्यास बुझा किसान ने कहा आसमान देखकर। #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #हिंदी #hindi #poem #धरती #4332 #napowrimo
Anuradha Priyadarshini
धरती माँ के गर्भ में,बहुत रत्न भंडार। जिसको पाने के लिये,मनुज का अत्याचार। ©Anuradha Priyadarshini #धरती
Anekanth B
धरती धँस गई धरती उनकी निवृत्ति की मेरी बात सुनकर किसकी धरती ? धरती किसीकी धँसी नहीं तुम भ्रम में हो धरती नहीं धँसती वह सिर्फ़ घूमती है इसे कोई रोककर रख नहीं सकता धरती स्थिर नहीं है घूमती है उसे घूमने दो क्यों उसे स्थिर रहने दो । कभी नहीं भरता जी जितना भरो उतना ही रीता रहता है जी हित इसीमें है इस सच को समझ लो । न धरती स्थिर , न आकाश स्थिर धरती और आकाश के बीच चर-अचर भी अस्थिर इस परम सत्य को जानकर चित्त को अपने में करो सुस्थिर वहीं है परम सुख और परम आनंद भी भरपूर । -बाहुबली भोसगे धरती
Anekanth Bahubali
धरती धँस गई धरती उनकी निवृत्ति की मेरी बात सुनकर किसकी धरती ? धरती किसीकी धँसी नहीं तुम भ्रम में हो धरती नहीं धँसती वह सिर्फ़ घूमती है इसे कोई रोककर रख नहीं सकता धरती स्थिर नहीं है घूमती है उसे घूमने दो क्यों उसे स्थिर रहने दो । कभी नहीं भरता जी जितना भरो उतना ही रीता रहता है जी हित इसीमें है इस सच को समझ लो । न धरती स्थिर , न आकाश स्थिर धरती और आकाश के बीच चर-अचर भी अस्थिर इस परम सत्य को जानकर चित्त को अपने में करो सुस्थिर वहीं है परम सुख और परम आनंद भी भरपूर । -बाहुबली भोसगे धरती
Anuradha Priyadarshini
सुनो धरा के लाल सुनो अब, जंगल को अब न कटने दो। धरा को वात्सल्य लुटाने दो, जीवन को मुस्कराने दो।। ©Anuradha Priyadarshini धरती
Anuradha Priyadarshini
धरती की बातें बड़ी ही निराली बदले मौसम की अपनी कहानी कभी जाड़े की धूप मन खिलाए वही धूप गर्मी में बहुत झुलसाती ©Anuradha Priyadarshini धरती