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Mahesh Lokhande
स्वातंत्र्याचा सूर्य उगवला स्वातंत्र्याचा सूर्य उगवला तेज चहूकडे फाकले स्वातंत्र्याच्या या तेजाने विश्व सारे दिपले॥धृ॥ फळाफुलांनी नटली अवनी कृतार्थ झाली इथली जननी शेतकरी हा समर्थ झाला हरितक्रांतीने हे केले॥1॥ दुधातूपाची अवतरली गंगा कृतार्थ केले भारतीयांना गुरे वासरे नाचू लागली धवलक्रांतीने हे केले॥2॥ साक्षर झाली इथली जनता कृतार्थ झाली भारतमाता सिलीकाॅन व्हॅलीमध्ये जाऊनी संशोधन यांनी केले॥3॥ अमेरिकेने तंत्र न दिले हिंदपुत्राने स्वतःच मग महासंगणक बनवले माहिती तंत्रज्ञानाने हे केले॥4॥ कवी=महेश लोखंडे स्वातंत्र्याचा सूर्य उगवला
nisha Kharatshinde
रवी उगवला नाही पाहण्यास आज रवीस सजूनी पहाट आली शृंगार वाट पाहे अन् रवी उगवला नाही चमकूनी दवबिंदू ते थबकले पानांवरी भ्रमरही गुंजारव मग करु लागले सुमनांवरी दाट धुक्यात त्या पहाटही सज्ज होती नेसुन शालू हिरवा प्रतिक्षेत उभी होती प्रसन्नतेचा शुभ्र पिसारा अतुरता ही वाढलेली क्रूर मेघ दाटून गडद वाट रवीची रोखलेली ✍️निशा खरात/शिंदे (काव्यनिश) ©nisha Kharatshinde रवी उगवला नाही
Samdarshi PrajaMandal
हे जगदीश्वर तुम्हें प्रणाम हे सर्वेश्वर तुम्हें प्रणाम । जहां देखता हूं वहां तुम ही तुम हो । झरनों में तुम हो, झीलों में तुम हो ।। पृथ्वी में तुम हो, शैलो में तुम हो सूरज में तुम हो, चंदा में तुम हो, जहां दृष्टि डालो वहां तुम ही तुम हो । जिधर देखता हूं उधर तुम ही तुम हो । तारों में तुम हो, सितारों में तुम हो । देवों में तुम हो, दनुजो में तुम हो । गंगा में तुम हो ,यमुना में तुम हो, हर मन में तुम हो, हर तन में तुम हो , धरा से गगन तक रमे तुम ही तुम हो । जिधर देखता हूं वहां तुम ही तुम हो ।। ग
Rajkamal Gupta
अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, अल्फाज मेरे दिल के तन्हाईयाँ जो लिखी थी हमने सोचा न था कभी की नज़रो के सामने रहोगी हमारे पर हम दिल - ऐ - अल्फाज बयान ना कर पाएँगे । चाहना तो हम मे भी बहुत खूब लिखा है दिल - ऐ - दर्खाश्त, दरमीयाँ.... दिल भले मेरा जख्मी है, लेकिन सांसो में अब भी मगरूरी है मुर्खते - ऐ - जुबाने खारोफ कभी ऐहसास दिला न पाएँगे हम । ग
yashu tiwari
एक बेटी क्या कहती है... ♥️ आपकी आवाज सुनकर ही सुकून का एहसास होने लगता है पापा आपकी उदासी एक अनकहा संबल आपके प्यार की खुशबु जैसे महके सुगंधित मंदिर की अगरबत्ती आपकी विश्वसनीयता मेरा खुद पर और गर्व महसूस करना आपकी छोटी सी मुस्कान मेरी बड़ी सी ताकत आप का हरपल का साथ ख़ुशी का एहसास इस जहा मे मेरे लिए आप से ज्यादा कोई खास नही है कोई भी नही...पापा, आपके भार तले दबी है मेरी हर एक साँस ।।आकांक्षा सिंह (romi) ग
shubham hirode
मैं जिस दिन कहँ दु उस से मिलने को। वो कॉल तक न उठाये मुझसे बात करने को।। अब और क्या खाविशे रुकू में अपनी जुस्तजू में। वो जो कहे कि हमी तो बेठे हैं समझने को।। बता तकदीर के कौनसे पन्ने पर लिखू। वो जो अब दिल चाहता हैं करने को।। सब अपनी वफादारी अपने रब से रखो। इंसानो मैं क्या रखा हैं अब मिलने को।। जुस्तजू-मन की सोच में ग
Charu Chauhan