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अनुभव पंडित जी
आँखों में आँसू हैं पर किसी को दिखा नहीं सकता,अपनी तकलीफ मैं किसी को सुना नहीं सकता,प्यार करने की सज़ा होती ही ऐसी हैं यारों टूटा हैं प्यार में दिल पर मैं किसी को बता नहीं सकता। ©अनुभव पंडित जी #Parchhai #शायरी #आँख #आंशू #प्यार
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read moreअनूप'बसर'
मेरी आँखों से अब खूं निकलता है मुझे अपना अब हर सुकूं खलता है। #शायरी #आँख #प्यार #love #poet
CalmKrishna
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Dhruv Poddar
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read moreSudhanshu Singh Rajput
उनकी आँखों मे इतना नशा है ,की पूरा मैखाना मदहोश होजाए। में तो डूब गया हूं उस की उन निगाहों में। जमान देख ले तो ये कायनात मिट जाए। वो अपनी आँखों से क़त्लेआम मचाती रेहती है, मगर चेहरे से नकाब उठा दे न तो जमाना मिट जाए। #आँख#शायरी#love#nojotohindi#mylines#sharelove#someonespecial#forher
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read moreParasram Arora
आईने के सामने. ज़ब भी मेरी आँख खुलती है मैं अपना प्रतिबिम्ब देख सकता था. पर जैसे ही मैं अपनी आँख बंद करता हूँ मेरी रूह मेरे भीतर से बाहर आकर अपनी आकृति का ज़ायज़ा लेने आईने के सामने आ जाती थी और ये रहस्य मुझे मेरे आईने ने मुझे मेरे कानो मे फुसफुसाते हुए बताया था काश मेरी बंद आँखों का ये सच मेरी. खुली आँखे देख पाती तों निश्चित ही मैं उस आईने की बात पर भरोसा भी कर लेता ©Parasram Arora बंद आँख खुली आँख
बंद आँख खुली आँख #कविता
read moreSubhash Sir2
जिनका आँख बात बात पर भीग जाती है वो कमजोर नहीं बल्कि दिल के साफ होते है। ©Subhash Sir2 जिनका आँख बात बात पर भीग जाती है.....
जिनका आँख बात बात पर भीग जाती है..... #Shayari
read moreVinod KC
आँखों के परिंदे पलको के पर को अब गिरने नही देते। शायद सपना ज़िन्दगी बनने को है। #आँख #पलके #परिंदे #पर #सपने #ज़िन्दगी #nojoto #nojotohindi
Shubham Singh
। ये आँख तुम्हारी आँख नहीं है । ये उस खूबसूरत मुखड़े का हिस्सा है जिस पर मैं कभी बेशुमार मरता था ।। ये वो खंज़र है जिसने हमें ज़ख्मी किया वो मैं बदनसीब हूँ जो इसे सहता था ।। ये वो जगह है जिसमें मैं खुद को ढूंढता मगर मैं नहीं हर बार कोई और मिलता था ।। ये वो निगाह है जिसने कभी हमें देखा नही वो मैं हूँ जो सिर्फ इस निगाह को तकता था ।। ये वो खज़ाना है जो मेरा हिस्से का नहीं फिर भी मैं इसे खोने से डरता था ।। यो वो सच है जो सच में सिर्फ झूठ है ये वो धोखा है जिसपे मै ऐतबार करता था ये वो घर है जिसमें अब अ नाम का लड़का है ये वो घर है जिसमे शु नाम का ही कोई रहता था ।। ©Shubham Parihar ये आँख तुम्हारी आँख नहीं। ।
ये आँख तुम्हारी आँख नहीं। ।
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