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Parasram Arora
सामीप्य पाने के प्रतिदिन के नए बहाने अब अच्छे नतीजे नहीं दे रहे हैँ मुझे भला रोज अपनी कमीज के बटन तोड़ कर टूटे बटनों को टंकवाने का मजा कोई कब तक ले सकता हैँ औऱ रूमाल चश्मा आये दिन यादरहते हुए भी भूल जाने की कवायद रोज कब तक की जा सकती हैँ सामीप्य.....
CalmKrishna
................ ©CalmKrishna अवसर बार बार न आवे। #लौ #जल #सामीप्य #अवसर #जीवन #मुक्ति #आजादी
HintsOfHeart.
"उठ रही है कहीं क़ुर्बत से तेरी साँस की आँच अपनी ख़ुशबू में सुलगती हुई मद्धम-मद्धम दूर उफ़ुक़ पार चमकती हुई क़तरा क़तरा गिर रही है तिरी दिलदार नज़र की शबनम"¹ ©HintsOfHeart. #Good_Night 💖 1.फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ क़ुर्बत= सामीप्य,नज़दीकी / Nearness. उफ़ुक़= क्षितिज / Horizon.
Divyanshu Pathak
अंगूठे की कसरत से मात्र 6 सेकंड में दुनियां भर की सूचनाओं को प्राप्त करलेने बाली युवा पीढ़ी आज दिल की बातों को कहने में असमर्थ नज़र आती है। # तकनीकी #sadness #lonlyness ..... दुनियां भर की सूचनाओं को आज हम तकनीकी के माध्यम से मात्र 6 सेकंड में प्राप्त कर लेते है।और इसे आधुनिकता
Anita Saini
“पृथ्वी” एक चित्ताकर्षक,मोहक अप्सरा की भाँति है। जिसके ब्रह्मांड के ग्रह-उपग्रह व असँख्य तारे “प्रेमी” हैं! “पृथ्वी” एक चित्ताकर्षक,मोहक अप्सरा की भाँति है। जिसके ब्रह्मांड के ग्रह-उपग्रह व असँख्य तारे “प्रेमी” हैं! जो चक्कर लगाते रहते हैं इसके चा
BROKENBOY
कोई ये कैसे बताये के वो तनहा क्यों है वो जो अपना था, वही और किसी का क्यों है यही दुनिया है तो फिर, ऐसी ये दुनिया क्यों है यही होता है तो, आखिर यही होता क्यों है इक ज़रा हाथ बढ़ा दे तो, पकड़ लें दामन उस के सीने में समा जाए, हमारी धड़कन इतनी कुर्बत है तो फिर फ़ासला इतना क्यों है दिल-ए-बरबाद से निकला नहीं अबतक कोई इक लुटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई आस जो टूट गयी फिर से बंधाता क्यों है तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता कहते हैं प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है (कुर्बत = सामीप्य, नज़दीकी, निकटता) कोई ये कैसे बताये के वो तनहा क्यों है वो जो अपना था, वही और किसी का क्यों है यही दुनिया है तो फिर, ऐसी ये दुनिया क्यों है यही होता है तो, आख
Shravan Goud
आपकी कुर्बत में आकर हमारे व्यक्तित्व में निखार आया। पहले हमारा वजुद नही था अब वाह वाही हो रही है। कॉलेब करें Proverbs World 💙 के साथ। 🌸 Write two-liner / दिये गए शब्द का उपयोग कर दो पंक्तियो में रचना लिखें। Best ones can be HIGHLIGH
Madhu Jain
क़ुर्बत-ए-गम से साझेदारी कर ली जब से उन्होंने उल्फ़त में बगावत कर दी। कॉलेब करें Proverbs World 💙 के साथ। 🌸 Write two-liner / दिये गए शब्द का उपयोग कर दो पंक्तियो में रचना लिखें। Best ones can be HIGHLIGH
Madhu Jain
क़ुर्बत-ए-कब्र में सुकूँ महसूस होता है जब जब दिल उसका जिक्र करता है। कॉलेब करें Proverbs World 💙 के साथ। 🌸 Write two-liner / दिये गए शब्द का उपयोग कर दो पंक्तियो में रचना लिखें। Best ones can be HIGHLIGH
Ganesh Singh Jadaun
क़ुर्बतों[1] में भी जुदाई के ज़माने माँगे दिल वो बेमेह्र[2] कि रोने के बहाने माँगे अपना ये हाल के जी हार चुके लुट भी चुके और मुहब्बत वही अन्दाज़ पुराने माँगे यही दिल था कि तरसता था मरासिम [3]के लिए अब यही तर्के-तल्लुक़[4] के बहाने माँगे हम न होते तो किसी और के चर्चे होते खल्क़त-ए-शहर[5] तो कहने को फ़साने माँगे ज़िन्दगी हम तेरे दाग़ों से रहे शर्मिन्दा और तू है कि सदा आइनेख़ाने[6]माँगे दिल किसी हाल पे क़ाने[7] ही नहीं जान-ए-"फ़राज़" मिल गये तुम भी तो क्या और न जाने माँगे ~ अहमद फ़राज़ ©Ganesh Singh Jadaun क़ुर्बतों[1] में भी जुदाई के ज़माने माँगे दिल वो बेमेह्र[2] कि रोने के बहाने माँगे अपना ये हाल के जी हार चुके लुट भी चुके और मुहब्बत वही अन