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Dr Nutan Sharma Naval
दुर्मिल सवैया छंद मन में छवि प्रीतम की रखिके,मन के सब बंद किवाड़ करूं। बस मैं करती यह आस सखी,बिसरे मन मीत न,धीर धरूं। चित मोह लियो मनमोहन ने,अब श्याम बिना नहि काहु वरूं। तजकै दुनियां जब जान लगूं,वह सूरत नैनन माहि भरूं। ©Dr Nutan Sharma Naval #durmil sawaiya chhand
Godambari Negi
White सुभग सा गाँव मेरा है, वहीं मेरा बसेरा है। उठूँ जब मैं प्रभाती में, निहारे मग सवेरा है।। नहाऊँ रोज गंगा में, बड़ा आनंद है मिलता है, चढ़ाऊँ धार नित जल की, चमकता विश्व तारा है।। ©Godambari Negi #muktak
Gaurav Prateek
जब पलकें उठी चेहरा उनका दिखा | ऑंखों को मेरी सुकुन गहरा मिला || हकीकत में मेरे जब वो मिले मुझको | मेरे ख़्वाबों से भी हसीन वो सबेरा हुआ || ©Gaurav Prateek #trafficcongestion Kamalakanta Jena (KK) Ayaan dehlvi ( A D ) #muktak
Gaurav Prateek
छोड़कर अपनों को अपनों के लिए कमाने आ गए | त्याग अपनी ख़ुशी उनकी खुशियाँ जुटाने आ गए || ©Gaurav Prateek #trafficcongestion #muktak Kamalakanta Jena (KK) Ayaan dehlvi ( A D )
@Niv@tiya's
ज़रा सा मुस्करा दोगे खुशी होगी, अगर नजरे मिला लोगे खुशी होगी, तुम्हारा कुछ ना जायेगा सनम मेरे, दो पल जो पास में होगे खुशी होगी! ©@Niv@tiya's #oddone #do_lafzo_ki_kahani #do_pal_ka_saath #Love #jindgi #muktak #Life #sheroshayari
Chitra Vishal Srivastava
सच ढ़ूॅंढ़़ने अकेले ही निकलना पड़ता है बार-बार अपने आप से ही लड़ना पड़ता है एक दिन सच जीत जाता है और लगाकर गले कहता है तुम्हारी ये हार ही सबसे बडी जीत है ✍️ चित्रा ©Chitra V Srivastava सच #bicycleride #सच #nojohindi #Truth #Hindi #hindikavita #muktak
Dr Nutan Sharma Naval
मुक्तक खिल गए पुष्प फिर से बसंत में। सौंधी सी महक फिर से बसंत में। कूके कोकिल भी गुनगुनाती हुई। सब रहे हैं बहक फिर से बसंत में। ©Dr Nutan Sharma Naval #muktak#basant #nutannaval
Dr Nutan Sharma Naval
Jai Shri Ram मुक्तक गर बनो तो लखन जैसे भाई बनो। त्याग की मूर्ति भरत से स्थाई बनो। भावना दास की हनुमत जैसी हो। राघव से सभी के सहाई बनो। ©Dr Nutan Sharma Naval #jaishriram#muktak #nutannaval
Dr Nutan Sharma Naval
मनहरण घनाक्षरी छंद देख सांवरे की लट, चल रही अट पट, चुनरिया कहूं और, मैं तो कहूं और हूं।। देखिकै बिहारी जी कूं, सुध बुध खोए देऊं, सुन बंसी धुन मैं हूं,डोलूं चहुं ओर हूं।। रास हूं रचावै कान्हा, सब कूं रिझावै कान्हा, जौन डगर जावै मैं, जाऊं वही ठौर हूं।। ग्वाल बाल संग लै के,माखन चुराई लेत, ऐसी छवि देखबे कूं,बावरी सी भोर हूं। ©Dr Nutan Sharma Naval #manharan ghanakshari chhand#