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Stories related to 'कौन किसे दिल में जगह देता है, पेड़ भी अपने सूखे पत्ते गिरा देता है, वाक़िफ़ हैं हम दुनिया के रिवाजों से, जी भर जाए तो हर कोई भुला देता हैं।'

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता, कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं।

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Unsplash इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता,
कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता,
कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं।

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हमने तो दिल से चाहा है, और चाहेंगे, कमज़र्फ हैं, जिनकी मोहब्बत में बेचैनियाँ होंगी।

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Unsplash हमने तो दिल से चाहा है, और चाहेंगे,
कमज़र्फ हैं, जिनकी मोहब्बत में बेचैनियाँ होंगी।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हमने तो दिल से चाहा है, और चाहेंगे,
कमज़र्फ हैं, जिनकी मोहब्बत में बेचैनियाँ होंगी।

नवनीत ठाकुर

#हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस

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White हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे,
जुबां को फलक भर नहीं आती।
सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर,
पर दुनिया को सहर नहीं आती।

दिल की गुंजाईश है बेहिसाब,
पर फिज़ा तक असर नहीं जाती।
ख्वाब जलते हैं रात की आग में,
सुबह उनकी खबर नहीं आती।

खुद से भी गुमशुदा हैं ऐसे,
जैसे राह कोई नजर नहीं आती।
आईने भी सवाल करते हैं अब,
पर उनकी सूरत उभर नहीं आती।

©नवनीत ठाकुर #हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे,
जुबां को फलक भर नहीं आती।
सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर,
पर दुनिया को सहर नहीं आती।

दिल की गुंजाईश है बेहिस

नवनीत ठाकुर

#हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है, सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है। जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी, उन्हें दरकिनार किया जाए तो

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White हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है,
सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है।
जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी,
उन्हें दरकिनार किया जाए तो मुश्किल होगी।

दर्द ने संवार दी हैं ये तहरीरें दिल की,
ग़म ने निखार दी हैं तस्वीरें दिल की।
हर कहानी का एक हिस्सा बन चुका हूँ मैं,
खुद को मिटाया जाए तो मुश्किल होगी।

आसमान से तारे भी पूछते हैं सवाल,
क्यों उजाले में भी दिखता है ये मलाल?
ज़िंदगी के हर ग़म को हमने गले लगाया,
अब उन्हें छोड़ दिया जाए तो मुश्किल होगी।

©नवनीत ठाकुर #हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है,
सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है।
जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी,
उन्हें दरकिनार किया जाए तो

नवनीत ठाकुर

#हर खुशी में छुपा एक डर सा है, हर हंसी के पीछे एक असर सा है। जो दर्द दिल के करीब आ चुका, उसे दूर किया जाए तो मुश्किल होगी। हर जख़्म ने सिखाई

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नवनीत ठाकुर

हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं

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"हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं,
मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं।
राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं,
हम वो हैं, जो तूफानों में भी, राह अपनी खुद बनते हैं।"

©नवनीत ठाकुर हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं,
मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं।
राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं,
हम वो हैं

नवनीत ठाकुर

"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

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"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी,
हम वहां से नई शुरुआत करते हैं।
जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे,
हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

©नवनीत ठाकुर "जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी,
हम वहां से नई शुरुआत करते हैं।
जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे,
हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

नवनीत ठाकुर

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग

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White 

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है,
हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है।
हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं,
हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं।
जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं,
हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं।

©नवनीत ठाकुर 
भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है,
हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है।
हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं,
हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग

नवनीत ठाकुर

ख्वाबों का जहां किस हकीकत में ढलता है, जो आज खामोश हैं, कल क्या बदलता है। जिनके मुकद्दर में हैं आसमान के किस्से, देखें, किसे ज़मीं और किसे

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White ख्वाबों का जहां किस हकीकत में ढलता है,
जो आज खामोश हैं, कल क्या बदलता है।
जिनके मुकद्दर में हैं आसमान के किस्से,
देखें, किसे ज़मीं और किसे फलक मिलता है।

हर मंजर की चुप्पी में राज छुपा है,
हर सवाल का जवाब वक्त ने लिखा है।
जो आज देख रहे हैं सिर्फ एक कहानी,
कल वही लम्हा इतिहास बनकर चलता है।

©नवनीत ठाकुर  ख्वाबों का जहां किस हकीकत में ढलता है,
जो आज खामोश हैं, कल क्या बदलता है।
जिनके मुकद्दर में हैं आसमान के किस्से,
देखें, किसे ज़मीं और किसे

Ashraf Fani

हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए बनके आदम यहाँ हैं आये हुए जो दिल में दिया वही तो किया बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए हम तो जन्नत से हैं ठ

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हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए
बनके आदम यहाँ  हैं आये हुए
जो दिल में दिया वही तो किया
बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए
हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए

©Ashraf Fani हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए
बनके आदम यहाँ  हैं आये हुए
जो दिल में दिया वही तो किया
बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए
हम तो जन्नत से हैं ठ
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