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Kamaal Husain
नई उम्मीदों के साथ चलोगे तब ही मंजिल पाओगे हार मान के मुश्किल से तुम मुश्किल में रह जाओगे सीख लो यारों आगे चलकर काम ये विद्या आएगी वर्ना इस नदानी पे तुम सब एक दिन पछताओगे शर्मा जी झल्ला के बोले अपने बेटे मोहन से पढलों नै तो हरिया जैसे रिक्शा यही चलाओगे मन में विद्या रख पागल छोड़ दें पूजा काजल को एक दिन दुनियाँ में तुम अपना ऐसे नाम कमाओगे एक जिंदगीं पापा कि बाईक बैठी है बंदी और एक वो है कि आॅडी में परियां रोज़ घुमाओगे कोई फायदा नहीं है सच में इससे कोई कमाल का फिर भी मानो बात मेरी तुम मीठा फल ही पाओगे OPEN FOR COLLAB✨ #ATनयीउम्मीदोंकेसाथ • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your positive words.✨ BG credits ~ Sumaiya Shaik
Sarita Shreyasi
कब तक? जब तक मेरी नमी तुम्हारे सीने में उतर न जाये अपनेपन की गर्मी से भाप बन ये उड़़ न जाए। या तबतक, जबतक मेरे बाजुओं की गिरफ्त खु़द-ब़-खु़द ढीली न पड़ जाये। ( please Read the caption) #कभी फुर्सत से, साथ बैठेंगे, मैं और तुम, हाँ, बस हमदोनों। बेरोकटोक हर बात करेंगे, पहले सारे गिले-शिकवे,फिर नाज़ुक गीले अहसास रखेंगे। छूट गए
Sarita Shreyasi
जब दूर होती है, तो कितनी ही बातें, कितने ही ख्याल होते हैं, सामने बैठकर बतियाने को, एक अरसे पर करीब आए,तो यह साथ ही बहुत होता है, हर एक क्षण को जीने को, यादें समेट आगे बढ़ जाने के। आश्वस्त करती आँखें होती हैं, परिस्थितियाँ समझ जाने को, मुस्कुराती,सहज-सी चुप्पी, सुनने-सुनाने,साथ गुनगुनाने को। मैं गुस्साती हूँ, रोष जताती हूँ, माँ पर, माँ समान बड़ी दीदी, बहन और अपनी जनी बेटी पर। इन सबमें,कुछ मेरा,मुझ जैसा है, इसलिए मैं इनसे सहज हो प
Sarita Shreyasi
मैं गुस्साती हूँ, रोष जताती हूँ, माँ पर,माँ समान बड़ी दीदी, छोटी बहन और अपनी जनी बेटी पर। इन सबमें,कुछ मेरा,मुझ जैसा है, इसलिए मैं इनसे सहज हो पाती हूँ, झल्लाती हूँ, चिल्लाती हूँ,अपनी कमजोरी जाहिर कर पाती हूँ, प्यार जताना नहीं आता, तो चीख कर अधिकार जताती हूँ, सच है कि उनके माध्यम से, मैं खुद पर आक्रोश जताती हूँ, उनपर अधिकार समझती हूँ,अतः अपने साथ उनको भी दोषी ठहराती हूँ। मैं गुस्साती हूँ, रोष जताती हूँ, माँ पर, माँ समान बड़ी दीदी, बहन और अपनी जनी बेटी पर। इन सबमें,कुछ मेरा,मुझ जैसा है, इसलिए मैं इनसे सहज हो प
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
ये जो बात-बात पर नाराज़ होते हो तुम... लगता है मन से किसी और के साथ होते हो तुम... Read in caption... ये जो बात बात पर नाराज़ होते हो तुम लगता है मन से किसी और के साथ होते हो तुम जब करती हूँ फोन तुम्हें लगातार रहता है फोन बिज़ी लगता है किसी और
Simmi Arora
// तू बदला नही है बस खो गया है कही // (caption) //तू बदला नही है बस खो गया है कही// सुकून मिलता है तेरी बाहों में मुझे, रात बीत जाती है निहार्ते तुझे। थाम लिया अब हाथ तेरा, साथ भी चल लेंग
भाग्य श्री बैरागी
नायक:- हर दो घड़ी बाद मुझे यूॅं तुम सताती क्यों हो, फुला मुॅंह अपना पर्दे के पीछे छुपाती क्यों हो, बाहें खोलूँ तब खिसक दूर बैठ जाती क्यों हो, तुम प्रेम मेरा, दस मर्तबा कहलवाती क्यों हो? आँचल से पोछूँ मुॅंह तो आँखें दिखाती क्यों हो, छोटी-छोटी बातों पर इतना झल्लाती क्यों हो, चश्म-ए-तर करके मेरी जान ले जाती क्यों हो, बातों को मेरी काट अपनी ही सुनाती क्यों हो? ज़हरीली नज़रों को काजल से सजाती क्यों हो, जु़ल्फो को अपनी कसके तुम बाँध लेती क्यों हो, आकर पहलू में, खुशबू की तरह जाती क्यों हो, पनाह माँगते इश्क को ठोकर खिलाती क्यों हो? नायिका:- सदा अश्कों को मेरे तुम झूठा ही बताते क्यों हो, पहलू में जब आकर बैठूँ तो ऐसे सताते क्यों हो, मेरी ही बताई बातों को तुम भूल जाते क्यों हो, मुझ खुदा की मूरत पर सितम, तुम ढाते क्यों हो? (शेष अनुर्शीषक में पढ़ें) नायक:- हर दो घड़ी बाद मुझे यूॅं तुम सताती क्यों हो, फुला मुॅंह अपना पर्दे के पीछे छुपाती क्यों हो, बाहें खोलूँ तब खिसक दूर बैठ जाती क्यों
Sunita D Prasad
कहानी # जीवनसंगिनी.... वॉक से लौटकर जैसै ही मैंने अपना पहला कदम घर के अंदर रखने के लिए बढ़ाया, रोज़ की तरह मैडम की हिदायत आ गईं, - "पैर, अच्छे से डोरमेट पर पौंछ कर आना। पूरे घर में मिट्टी-मिट्टी हो जाती है, पता नहीं, कहाँ से टहल कर आते हो।" #yqdidi #yqtales #yqtale #yqpost #कहानी- जीवनसंगिनी "सुनो, चाय में चीनी कम डालना, एकदम शरबत बना डालते हो।" सुमन की आवाज आते ही, मेरे हाथ दू
Pankaj Singh Chawla
पर्किंग वाला प्यार भाग - 2 (Read In Caption) पार्किंग वाला प्यार 2 अच्छा सुनो फिर आगे क्या हुआ... उस रात मैं उसी के बारे में सोचता रहा, उसका चेहरा बार बार मेरी नज़रों के सामने आ रहा था
Pankaj Singh Chawla
"पंकज" तू झल्ला जेहा हो गया... (Read In Caption) इक वारी फिर तो, मैं सोचा विच पे गया, प्यार मेरे दा मख़ौल बन रहा गया, करदा सी मैं गल्ला जदों, तेरे मेरे वियाह दियां, लोकी मैनूं कहन्दे सी, विय