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राजेन्द्र प्र०पासवान
आसमाँ को ज़मीं का जरा सहारा चाहिए चहकते पंछी को दरख़्त का किनारा चाहिए बिखरे न घर किसी का तेज हवा के झोंके में उल्फ़त के बाग़ों में दिलकश नज़ारा चाहिए #gif बज़्म #बज़्म
राजेन्द्र प्र०पासवान
ख़ौफ़ पैदा करना और ख़ुद भी ख़ौफ़ में जीना कोई जीना है । बिगड़े माहौल के चंद आक़ाओं ने तेरा तक़दीर लिखा है । वर्ना तू भी ज़िन्दगी जीने के लिए जद्दोजहद करते नज़र आता । ज़िन्दगी सबकी खुशी से गुजरती और तू उसमें हकदार नज़र आता । #बज़्म
राजेन्द्र प्र०पासवान
कविता मिटाने से नहीं मिटती है दिल की आशा दिल में जगी थी जो प्रेम की अभिलाषा मैं गुलाबों पर मंडराता था कभी-कभी गुलाबों ने हँस कर गले न लगाया कभी बाग़ों में जो आम का मंजर खिला था झुमती हवा में मनमोहक सुगंध फैली थी ऐसी मदमाती यौवन में मुझको मिली थी तू मेरे समक्ष ठहर कर क्या सोच रही थी तेरे-मेरे प्रेम अंकुरण की यही घड़ी थी क्या-क्या न शरारत सिखाती है पँछी, हवा गुजरूँ तेरी गली से तुझको बुलाती है हवा पँछी भी सुर में गाते हैं प्यार भरा नग़मा हवा भी दिल को छू कर जगाती है आशा #बज़्म
राजेन्द्र प्र०पासवान
फुर्सत मिली तो आऊँगा कभी बाकी जज़्बातें सुनाऊंगा सभी सैर गाँव का कर जाऊँगा कभी सबके आँगन में जाऊँगा कभी गीत ज़िन्दगी का सुनाऊंगा कभी सबकी ख़ैरियत सुनाऊंगा कभी जो पूछेगा कोई मेरे दिल का हाल कह दूँगा वक़्त नहीं है मेरे पास फ़ोन की घंटी बज रही है अभी सुनाऊंगा दिल का हाल कभी #बज़्म
राजेन्द्र प्र०पासवान
तेरे चेहरे पर जबसे उल्फ़त का नूर आया है जागी-जागी रात उलझी-उलझी साँझआई है 🌸 तेरे इशारे से सपनों की परियां जाग उठी है बनके कली कोई आँखों में झांकने आई है 🌸 दिल को नूर से मांजकर ,आइना बनाया हूँ मुझे देख फूलों की बग़िया भी नाच उठी है 🍃🌸🌱🍀🌹🌼🌻🌺🌿🌾🍃🌺 #बज़्म
कुमार_पवन
Aur batao kiski sarkar banegi is baar? शायर होने का नुकसान भी क्या खूब हुआ मुझे...! हमने कहा मोहब्बत हैं आपसे और वो बोले... वाह वाह क्या बात है....!! #बज़्म
Kuldeep Shrivastava
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग, जिन्हे कोई बहुत प्यार करने लगता है !! ©Kuldeep Shrivastava #बज़्म
राजेन्द्र प्र०पासवान
मुसाफ़िर हूँ चला जाऊँगा आज बाग़ों में खिल रहा हूँ कल यहीं बिखर जाऊँगा जाते-जाते महक जाऊँगा । 🌸 न किसी से कोई शिकवा है न ही किसी से गिला करूँगा अगर किसी को मुहब्बत है उसकी यादों में रह जाऊँगा । #बज़्म
राजेन्द्र प्र०पासवान
मेरी चाहत का बस इतना सा अफ़साना है किसी ने मुझसे खैरियत तक न पूछा था जब तुमने मुझसे गुफ़्तगू कर पहचाना था बस तुम्हारे इसी तोहफ़े का कर्जदार हुआ मुहब्बत तो हमदोनों ने नहीं की है मग़र बस मेरा दिल इश्क़ में तुम्हारा गुलाम हुआ #बज़्म