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Anjali Srivastav
दुःख मिला है मगर दुःख की मारी नहीं। छल - कपट से मेरी कोई यारी नहीं।। मेरी अस्मत प ऊँगली उठाये कोई, और चुप मै रहूँ ऐसी नारी नहीं ।। ©अंजली श् #शायरी
read moreIrfan Saeed
White मुस्कुराते चेहरे साजिश का इशारा करते अपने भी मुफ़्लिसी मै अब किनारा करते मुझे तो मारी है दुनिया ने भी ऐसी ठोकर ज़ख्म पर हंसते है ये फिर से दोबारा करते मेने रिश्तों की तिजारत मै मुनाफा चाहा इनकी औकात यही है कि खसारा करते बदलते चेहरे है हर बार बदल जाते हैं वो गम-ख़्वार बनने का अब दिखावा करते मैं तो मिलने को तड़पता हूं मेरे अपनों से वो है कि मेरे गमों से भी किनारा करते इरफ़ा" पैसों का है खेल अपने भी खफा है मेरी बर्बादी का अब सब ही नजारा करते ©Irfan Saeed मुस्कुराते चेहरे साजिश का इशारा करते अपने भी मुफ़्लिसी मै अब किनारा करते मुझे तो मारी है दुनिया ने भी ऐसी ठोकर ज़ख्म पर हंसते है ये फिर से
मुस्कुराते चेहरे साजिश का इशारा करते अपने भी मुफ़्लिसी मै अब किनारा करते मुझे तो मारी है दुनिया ने भी ऐसी ठोकर ज़ख्म पर हंसते है ये फिर से #Shayari #gazal #love_shayari
read moreDevesh Dixit
मौत हूँ मैं मौत हूँ मैं, जी हाँ, मौत हूँ मैं। दिलों को दहला दूँ सबके, वो ख़ौफ़ हूँ मैं, मेरा कोई दिन समय स्थान नहीं, यही सब भी जानते हैं। गलती मेरी भी होती कभी नहीं, सब ही यही मानते हैं। फिर भी देखो खौफ़ है मेरा, मुझसे ही सब काँपते हैं। मैं दिखता नहीं किसी को मगर, मुझको भी सब भाँपते हैं। गलती खुद ही ये करता मानव, फिर मैं ही क्यों दिखता दानव। ऐब ग्रस्त से यह लिप्त हो गया, देखो अंधकार में खुद खो गया। मारा-मारी का जो दौर चला है, मुझको भी वहाँ जाना पड़ा है। दिया कार्य जो ईश्वर ने मुझको, कैसे छोड़ूं, बता अब मैं तुझको। शेष कविता कल प्रेशित होगी................................. ©Devesh Dixit #मौत_हूँ_मैं #nojotohindi #nojotohindipoetry मौत हूँ मैं मौत हूँ मैं, जी हाँ, मौत हूँ मैं। दिलों को दहला दूँ सबके, वो ख़ौफ़ हूँ मैं,
#मौत_हूँ_मैं #nojotohindi #nojotohindipoetry मौत हूँ मैं मौत हूँ मैं, जी हाँ, मौत हूँ मैं। दिलों को दहला दूँ सबके, वो ख़ौफ़ हूँ मैं, #Poetry #sandiprohila
read moreAwadheshPSRathore_7773
White "अभी रोशनी दो चार कदम चली भी ना थी की दिए को किसी की नजर😰 लग गई" उपरोक्त पंक्तिया मेरी आज उन सभी अजन्मे नहीं वरन जन्म लेकर इस दुनिया में आ चुके उन अभागे बच्चों को समर्पित करता हूं जो माँ की कोख से पैदा तो हुए मगर किसी जन्मजात विकृति शरीर में ले कर आने के कारण वापस महिने दो महिने में ही वापस वही चले गए जिस ईश्वर के घर से वो आए थे वैसे तो 10 जून को मेरा जन्मदिन है मगर मैं इसे 2003 से इस दिन को इसलिए नहीं मनाता है की जून के महिने में ही शादी के 1 साल बाद ही मेरा प्रथम पुत्र रत्न जो पैदा तो हुआ मगर पूर्ण स्वस्थ्य होने के बाद जब देखा तो उसका सिर अति विकसित हो गया था जिसका 1 महिने बाद फिर हमीदिया हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवा लिया गया मगर वो बच ना सका और जून महीने में ही उसे शांत होने के बाद भोपाल के "छोला श्मशान कब्रिस्तान" में दफना दिया गया अब तब से यह महिना जून मुझे 10 जून की खुशी मनाने के साथ-साथ उसके जाने का ग़म भी देता है मगर फिर भी मेरी कोशिश यही रही की गम और खुशी से भरे जीवन में दोनों में सामंजस्य बना रहे यानी सीधे कहूँ तो "कभी खुशी कभी गम"। जो बच्चा मृत हुआ उसको श्रद्धांजली स्वरूप बच्चन साहब द्वारा बाद में 2013 में "पा" फिल्म बनाई गई जो बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों द्वारा खूब सराही गई प्रणाम करता हूं "पा " को🙏 ©AwadheshPSRathore_7773 #Hope उम्मीद पर दुनिया कायम है वर्ना सुख और दुख से भरी इस दुनिया में कौन अपना है कौन पराया ठीक से पता ही नहीं चलता। हालात ऐसे हो जाते हैं कभ
Shaarang Deepak
Shri Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा) chaupai (37 & 38) explained with Hindi meaning (हिंदी अनुवाद/ अर्थ) ॥ Let's Learn with The Mystic #भक्ति #hanumanjayanti #JaiShreeRam #Shorts #hanumanji #hanumanchalisa #hanumantemple #हनुमान_चालीसा #hanumanbhajan
read moreDevesh Dixit
आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट। हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान। लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान। संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार। जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार। भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार। हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं
#आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं #Poetry #sandiprohila
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Rathva Sanjay
White वो आँख बड़ी प्यारी थी जो उसने हमें मारी थी हम तो मुफ्त लुट गये यारो हमें क्या मालूम था उसे बाद रामदेव वाली बीमारी थी !! ©Rathva Sanjay #वो आँख बड़ी प्यारी थी जो उसने हमें मारी थी हम तो मुफ्त लुट गये यारो हमें क्या मालूम था उसे बाद रामदेव वाली बीमारी थी !!
वो आँख बड़ी प्यारी थी जो उसने हमें मारी थी हम तो मुफ्त लुट गये यारो हमें क्या मालूम था उसे बाद रामदेव वाली बीमारी थी !! #Comedy
read morePushpvritiya
हिय की मारी सोच अकिंचन, पिय जी झूठ बँधाय गयो मन.....!! @पुष्पवृतियाँ ©Pushpvritiya #चौपाई वैरागी मन तुम बिन प्रीतम, पीर न जाने किन् विध् हो कम...! कस्तूरी मृग बन कर साजन, तोहे ढूँढ़े भटके वन वन......!! विरहिन देह जलन जागे