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Rajni kant dixit
वो गांव की ठंडी छांव गर्मियों की याद दिलाती है. क्यों न कितना भुलाये गांव की गली भुलाई नही जाती है.. ©rajnikantdixit(अधूरा ख्वाब ) गांव की ठंडी छांव. #gaon
The Story of Unknown author
धुप से भी क्या डरना जब कोई पेड़ हो साथ तेरे 🌳 सूरज की आग सहकर ठंडी छांव हमें देने वाले पेड़ ही है जो मरकर भी हमें जीवन देते हैं
Sobersoul
Sweat and Blood हाँ था, कभी मिलना जुलना शीतल ठंडी छांव से, अब तो महज धूप के साथ सिलसिले है मुलाकातों के। ✍️Sobersoul हाँ था, कभी मिलना जुलना शीतल ठंडी छांव से, अब तो महज धूप के साथ सिलसिले है मुलाकातों के। ✍️Sobersoul
Ganesha ki ladli
जिसका जैसा नजरिया है उसको बैसी नजर आती हूं मैं किसी को ठंडी छांव सी तो किसी को तपती रेत सी नजर आती हूं मै ©❤️ Ganesha ki ladli ❤️ जिसका जैसा नजरिया🙂 है उसको वैसे ही नजर 👁️आती हूं मै किसी को ठंडी छांव🌳 सी तो किसी को तपती रेत 🌪️सी नजर आती हूं मै 🥰😊🤘🤘
Anjuola Singh (Bhaddoria)
एक और बात घुली है, आज इस परिवेश में, दिग्भ्रमित मनुष्य, अविवेक लिप्त आवेश में, जाने कब मिलेगी, परिपक्वता की ठंडी छांव । ✍🏻© Anjula Singh Bhadauria 📜PoetryArtist🎨 #triveni #त्रिवेणी एक और बात घुली है, आज इस परिवेश में, दिग्भ्रमित मनुष्य, अविवेक लिप्त आवेश में, जाने कब मिलेगी, परिपक्वता की ठंडी छांव ।
Moh Ashraf Khan
हाल फिहाल बहोत कुछ है मेरी जिंदगी में जब भी ठोकर लगी तो दिल से आवाज आई मां धूप में ठंडी छांव की तरह साथ थी वो है मां जब भी रहमत से दूर हुआ रहमत बन कर मेरी जिंदगी में अाई वो मां जितना भी लिखूं कुछ भी लिखूं कम है मेरी मेरी मां #NojotoQuote मेरी मां हाल फिहाल बहोत कुछ है मेरी जिंदगी में जब भी ठोकर लगी तो दिल से आवाज आई मां धूप में ठंडी छांव की तरह साथ थी वो है मां जब भी रहमत
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
एक अनदेखी तरंग जो हमारे दरम्यान सफर करती है... इस पर चलते रहते हैं... हमारे एहसास हमारा प्यार और एक कशिश जो एक पड़ाव पर आकर रुकती है... ये पड़ाव हमारा हृदय ही तो है... कुछ देर एक दूसरे के हृदय के बगीचे मे पेड़ की ठंडी छांव मे हम दूर कर लेते हैं... सारे दुख चिंता,और सारी थकान एक दूसरे के अहसासों को अपने मन की गठरी मे भर कर.. फिर चल देते हैं उस तरंग पर सवार अपनी अपनी ओर... सुनो.. ये खजाना है हमारे प्रेम का,अहसासों का.. और सच कहु तो सहारा है जीने का... ©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) एक अनदेखी तरंग जो हमारे दरम्यान सफर करती है... इस पर चलते रहते हैं... हमारे एहसास हमारा प्यार और एक कशिश जो एक पड़ाव पर आकर रुकती है... य
sushma Nayyar
डिअर डैड ठंडी छांव ने वादे तपती धूप से किए थे कभी दरखतों के पत्ते बनकर , कभी छत का छज्जा बनकर कर देगी छाया थके मुसाफिरों पर हाथ में हाथ को धर कर चलेंगे साथ में मिलकर और वादे धूप ने छांव से भी कुछ ऐसे ही किए थे सर्द दुपहरी में अक्सर सर्द परछाइयों पर जम जाएंगे जब ठंडे शीतकन तो आकर गुनगुनी किरणें समेटेंगी सब आंचल में ठिठुरते कांपते हर कण में भरेंगी गर्म प्राण ।। _________________ सुषमा नैय्यर ठंडी छांव ने वादे तपती धूप से किए थे कभी दरखतों के पत्ते बनकर , कभी छत का छज्जा बनकर कर देगी छाया थके मुसाफिरों पर हाथ में हाथ को धर कर चले
Archana Tiwari Tanuja
मां मेरी तुम्हीं से है जीवन मेरा, तुम्हीं से रात मेरी तुम्हीं सवेरा। हे जननी तुझ सा न कोई दूजा, हर स्वास पर है अधिकार तेरा। हर परिस्थिति में साथ रही तुम, जब असमंजस ने मुझको घेरा। गिरा लड़खड़ाया थामा तूने हाथ, जब निराशा ने मन में डाला डेरा। हर जन्म में तेरा प्यार दुलार मिले, जन्म मरण का जब-जब हो फेरा। जीवन दु:ख की!धूप तू ठंडी छांव, ये ममता का नाता हो और घनेरा। अर्चना तिवारी तनुजा ©Archana Tiwari Tanuja #MothersDay #maa #nojoto #nojotohindi #nojotowriters #nojotonews #kavita #gazal #MyThoughts #viral_video 14/05/223 मां :- ******
Nisheeth pandey
नज़रे ढूंढती फिरती है गर्मी में, अगर कहीं हो विशाल पेड़ की छांव... जो बुलाता पास निकट बिठाता देता ठंडी ठंडी छांव .... लेकिन हम मानव प्रकृति का दुश्मन काट रहें उजाड़ रहे खत्म कर रहें पेड़ों की महत्ता पेड़ों की जमीन पर सजा रहें बस कंक्रीट की ऊंची दीवारें फलस्वरूप तापमान धरती का बढ़ रहा गर्मी उफ गर्मी , दिन पर दिन आग बरस रहा झुलस रहा गर्मी से तन बदन गांव-मोहल्ला कूंचा-कूंचा.... गरमी कोयले के खान में जैसे लगा दिया किसी ने आग .... हरियाली मिटती जा रहीं पानी मिटती जा रहीं जीवन घुट रहीं दीवारों के घेरों में आत्मा मर गयी तन हंगामा मचा रहा है भौतिक सुख में प्रकृति खो रहें हैं आओ पेड़ पैधे बचाये और लगाएं जिससे हो खेती हरी भरी जिससे हो धरती हरी भरी जिससे कमी न हो ऑक्सीजन की जिससे हो हमारी आने वाली पीढ़ी हरी भरी...... #निशीथ ©Nisheeth pandey #WorldEnvironmentDay नज़रे ढूंढती फिरती है गर्मी में, अगर कहीं हो विशाल पेड़ की छांव... जो बुलाता पास निकट बिठाता देता ठंडी ठंडी छांव .... ले